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ईश्योरेंस, रोजमर्रा के सामानों, जीवन रक्षक दवाओं पर नहीं लगेगा जीएसटी, देखें 49 सामानों की पूरी लिस्ट | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। सरकार ने रोजमर्रा के 49 सामानों पर से जीएसटी हटा दिया है, जिनमें दूध, पनीर, रोटी, ब्रेड, खाखरा और जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। इस फैसले से घर-गृहस्थी का खर्च कम होगा और परिवारों की बचत में बढ़ोतरी होगी। पिछले कुछ समय से बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी थी, लेकिन अब सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है।
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे देश के करोड़ों परिवारों के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी। इस फैसले के तहत, 49 जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर से जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जीएसटी में बदलाव का संकेत दिया था और अब यह बदलाव हकीकत बन गया है। रोजाना की जरूरतें अब हुईं सस्ती आज के दौर में हर छोटी-बड़ी चीज पर टैक्स देना पड़ता है। सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक, हर कदम पर जेब से पैसा निकलता है। लेकिन सरकार के इस कदम से अब कई जरूरी चीजें सस्ती हो गई हैं। ये वो सामान हैं, जिनका इस्तेमाल हम हर दिन करते हैं।
अल्ट्रा हाई टेंपरेचर मिल्क: पैक्ड दूध जो लंबे समय तक खराब नहीं होता, उस पर पहले 5% जीएसटी लगता था। अब यह पूरी तरह से शून्य कर दिया गया है।
पैक और लेबल वाला पनीर: अगर आप बाजार से पैक्ड पनीर खरीदते हैं, तो आपको उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
रोटी, पराठा, ब्रेड और चपाती: भारतीय घरों में रोज बनने वाली रोटी अब जीएसटी-मुक्त है। इसके अलावा, पैक्ड पराठे और ब्रेड पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
खाखरा और पिज्जा ब्रेड: स्नैक्स के शौकीनों के लिए भी अच्छी खबर है। खाखरा और पिज्जा ब्रेड पर भी लगने वाला जीएसटी हटा दिया गया है।
जीवन बचाने वाली दवाइयां और शिक्षा भी हुई टैक्स फ्री
सरकार का यह फैसला सिर्फ खाने-पीने की चीजों तक सीमित नहीं है। उसने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी राहत दी है।
जीवन रक्षक दवाइयां: 33 जीवन रक्षक दवाइयों पर पहले 12% जीएसटी लगता था, जिसे अब शून्य कर दिया गया है।
दुर्लभ बीमारियों की दवाएं: कैंसर और कुछ दुर्लभ बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली तीन प्रमुख दवाओं को भी जीएसटी-मुक्त कर दिया गया है। यह उन परिवारों के लिए एक बहुत बड़ी राहत है, जिनका इन बीमारियों के इलाज में लाखों रुपये खर्च हो जाता है।
शिक्षा का सामान: शिक्षा के खर्च को कम करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। नोटबुक, ग्राफ बुक और एक्सरसाइज बुक पर लगने वाला 12% जीएसटी अब शून्य हो गया है। इसके अलावा पेपरबोर्ड, हैंडमेड पेपर, नक्शे, एटलस, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर और इरेजर पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
सेवाएं : सभी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म कर दिया गया है।
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आम आदमी की बचत बढ़ेगी, खर्च होगा कम
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में लिए गए फैसलों का सीधा फायदा आम आदमी को होगा। जब रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स नहीं लगेगा, तो उनकी कीमतें कम हो जाएंगी। इससे परिवारों का मासिक बजट संतुलित रहेगा और उनकी बचत बढ़ेगी। यह फैसला न सिर्फ आर्थिक रूप से राहत देगा, बल्कि लोगों का सरकार पर विश्वास भी बढ़ाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम महंगाई पर नियंत्रण रखने में भी मदद करेगा। जब जरूरी सामान सस्ते होंगे, तो लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे बाजार में रौनक आएगी। यह फैसला अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।
अगर आप उन 49 सामानों की पूरी लिस्ट देखना चाहते हैं, तो आप जीएसटी काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसे देख सकते हैं। यह खबर सिर्फ टैक्स में कटौती की नहीं, बल्कि एक बेहतर भविष्य की उम्मीद है।
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