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GST काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला, अब होगी सिर्फ 5% और 18% की टैक्स स्लैब, 22 सितंबर से होगा लागू

जीएसटी काउंसिल की बैठक में बुधवार को पहले दिन कई फैसले लिए गए। जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को जूते और कपड़ों पर टैक्स की दरों में कुछ बड़े बदलावों को मंजूरी दे दी है। 

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Mukesh Pandit
Nirmala Sitaraman
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नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्क। गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल की बैठक शुरू हो गई। दो दिवसीय इस बैठक में बुधवार को पहले दिन कई फैसले लिए गए। जीएसटी काउंसिल ने जूते और कपड़ों पर टैक्स की दरों में कुछ बड़े बदलावों को मंजूरी दे दी है। पता चला है कि इससे ग्राहकों और कारोबारियों दोनों को राहत मिलेगी। वहीं एमएसएमई रजिस्ट्रेशन को लेकर भी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ये फैसले लिए गए। बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हुए है।

मध्यम वर्ग की वस्तुओं पर राहत

 56वीं GST परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "आम आदमी और मध्यम वर्ग की वस्तुओं पर पूरी तरह से कर कटौती की गई है।"जिन वस्तुओं पर GST घटाकर 5% कर दिया गया है, वे हैं हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, साबुन की टिकिया, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर और अन्य घरेलू सामान।जिन वस्तुओं पर GST 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है, वे हैं अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध, छेना और पनीर। सभी भारतीय रोटियों पर GST शून्य होगा। यानी रोटी हो या पराठा या जो भी हो, उन सभी पर GST शून्य होगा। 28% से घटाकर 18% - एयर कंडीशनिंग मशीनें, 32 इंच से बड़े टीवी, सभी टीवी पर अब 18%, डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, 350 के बराबर या उससे कम वाली मोटरसाइकिलें..."

जानिए कपड़े कितने हुए सस्ते?

न्यूज एजेंसी एनएनआई के अनुसार नए बदलाव के तहत अब 2500 रुपये तक के जूते-चप्पल और कपड़े 5% टैक्स के दायरे में आएंगे। पहले सिर्फ 1000 रुपये तक के सामान पर 5% जीएसटी लगता था, जबकि उससे ऊपर के सामान पर 12% टैक्स लगता था। अगर अब आप 2500 रुपये तक के जूते या चप्पल या कपड़े खरीदते हैं तो आपको पहले के मुकाबले फायदा होगा यानी ये चीजें आपको सस्ती मिलेंगी।

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दो स्लैब हुए खत्म

बुधवार को जीएसटी काउंसिल ने एक और बड़ा फैसला लिया। काउंसिल ने 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने का फैसला किया है। अब ज्यादातर चीजों को 5% और 18% के स्लैब में रखा जाएगा। इस बदलाव का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाना है। इससे नियमों का पालन करना आसान होगा, मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए चीजें सस्ती होंगी।

एमएसएमई रजिस्ट्रेशन में बदलाव

एमएसएमई रजिस्ट्रेशन में भी सरकार ने नए कारोबारियों को राहत दी है। एमएसएमई रजिस्ट्रेशन अब तीन दिनों में हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार, नए उपायों से एमएसएमई के लिए रजिस्ट्रेशन तीन दिनों में संभव हो जाएगा। अभी तक इसमें कई हफ्ते का समय लगता था। इस फैसले से छोटे उद्योगों का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाएगा। Diwali GST Gift | GST

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