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शशांक भारद्वाज, सीनियर वीपी, चॉइस ब्रोकिंग
भारतीय शेयर मार्केट तेजड़ियों तथा मंदड़ियों के मध्य एक अभी तक के एक सबसे बड़े युद्ध के समय में हैं। एक अत्यंत भयानक सा युद्ध। दोनों अपनी पक्ष की दिशा में मार्केट को ले जाने का भरपूर प्रयास कर रहें हैं। पहले भी ऐसा होता था परन्तु उस समय इतनी तीव्रता से अल्प अवधि में ही मार्केट तेजी मंदी की दशा में सामान्यतया नहीं ही झूल रहे होते थे। पिछले सप्ताह तो कई बार एक व्यापारिक सत्र में ही निफ्टी में 100 अंको तक के कई उतार चढ़ाव, विचलन दिखा।
निफ्टी ऊपर नीचे झूले की तरह झूला
मंगलवार को निफ्टी के फ्यूचर तथा ऑप्शन सौदों के कटान के दिन निफ्टी ऊपर नीचे झूले की तरह झूला। फिर मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जो नकद संभाग में बड़ा क्रय किया था ,वो अगले दिन बुधवार को बिकवाली में परिवर्तित हो गया एवं ये विक्रय अगले दो दिनों में, सप्ताहांत शुक्रवार तक बना रहा। इससे बुधवार को बना उत्साहित वातावरण टिक नहीं रह पाया।निफ्टी में गिरावट आने लगी ।इससे अगले दो दिनों में 332 अंकों की तीव्र गिरावट दिखी।
टैरिफ घटाने संभावना पर मार्केट की कमजोर प्रतिक्रिया
सप्ताहांत में तेजी का वातावरण मंदी में परिवर्तित हो गया। जबकि इसी अवधि में अमेरिका में ब्याज दरों में .25 प्रतिशत की कमी का निर्णय आया,अमेरिका चीन में व्यापार समझौते की संभावना बढ़ी, भारत पर भी अमेरिकी टैरिफ कम करने की बात भी आई। परंतु भारतीय शेयर मार्केट में सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।लगता है ,पिछले कुछ दिनों में निफ्टी में जो लगभग 1500 अंकों की बढ़त आई थी,या तो मार्केट उसको पचाने का प्रयास कर रहा है अथवा 26000 निफ्टी को बहुत ऊंचा मान लाभ ले लिया जा रहा है,मंदड़ियें आक्रामक शॉर्ट की पोजीशन बना रहें हैं।
वित्तीय परिणाम की ऋतु
ऐसे में मार्केट, निफ्टी किसी कारण विशेष से 26000 के ऊपर बंद होने के सफल हो जाता है, तब मार्केट में एक बड़ी तेजी दिख सकती है। यह भारत अमरीका में नीची टैरिफ का व्यापार समझौते पर किसी सकारात्मक पहल के कारण हो सकता है। चूंकि भारत में 25 -26 वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के कंपनियों के वित्तीय परिणाम की ऋतु चल रही है, उससे मार्केट अभी बहुत अधिक शेयर विशेष पर केंद्रित हो गया है । अतः अभी निवेश निर्णय का आधार कम्पनियों के वित्तीय परिणाम ही होने चाहिए।
उछाल नहीं आया तो मंदड़ियों की पकड़ होगी मजबूत
पिछले सप्ताह अच्छे मूल्यांकन पर उपलब्ध शेयरों में अच्छा क्रय देखा गया। जो शेयर तकनीकी स्तर पर अच्छे हुए हैं, उनमें भी क्रय किया जा सकता है। यदि सोमवार ,मंगलवार को मार्केट में उछाल नहीं आता है तो फिर मार्केट में मंदड़ियों की पकड़ शक्तिशाली हो सकती है। आर्थिक मोर्चे पर अक्टूबर मे जीएसटी संग्रह 4.6 प्रतिशत बढ़ कर 1.96 लाख करोड़ रुपए आया है।जीएसटी दर में कमी के पश्चात यह अच्छा ही कहा जाएगा। महत्वपूर्ण बिहार चुनाव की तिथि निकट आते जा रही है तथा वहां बनती अवधारणा भी शेयर मार्केट की चाल,दिशा को प्रभावित कर सकते हैं। यदि भारतीय शेयर मार्केट पुनः तेजी की दिशा आरंभ करते हैं तो फिर एक व्यापक तथा बड़ी तेजी देखी जा सकती है। : stock market | stock | Indian Stock Market | stock market india | Stock Market Rally | stock market news
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