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"IMF चौंक गया! VISA-MasterCard भी पीछे, जानिए — कैसे UPI ने भारत को बनाया दुनिया का डिजिटल पेमेंट बादशाह"

भारत UPI क्रांति के साथ दुनिया का सबसे तेज़ डिजिटल भुगतान करने वाला देश बन गया है, IMF भी मान रहा है ये बात! जून 2025 में 18.39 अरब UPI लेनदेन हुए, कुल ₹24 लाख करोड़ के! हर दिन 64 करोड़ से ज़्यादा ट्रांजैक्शन होते हैं, VISA से भी आगे।

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Ajit Kumar Pandey

"IMF चौंक गया! VISA-MasterCard भी पीछे, जानिए — कैसे UPI ने भारत को बनाया दुनिया का डिजिटल पेमेंट बादशाह" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।UPI ने बदल दी भारत की तस्वीर, डिजिटल भुगतान में बना वर्ल्ड लीडर। जानें कैसे इस भारतीय तकनीक से सिर्फ पूरी दुनिया की नहीं बल्कि IMF भी हैरान रह गया। और तो और VISA-MasterCard भी काफी पीछे छूट गए। UPI ने हर दिन करोड़ों लोगों के जीवन को आसान बनाया। यह सिर्फ एक भुगतान प्रणाली नहीं, बल्कि एक क्रांति है! आइए जानते हैं गर्व से भर देने वाली UPI पेमेंट सिस्टम की पूरी कहानी।

भारत ने डिजिटल भुगतान की दुनिया में वो मुकाम हासिल किया है, जिसकी कल्पना कुछ साल पहले तक नामुमकिन लगती थी। आज हमारा देश दुनिया में सबसे तेज़ डिजिटल भुगतान करने वाला राष्ट्र बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं भी मान रही हैं कि फ़ास्ट पेमेंट के मामले में भारत पूरी दुनिया में अग्रणी है। यह कोई छोटी बात नहीं, बल्कि एक ऐसी उपलब्धि है जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। UPI क्रांति ने भारत की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है।

क्या आपने कभी सोचा था कि एक दिन आप सुबह की चाय से लेकर बड़े-बड़े बिलों का भुगतान सिर्फ अपने स्मार्टफोन से, कुछ ही सेकंड्स में कर पाएंगे? यही तो है UPI का जादू! जून 2025 में ही, एक अविश्वसनीय आंकड़ा सामने आया: 18.39 अरब UPI लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि ₹24 लाख करोड़ से भी ज़्यादा थी। ये आंकड़े सिर्फ़ संख्याएं नहीं हैं, बल्कि भारत के हर घर, हर गली और हर दुकान में पसरी डिजिटल क्रांति की गवाही देते हैं।

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"IMF चौंक गया! VISA-MasterCard भी पीछे, जानिए — कैसे UPI ने भारत को बनाया दुनिया का डिजिटल पेमेंट बादशाह" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

कैसे UPI ने रचा इतिहास?

भारत में हर दिन 64 करोड़ से ज़्यादा ट्रांजैक्शन UPI के ज़रिए होते हैं। यह संख्या VISA और MasterCard जैसे वैश्विक दिग्गजों को भी पीछे छोड़ चुकी है। कल्पना कीजिए, हर मिनट लाखों लेन-देन, बिना किसी रुकावट के! यह सिर्फ़ एक तकनीक नहीं, बल्कि भरोसे और सुविधा का प्रतीक बन चुकी है। भारतीय रिज़र्व बैंक और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की दूरदर्शिता का ही नतीजा है कि आज UPI ने पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाई है।

भारत के कुल डिजिटल पेमेंट का 85% हिस्सा अब UPI के ज़रिए हो रहा है। इसका मतलब है कि लोग नकद या कार्ड की बजाय UPI को ज़्यादा पसंद कर रहे हैं। छोटे-मोटे किराना स्टोर से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक, हर जगह आपको UPI QR कोड दिख जाएंगे। यह भारत की डिजिटल समावेशिता की कहानी है, जहां शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में यह तकनीक तेज़ी से फैल रही है।

ग्लोबल लीडरशिप की कहानी: दुनिया भारत से सीख रही है

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पूरी दुनिया के कुल रियल टाइम ट्रांजैक्शन में अकेले भारत की हिस्सेदारी करीब 50% है। ये आंकड़े हमें बताते हैं कि हम सिर्फ़ अपने देश में नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल भुगतान के मामले में अगुवा बन चुके हैं। कई देश अब भारत के UPI मॉडल को अपने यहां लागू करने पर विचार कर रहे हैं। सिंगापुर से लेकर फ्रांस तक, कई देशों ने UPI को अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है। यह सिर्फ़ एक तकनीकी निर्यात नहीं, बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर का भी एक बेहतरीन उदाहरण है।

हाल ही में, फ्रांस में एफिल टॉवर पर UPI पेमेंट की सुविधा शुरू की गई, जो इस बात का सबूत है कि भारतीय नवाचार अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चमक रहा है। यह भारतीय टूरिस्ट्स के लिए तो सुविधा है ही, साथ ही यह दुनिया को दिखा रहा है कि भारत की तकनीक कितनी मज़बूत और विश्वव्यापी है। UPI क्रांति सिर्फ़ एक भुगतान प्रणाली नहीं, बल्कि भारत की नई पहचान बन चुकी है।

