नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अडाणी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत सरकार को कुल 74,945 करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान किया है। इस अद्वितीय योगदान में सबसे बड़ी भूमिका अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी सीमेंट, अडाणी पोर्ट्स और अडाणी ग्रीन एनर्जी की रही। यह भुगतान न केवल ग्रुप की वित्तीय मजबूती को दर्शाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में उसकी जिम्मेदारी को भी रेखांकित करता है।
टैक्स भुगतान का रिकॉर्ड जो बना मिसाल
देश की अर्थव्यवस्था में जब कॉर्पोरेट टैक्स की भूमिका पर चर्चा होती है, तो अडाणी ग्रुप ने 2024-25 में जो आंकड़ा पेश किया है, वह हर किसी के लिए चर्चा का विषय बन गया है। 74,945 करोड़ रुपये का टैक्स देकर अडाणी ग्रुप ने खुद को भारत के सबसे बड़े टैक्स योगदानकर्ताओं में शामिल कर लिया है।
किन कंपनियों ने दी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी?
अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में से चार प्रमुख कंपनियों ने टैक्स भुगतान में सबसे बड़ा योगदान दिया:
अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL): समूह की होल्डिंग और प्रमुख व्यावसायिक कंपनी।
अडाणी सीमेंट लिमिटेड (ACL): निर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत करती यह कंपनी देश के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है।
अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ): भारत के बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अग्रणी।
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL): नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी काम कर रही है।
इन चारों कंपनियों ने मिलकर अडाणी ग्रुप के कुल टैक्स भुगतान का एक बड़ा हिस्सा दिया है, जो कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
टैक्स का ये आंकड़ा क्या कहता है?
कॉर्पोरेट टैक्स भुगतान किसी भी देश की राजकोषीय स्थिति का आईना होता है। अडाणी ग्रुप का यह योगदान केंद्र सरकार के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य योजनाओं में निवेश के लिए मजबूती प्रदान करता है। खासकर GST और डायरेक्ट टैक्स के संयोजन से यह आंकड़ा भारत के आर्थिक स्वास्थ्य को बेहतर स्थिति में दिखाता है।
आलोचनाओं के बीच जवाब है ये पारदर्शिता
बीते वर्षों में अडाणी ग्रुप पर कई बार सवाल उठे हैं—चाहे वह रिपोर्टिंग ट्रांसपेरेंसी हो या विदेशी निवेशकों की भूमिका। ऐसे में इतनी बड़ी टैक्स पेमेंट का सार्वजनिक करना ना केवल जवाबदेही की मिसाल है, बल्कि कॉर्पोरेट ईमानदारी का संकेत भी।
टैक्स भुगतान से क्या बदलेगा?
सरकारी योजनाओं को मिलेगा प्रोत्साहन : शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए टैक्स भुगतान की यह राशि एक महत्वपूर्ण पूंजी बन सकती है।
निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा : शेयर बाजार में निवेशकों को जब ये दिखता है कि कोई कंपनी न केवल मुनाफा कमा रही है बल्कि सरकार को ईमानदारी से टैक्स भी दे रही है, तो उनका विश्वास बढ़ता है।
ग्लोबल लेवल पर इमेज मजबूत : अडाणी ग्रुप की यह पहल भारत के कॉर्पोरेट सेक्टर की ग्लोबल ब्रांडिंग को भी बेहतर करेगी।
कॉर्पोरेट टैक्स में अडाणी की जगह कहां है?
2024-25 में जिन कंपनियों ने सर्वाधिक टैक्स भुगतान किया, उनमें TCS, Reliance, Infosys के साथ अब अडाणी ग्रुप भी प्रमुख नाम बन गया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि समूह ने ना केवल खुद को वित्तीय रूप से पुनर्स्थापित किया है, बल्कि सरकार की नीतियों के अनुरूप खुद को ढाला भी है।
अडाणी ग्रुप की रणनीति क्या रही?
विविध सेक्टर्स में निवेश: सीमेंट, ऊर्जा, पोर्ट्स और डेटा सेंटर तक फैलाव।
ट्रांसपेरेंसी को प्राथमिकता: टैक्स पेमेंट, ESG रिपोर्टिंग में सुधार।
स्थानीय से ग्लोबल: भारत के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और इजरायल तक कारोबार का विस्तार।
विपक्ष और आलोचकों को जवाब
कुछ समय पहले तक अडाणी ग्रुप विपक्ष और मीडिया की आलोचना का केंद्र रहा है। टैक्स भुगतान से यह एक सकारात्मक इशारा है कि समूह प्रोफेशनल बिज़नेस एथिक्स को लेकर गंभीर है।
अडाणी ग्रुप ने 2024-25 में 74,945 करोड़ रुपये का टैक्स देकर एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर को जवाबदेही और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में प्रेरित करती है। एक समय था जब सिर्फ मुनाफे की बात होती थी, अब जिम्मेदारी और राष्ट्रसेवा की भी बात होने लगी है।
क्या आप इससे सहमत हैं? टैक्स देने वाली कंपनियों की पारदर्शिता से देश को फायदा होता है? नीचे कमेंट करें और अपनी राय ज़रूर दें।
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