नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: आयकर विभाग (Income Tax) ने पेशेवर और कारोबारी आय वाले व्यक्तियों तथा अविभाजित हिंदू परिवारों (एचयूएफ) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म-3 को आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अधिसूचित कर दिया है। यह फॉर्म 30 अप्रैल 2025 को जारी किया गया, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। आयकर विभाग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस बात की जानकारी दी। आईटीआर-3 उन व्यक्तियों और एचयूएफ द्वारा भरा जाता है जिनकी आय व्यवसाय या किसी पेशे से होती है।
यह किए गए बदलाव
नए बदलावों के तहत फॉर्म में अब उन करदाताओं को संपत्ति और देनदारियों की जानकारी देनी होगी जिनकी कुल परिसंपत्तियों का मूल्य एक करोड़ रुपये या उससे अधिक है। पहले यह सीमा 50 लाख रुपये थी। इस संशोधन से मध्यम आय वर्ग के करदाताओं पर खुलासे का बोझ काफी हद तक कम हो गया है। नए फॉर्म में पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) को लेकर भी स्पष्टता लाई गई है। अब पूंजीगत लाभ को इस आधार पर अलग-अलग दर्ज करना होगा कि वह 23 जुलाई 2024 से पहले हुए हैं या इसके बाद। इसका मकसद बजट 2024 में रियल एस्टेट पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से जुड़े बदलावों को लागू करना है। बजट में प्रस्तावित किया गया था कि यदि रियल एस्टेट से होने वाला लाभ इंडेक्सेशन के साथ हो तो उस पर 20 प्रतिशत कर लगेगा, जबकि बिना इंडेक्सेशन के यह दर 12.5 प्रतिशत होगी। इससे करदाताओं को सही टैक्स कैलकुलेशन करने में सुविधा होगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
बदलाव प्रकिया को बना देंगे आसान
कर सलाहकार फर्म एकेएम ग्लोबल के पार्टनर संदीप सहगल ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस बार आईटीआर फॉर्म-3 में जो बदलाव किए हैं, वे उन करदाताओं के लिए अनुपालन प्रक्रिया को काफी आसान बना देंगे जो पेशे या व्यापार से आय अर्जित करते हैं। उनके अनुसार यह कदम सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसमें कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के लिए सुलभ बनाया जा रहा है। आईटीआर-3 विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो एक व्यक्ति या एचयूएफ के रूप में फाइल करते हैं और उनकी आय का प्रमुख स्रोत व्यवसाय या स्वतंत्र पेशेवर सेवाएं होती हैं। साथ ही वे लोग जो ब्याज, किराया या अन्य स्रोतों से भी आय अर्जित करते हैं लेकिन किसी कंपनी के निदेशक नहीं हैं और उनके पास कोई विदेशी संपत्ति नहीं है, वे भी इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
नए फॉर्म में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए
नया अधिसूचित फॉर्म यह संकेत देता है कि आयकर विभाग करदाताओं की विविध श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को ज्यादा व्यवहारिक और सरल बनाना चाहता है। आयकर विभाग ने व्यवसाय या पेशे से आय कमाने वाले व्यक्तियों और अविभाजित हिंदू परिवारों (HUF) के लिए आकलन वर्ष 2025-26 हेतु ITR फॉर्म-3 को 30 अप्रैल, 2025 को अधिसूचित कर दिया है। नए फॉर्म में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिनका उद्देश्य करदाताओं के अनुपालन को सरल बनाना और खुलासे के बोझ को कम करना है।