Advertisment

टैरिफ संबंधी चिंताओं के बावजूद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत

शुक्रवार के 87.66 के मुकाबले स्थानीय मुद्रा 13 पैसे मजबूत होकर 87.53 पर खुली। तत्काल ट्रेडिंग रेंज 87.25 और 87.80 के बीच रहने की उम्मीद है। आज भारतीय रुपया मामूली बढ़त के साथ 87.51 पर खुलने की उम्मीद थी। 

author-image
Mukesh Pandit
Indian ruppees
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत एडिशनल टैरिफ के बीच सोमवार को भारतीय रुपया मजबूती के साथ खुला। भारत पर यह एडिशनल टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने वाला है। 15 अगस्त को होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने और भारत पर एडिशनल टैरिफ हटाने की उम्मीद के बीच रुपए में थोड़ी तेजी देखी जा सकती है।

घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार 

विश्लेषकों के अनुसार, शुक्रवार के 87.66 के मुकाबले स्थानीय मुद्रा 13 पैसे मजबूत होकर 87.53 पर खुली। तत्काल ट्रेडिंग रेंज 87.25 और 87.80 के बीच रहने की उम्मीद है। आज भारतीय रुपया मामूली बढ़त के साथ 87.51 पर खुलने की उम्मीद थी, जबकि बाजार अमेरिकी और घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं।  भारतीय बाजार का ध्यान 12 और 14 अगस्त को जारी होने वाले घरेलू उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर केंद्रित हैं।

भारतीय रुपए पर दबाव पड़ने की उम्मीद

अगर एडिशनल टैरिफ लागू किए जाते हैं तो निर्यात राजस्व में कमी, पूंजी बहिर्वाह और मुद्रास्फीति के दबाव के कारण शॉर्ट टर्म में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए पर दबाव पड़ने की उम्मीद है। भारत पर अमेरिका के नए शुल्कों से कपड़ा, चमड़ा और समुद्री खाद्य जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ने की आशंका है।  भारत ने इन शुल्कों की तीखी आलोचना करते हुए इन्हें 'अनुचित और अकारण' बताया है। 

सबसे कठोर शुल्क दर लागू की 

अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत की सबसे कठोर शुल्क दर लागू की है, जबकि चीन पर यह दर 30 प्रतिशत और तुर्की पर 15 प्रतिशत है, जबकि तीनों देश रूसी तेल का आयात करते हैं। सोमवार सुबह एशियाई व्यापार में ब्रेंट तेल की कीमतें 66.25 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गईं, जो पिछले सप्ताह की भारी गिरावट को जारी रखती है क्योंकि ट्रेडर्स को उम्मीद है कि रूस और अमेरिका के बीच आगामी वार्ता से यूक्रेन संघर्ष में कमी आएगी।

मुद्रास्फीति के आंकड़े और आर्थिक संकेतक

Advertisment

चीन ने जुलाई में मुद्रास्फीति के आंकड़े और आर्थिक संकेतक जारी किए, जिससे संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।  भारतीय शेयर बाजारों में इस सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली जारी रही, जो उभरते बाजारों में व्यापक जोखिम से बचने का संकेत है। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की जारी खरीदारी ने नुकसान को कम करने में मदद की।

Indian Rupee vs Dollar currency exchange rate currency market India
Advertisment
Advertisment