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नहीं चलेगी मनमानी, GST Officers को बताना होगा गिरफ्तारी का आधार

GST अधिकारियों को अब किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी का आधार बताना आवश्यक होगा। इतना ही नहीं उन्हें अब 'गिरफ्तार व्यक्ति' से लिखित रूप में रसीद भी लेनी होगी। 

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Manish Tilokani
GST Officers must explain ground of arrest

GST Officers must explain ground of arrest

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

जीएसटी अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों के मामलों में कुछ बदलाव किये गये हैं। ये संशोधन गिरफ्तारी और जमानत के नियमों में किए गए हैं। दिशानिर्देशों को संशोधित करते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के कारणों के साथ-साथ, गिरफ्तारी का आधार भी बताया जाना चाहिए और उसे लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इससे गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी की पूरी जानकारी होगी।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिकारियों को अब गिरफ्तारी का आधार बताने के साथ रसीद भी लेनी होगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBDT) ने सोमवार को कहा कि जीएसटी अधिकारियों को अपराधियों को ‘गिरफ्तारी के आधार’ के बारे में बताने के साथ उनसे लिखित रसीद भी लेनी होगी। पहले जीएसटी अधिकारियों को केवल गिरफ्तारी के आधार के बारे में बताना होता था।  

क्षितिज घिल्डियाल वर्सेस डीजीजीआई केस में आया फैसला 

सीबीआईसी ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए कहा हैं कि जीएसटी अधिकारियों को अब अपराधियों को गिरफ्तारी के आधार को समझाना होगा। इसके साथ ही उनसे लिखित स्वीकृति भी प्राप्त करनी होगी। ये निर्देश क्षितिज घिल्डियाल बनाम डीजीजीआई (दिल्ली) मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के तहत हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा किया, जिसमें गिरफ्तारी के कारण और गिरफ्तारी के आधार के बीच अंतर को बताया गया है।

पहले ये था नियम 

इससे पहले अगस्त 2022 में जारी दिशानिर्देश के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों को गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में बताना था और गिरफ्तारी ज्ञापन में भी नोट करना था। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी के कारण और गिरफ्तारी के आधार में अंतर है। शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, गिरफ्तारी के कारण सामान्य प्रकृति के हैं, जबकि गिरफ्तारी के आधार आरोपी के व्यक्तिगत हैं।

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