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"IMF चौंक गया! VISA-MasterCard भी पीछे, जानिए — कैसे UPI ने भारत को बनाया दुनिया का डिजिटल पेमेंट बादशाह" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

ग्रामीण भारत में UPI की गूंज

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क्या आपको पता है कि UPI का प्रभाव सिर्फ़ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है? इसने ग्रामीण भारत में भी एक नई लहर पैदा की है। छोटे कस्बों और गाँवों में, जहां बैंक शाखाएं दूर होती थीं और नकदी की समस्या आम थी, वहाँ UPI ने वित्तीय सेवाओं को घर-घर तक पहुँचा दिया है। किसान अब अपनी उपज का भुगतान सीधे अपने बैंक खातों में प्राप्त कर सकते हैं, और छोटे दुकानदार भी बिना किसी झंझट के डिजिटल भुगतान स्वीकार कर सकते हैं।

महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) से लेकर मनरेगा मजदूरों तक, हर कोई UPI का इस्तेमाल कर रहा है। इसने वित्तीय साक्षरता को भी बढ़ावा दिया है और लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा है। यह सिर्फ़ लेन-देन का माध्यम नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का ज़रिया बन गया है। UPI क्रांति ने सही मायने में 'डिजिटल इंडिया' के सपने को साकार किया है।

भविष्य की ओर: UPI का अगला पड़ाव

जिस तेज़ी से UPI ने भारत में अपनी जगह बनाई है, उससे यह साफ़ है कि इसका भविष्य उज्ज्वल है। सरकार और NPCI लगातार इसे और बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में हमें UPI के और भी नए फीचर्स देखने को मिल सकते हैं, जैसे क्रेडिट लाइन ऑन UPI, या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी देशों के साथ इसका जुड़ना।

विशेषज्ञों का मानना है कि UPI भारत की कैशलेस अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पारदर्शिता बढ़ाएगा, भ्रष्टाचार कम करेगा और आर्थिक गतिविधियों को तेज़ करेगा। यह सिर्फ़ एक भुगतान ऐप नहीं, बल्कि एक ऐसा इंजन है जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहा है। UPI क्रांति एक ऐसी कहानी है जो हर भारतीय को प्रेरणा देती है।

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"IMF चौंक गया! VISA-MasterCard भी पीछे, जानिए — कैसे UPI ने भारत को बनाया दुनिया का डिजिटल पेमेंट बादशाह" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

UPI: सुरक्षा और सुविधा का बेजोड़ संगम

बहुत से लोग सोचते हैं कि डिजिटल भुगतान सुरक्षित है या नहीं। लेकिन UPI ने सुरक्षा और सुविधा का एक बेहतरीन संतुलन बनाया है। इसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (PIN) और एन्क्रिप्शन जैसी अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों का इस्तेमाल होता है, जिससे आपके लेन-देन पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। साथ ही, इसका इंटरफ़ेस इतना आसान है कि कोई भी, यहाँ तक कि कम पढ़े-लिखे लोग भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।

आप अपने बैंक अकाउंट को UPI से लिंक कर सकते हैं और सीधे अपने बैंक से भुगतान कर सकते हैं, जिससे बीच के बिचौलियों की ज़रूरत खत्म हो जाती है। यह सिर्फ़ तेज़ नहीं, बल्कि ज़्यादा पारदर्शी और विश्वसनीय भी है। UPI क्रांति ने भुगतान के तरीके को पूरी तरह लोकतांत्रिक कर दिया है।

इसमें कोई शक नहीं कि UPI ने ज़बरदस्त सफ़लता हासिल की है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं जिन पर ध्यान देने की ज़रूरत है। इनमें डिजिटल साक्षरता को और बढ़ाना, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, और साइबर सुरक्षा खतरों से निपटना शामिल है। हालांकि, जिस तरह से भारत ने इन चुनौतियों का सामना किया है, उससे यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में UPI और भी मज़बूत होकर उभरेगा।

सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम कर रहे हैं ताकि हर भारतीय तक UPI की पहुंच हो और हर कोई इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन सके। यह सिर्फ़ एक तकनीक नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय गौरव का विषय बन चुकी है। UPI क्रांति सिर्फ़ एक शुरुआत है, भारत का डिजिटल भविष्य और भी रोमांचक होने वाला है।

आज, जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो पाते हैं कि कुछ ही सालों में भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक अविश्वसनीय छलांग लगाई है। UPI इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसने न सिर्फ़ भुगतान के तरीके को बदला है, बल्कि इसने लोगों के जीवन को आसान बनाया है, अर्थव्यवस्था को गति दी है और भारत को विश्व मंच पर एक डिजिटल लीडर के रूप में स्थापित किया है। यह एक ऐसी क्रांति है जो लगातार जारी है और जिसके लाभ आने वाली पीढ़ियों को भी मिलेंगे।

भारत में हर नागरिक के जीवन में UPI क्रांति ने एक अहम भूमिका निभाई है। यह डिजिटल सशक्तिकरण का एक जीता-जागता उदाहरण है, और दिखाता है कि कैसे सही नवाचार और नीतिगत समर्थन से एक देश आर्थिक रूप से कितना आगे बढ़ सकता है। इस असाधारण उपलब्धि पर हम सभी को गर्व है।

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