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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:भारत ने मानव विकास सूचकांक (HDI) में लगातार सुधार किया है, और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा मंगलवार को जारी 2025 की मानव विकास रिपोर्ट (HDR) में भारत 193 देशों में 130वें स्थान पर है। 2022 और 2023 के बीच भारत ने अपनी एचडीआई रैंकिंग को 133 से सुधारकर 130 तक पहुँचाया है, और एचडीआई मूल्य 2022 में 0.676 से बढ़कर 2023 में 0.685 हो गया है। रिपोर्ट में यह बताया गया कि भारत अब भी 'मध्यम मानव विकास' श्रेणी में है, जो उच्च मानव विकास की सीमा (एचडीआई = 0.700) के करीब पहुँच चुका है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया कि असमानता भारत के एचडीआई को 30.7 प्रतिशत तक कम करती है, जो क्षेत्र में सबसे अधिक हानि है। स्वास्थ्य और शिक्षा में असमानताओं में सुधार हुआ है, लेकिन आय और लिंग असमानताएं अभी भी बनी हुई हैं।
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देश का अब तक का उच्चतम
महिलाओं की श्रम बल भागीदारी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में सुधार की जरूरत है हालांकि संविधान में हालिया बदलावों के जरिए महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों का आरक्षण देने जैसे कदम सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा 71.7 वर्ष से बढ़कर 72.0 वर्ष हो गई है, जो देश का अब तक का उच्चतम स्तर है। जबकि अपेक्षित स्कूली शिक्षा के वर्ष लगभग अपरिवर्तित रहे, जो 12.96 से घटकर 12.95 वर्ष हो गए हैं।
एंजेला लुसिगी ने भारत की प्रगति पर दी बधाई
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यूएनडीपी इंडिया की रेजिडेंट प्रतिनिधि, एंजेला लुसिगी ने भारत की एचडीआई में प्रगति पर बधाई दी। उन्होंने कहा, "भारत का 2022 में 133वें स्थान से बढ़कर 2023 में 130वें स्थान पर आना मानव विकास के प्रमुख आयामों में निरंतर सुधार को दर्शाता है, खासकर शिक्षा और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय में।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत की जीवन प्रत्याशा अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है, जो महामारी से उबरने और दीर्घकालिक मानव कल्याण के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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