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वित्त वर्ष 2028 तक तीन गुना बढ़ेगा भारत का quick commerce market, 2 लाख करोड़ रुपये होगी वैल्यू

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का क्विक-कॉमर्स (क्यू-कॉमर्स) मार्केट वित्त वर्ष 2028 तक तीन गुना बढ़कर करीब 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो FY25 में अनुमानित 64,000 करोड़ रुपए होगा। यह ग्रोथ उपभोक्ता प्राथमिकताओं, और डिजिटल अपनाने के चलते हो रही है।

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Jyoti Yadav
India quick commerce market will grow three times by FY 2028
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मुंबई, आईएएनएस। भारतीय क्विक कॉमर्स (क्यू-कॉमर्स) मार्केट का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू तेजी से बढ़ने की ओर अग्रसर है, जो वित्त वर्ष 2025 के अनुमानित 64,000 करोड़ रुपए से लगभग तीन गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2028 तक लगभग 2 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। केयरएज रेटिंग्स की सहायक कंपनी केयरएज एडवाइजरी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का क्विक-कॉमर्स मार्केट वित्त वर्ष 2025 में लगभग 64,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2022-2025 के दौरान 142 प्रतिशत के शानदार सीएजीआर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि उपभोक्ता प्राथमिकताओं, हाइपरलोकल इंफ्रास्ट्रक्चर और कम आधार के कारण हो रही है।

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मजबूत बनी हुई है विकास दर

केयरएज एडवाइजरी एंड रिसर्च की वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख तन्वी शाह ने कहा, "हालांकि विकास दर मजबूत बनी हुई है, लेकिन अब तेजी से विस्तार से हटकर लाभप्रदता और परिचालन दक्षता को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। आगे चलकर, टियर 2 और 3 शहरों में डीप पेनिट्रेशन और टेक-लेड इनोवेशन भारत के क्यू-कॉमर्स परिदृश्य के अगले चरण को परिभाषित करेंगे।"शुल्क के माध्यम से जनरेट क्विक कॉमर्स मार्केट का राजस्व सरकारी राजस्व की तुलना में काफी तेजी से बढ़ा है।

शुल्क-आधारित राजस्व, जो वित्त वर्ष 2022 में 450 करोड़ रुपए था, वित्त वर्ष 25 में अनुमानित 10,500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है और वित्त वर्ष 2028 तक 34,500 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2028 तक 26-27 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि दर्शाता है।

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राजस्व प्राप्ति में वृद्धि हुई

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तेज वृद्धि प्रमुख खिलाड़ियों द्वारा प्लेटफॉर्म शुल्क में वृद्धि के कारण हुई है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व प्राप्ति में वृद्धि हुई है और कुल मिलाकर सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है। क्यू-कॉमर्स इंडस्ट्री अभी भी भारत के विशाल किराना बाजार का लगभग 1 प्रतिशत ही है, लेकिन यही बात इसे रोमांचक बनाती है।केयरएज एडवाइजरी एंड रिसर्च के सहायक निदेशक, आमिर शेख ने कहा, "जैसे-जैसे ज्यादा उपभोक्ता इसकी गति और सुविधा को अपना रहे हैं, वैसे-वैसे क्यू-कॉमर्स तेजी से बढ़ने वाला है, भले ही व्यापक किराना बाजार की वृद्धि स्थिर रहे।"

इस डिजिटल आधार ने ई-कॉमर्स और क्यू-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को तेजी से अपनाने में मदद की है। 2024 में भारत में 27 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन खरीदार थे, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-रिटेल यूजर बेस बन गया। 

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90 करोड़ से ज्यादा होगी संख्या

ई-कॉमर्स मार्केट 2024 में सालाना आधार पर 23.8 प्रतिशत बढ़ा और 2030 तक 21.5 प्रतिशत की सीएजीआर बनाए रखने की उम्मीद है। भारत में क्यू-कॉमर्स में उछाल बढ़ते डिजिटल अडॉप्शन और उपभोक्ताओं की खर्च करने की बढ़ती क्षमता की वजह से देखा जा रहा है। 2025 की शुरुआत तक देश में 1.12 अरब से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन और 80.6 करोड़ इंटरनेट यूजर्स दर्ज किए गए हैं, जो सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अनुमान है कि वर्ष के अंत तक यह संख्या 90 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। 

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