Advertisment

भारत का उद्योग क्षेत्र 2035 तक $3 trillion के अवसर करेगा पेश, Manufacturing Sector करेगा लीड

भारत का उद्योग क्षेत्र 2035 तक कृषि क्षेत्र को पीछे छोड़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 से 32 प्रतिशत का बड़ा हिस्सा हासिल कर लेगा। इसी के साथ, यह क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के नेतृत्व में 3 ट्रिलियन डॉलर के अवसर लाएगा।

author-image
Jyoti Yadav
India's industry sector will offer $3 trillion opportunities by 2035, manufacturing sector will lead
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत का उद्योग क्षेत्र 2035 तक कृषि क्षेत्र को पीछे छोड़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 से 32 प्रतिशत का बड़ा हिस्सा हासिल कर लेगा। इसी के साथ, यह क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के नेतृत्व में 3 ट्रिलियन डॉलर के अवसर लाएगा। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। विनिर्माण क्षेत्र के विकास में अग्रणी बनकर उभरने की उम्मीद है, जो 2035 तक औद्योगिक क्षेत्र का दो-तिहाई हिस्सा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लेगा।

Advertisment

सरकारी पहल इस वृद्धि को बढ़ावा दे रही

ओमनीसाइंस कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के साथ उच्च घरेलू खपत और 1 ट्रिलियन डॉलर के व्यापारिक निर्यात के लक्ष्य से इस वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, जो देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। वर्तमान में, यह भारत के प्रमुख विकास क्षेत्रों में से एक है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करता है। उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, ‘मेक इन इंडिया’ पहल, उदार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नीति, विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास जैसी सरकारी पहल इस वृद्धि को बढ़ावा दे रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत के महत्वाकांक्षी 1 ट्रिलियन डॉलर के व्यापारिक निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, व्यापारिक निर्यात को मौजूदा 450 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर करना चाहिए, जिसके लिए सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि दर की जरूरत होगी।

Advertisment

वैश्विक व्यापारिक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ी

वैश्विक व्यापारिक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2005 में 0.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 1.8 प्रतिशत हो गई है। भारत का व्यापारिक निर्यात वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 तक 18.8 प्रतिशत की 3-वर्षीय सीएजीआर और वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2024 तक 9.4 प्रतिशत की 5-वर्षीय सीएजीआर से बढ़ा है। ओमनीसाइंस कैपिटल के ईवीपी और पोर्टफोलियो मैनेजर अश्विनी शमी ने कहा, "कच्चे माल की उपलब्धता, कम श्रम लागत, मैन्युफैक्चरिंग के लिए अनुकूल कॉर्पोरेट कर दर और प्रोत्साहनों के माध्यम से सक्रिय सरकारी समर्थन के कारण भारत मैन्युफैक्चरिंग निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरना जारी रखेगा।"

सरकार चार चरणों में देशभर में नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एनआईसीडीपी) के तहत 11 औद्योगिक गलियारा परियोजनाएं विकसित कर रही है। 31 जुलाई, 2023 तक, डीपीआईआईटी ने औद्योगिक गलियारा परियोजना के लिए 9,900 करोड़ रुपए मंजूर और जारी किए हैं, जिनमें से 9,817 करोड़ रुपए पहले ही उपयोग किए जा चुके हैं। इससे 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार और 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जो सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान देगा।

Business News Today business news
Advertisment
Advertisment