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Iran-Israel Tension का असर — दहला इंडियन शेयर मार्केट : लाखों निवेशकों की उम्मीद पर भारी चोट!

पश्चिम एशिया में तनाव से शेयर बाजार में हाहाकार! सेंसेक्स 511 अंक लुढ़का, निफ्टी 25K से फिसला। रुपये में भी गिरावट। भू-राजनीतिक उथल-पुथल ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई। जानें आपकी बचत पर क्या होगा असर और कैसे रहें सुरक्षित।

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Ajit Kumar Pandey
Iran-Israel Tension का असर — दहला इंडियन शेयर मार्केट : लाखों निवेशकों की उम्मीद पर भारी चोट! | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज सोमवार 23 जून 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रहा। ईरान इजरायल तनाव से बाजार में हड़कंप मचा रहा। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 511.38 अंक या 0.62 प्रतिशत टूटकर 81,896.79 अंक पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 140.50 अंक या 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,971.90 अंक पर आ गया। यह सिर्फ अंकों का खेल नहीं है, बल्कि लाखों निवेशकों की उम्मीदों पर पड़ी भारी चोट है। 

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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान इजरायल तनाव के बीच जारी भू-राजनीतिक तनाव वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। तेल की कीमतों में संभावित उछाल, व्यापार मार्गों में बाधाएं और बढ़ती अनिश्चितता ने निवेशकों को डरा दिया है। निवेशक इस समय जोखिम लेने से बच रहे हैं, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर दिख रहा है।

क्यों हो रहा है ऐसा? समझिए पूरा गणित

ईरान इजरायल तनाव से तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका प्रबल हो जाती है। भारत अपनी तेल जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा ईरान से आयात करता है, इसलिए तेल महंगा होने का मतलब है हमारी अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा होता है, कंपनियों की लागत बढ़ती है और अंततः इसका असर कंपनियों के मुनाफे और शेयर की कीमतों पर पड़ता है।

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इसके अलावा, वैश्विक निवेशकों की नजर भी ईरान इजरायल तनाव पर टिकी हैं। अगर वहां स्थिति बिगड़ती है, तो वे उभरते बाजारों से अपना पैसा निकालना शुरू कर देते हैं, जिससे विदेशी निवेश में कमी आती है और शेयर बाजार में गिरावट और तेज हो जाती है। सोमवार 23 जून 2025 को रुपये की गिरावट भी इसी बात का संकेत है। डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे कमजोर होकर 86.76 के स्तर पर बंद हुआ, जो बताता है कि विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकाल रहे हैं।

क्या करें निवेशक? घबराएं नहीं, समझदारी से लें काम

इस तरह की बाजार गिरावट में अक्सर छोटे निवेशक घबरा जाते हैं और जल्दबाजी में फैसले ले लेते हैं। लेकिन अनुभवी निवेशक जानते हैं कि ऐसे समय में धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। अगर आपने किसी अच्छी कंपनी में निवेश किया है और उसके फंडामेंटल मजबूत हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और दीर्घकालिक निवेश अक्सर ऐसे झटकों को झेल जाता है।

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हालांकि, अगर आप नए निवेशक हैं या आपने हाल ही में कुछ जोखिम भरे शेयरों में निवेश किया है, तो सतर्क रहने की जरूरत है। बाजार के विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे समय में किसी भी तरह के बड़े फैसले लेने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। अपनी निवेश रणनीति की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आपका पोर्टफोलियो वर्तमान स्थिति के अनुसार संतुलित है।

आगे क्या? बाजार की नजर पश्चिम एशिया पर

आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार की चाल काफी हद तक पश्चिम एशिया में जारी भू-राजनीतिक तनाव पर निर्भर करेगी। अगर तनाव कम होता है या कोई सकारात्मक खबर आती है, तो बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन अगर स्थिति और बिगड़ती है, तो बाजार में और गिरावट संभव है।

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सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक भी इस स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं। वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर न पड़े। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं, इसलिए सतर्क रहना ही समझदारी है।

इस भू-राजनीतिक तनाव के बीच आपकी निवेश रणनीति क्या है? क्या आप बाजार में बने रहेंगे या अपना पोर्टफोलियो बदलेंगे? नीचे कमेंट करके हमें बताएं! 

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