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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत के कॉरपोरेट डील मार्केट ने 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। इस कामयाबी ने पिछली छह तिमाहियों का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है। PwC की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान कुल 999 लेनदेन हुए जिनकी कुल कीमत 44.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (USD) रही। पिछली तिमाही से तुलना करें तो इस तिमाही की डील वॉल्यूम में 13 फीसदी और वैल्यू के मामले में 64 फीसदी का इजाफा हुआ है।
मर्जर एंड एक्विजिशन का रहा सबसे बड़ा रोल
एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया कि मर्जर एंड एक्विजिशन (M&A) ने इस वृद्धि को सबसे अधिक गति दी। तीसरी तिमाही में 518 एमएंडए डील्स दर्ज की गईं, जिनकी वैल्यू में 80% की छलांग लगी। औसतन हर एमएंडए डील का आकार 74 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछली तिमाही के 59 मिलियन डॉलर से काफी अधिक है। इस मुकाम को हासिल करने में घरेलू डील्स ने सबसे बड़ा योगदान दिया है, जो कुल 381 डील्स (30% वृद्धि) तक पहुंचीं। वहीं, क्रॉस-बॉर्डर डील्स में भी तेजी रही।
छह तिमाहियों में बढ़कर दो गुनी हो गईं भारत की डील
रिपोर्ट के मुताबिक इस तिमाही में प्राइवेट इक्विटी (PE) निवेश भी स्थिर रहे, जहां औसत डील साइज बढ़कर 38 मिलियन डॉलर पहुंच गया। रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले छह तिमाहियों में भारत की कुल डील वॉल्यूम 61 प्रतिशत बढ़ा, जबकि वैल्यू लगभग दोगुने तक पहुंच गई। PwC के अनुसार, भारत अब वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे गतिशील और वैल्यू-ड्रिवन डील मार्केट्स में से एक बन चुका है।
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