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केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLI-SFPI) के तहत 171 कंपनियों को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत अब तक 1,155.296 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की जा चुकी है। विशेष रूप से, MSME सेक्टर में 20 पात्र मामलों में 13.266 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है।
योजना का उद्देश्य और निवेश
PLI-SFPI योजना को केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2021 में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई थी। यह योजना 2021-22 से 2026-27 तक लागू की जा रही है। इस योजना के तहत अब तक 213 स्थानों पर 8,910 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे 2.89 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
क्या है योजना
इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण, वैल्यू एडिशन और कच्चे माल के स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि के साथ-साथ भारतीय ब्रांड्स को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिल रही है।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के अनुसार, यह योजना बड़ी कंपनियों, बाजरा आधारित उत्पादों, इनोवेटिव और ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट्स, एसएमई सेक्टर को सशक्त करने का काम कर रही है।
अन्य प्रमुख योजनाओं को भी मिला बढ़ावा
सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के तहत कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिसमें शामिल हैं:
- 41 मेगा फूड पार्क
- 394 कोल्ड चेन परियोजनाएं
- 75 एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर प्रोजेक्ट्स
- 536 फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
- 61 बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज प्रोजेक्ट्स
- 44 ऑपरेशन ग्रीन्स प्रोजेक्ट्स
इन परियोजनाओं के लिए सरकार ने 6,198.76 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की है।
संपदा योजना का विस्तार
केंद्रीय क्षेत्र की व्यापक योजना "संपदा - स्कीम फॉर एग्रो-मरीन प्रोसेसिंग एंड डेवलपमेंट ऑफ एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर्स" को मई 2017 में मंजूरी दी गई थी। इस योजना के लिए पहले 6,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। अब इस योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है, जिसमें 4,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है।
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मजबूती देने के लिए सरकार की ये योजनाएं न केवल स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही हैं। इससे भारतीय खाद्य उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी और देश की आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।