नई दिल्ली, आईएएनएस । नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और कहा कि एक्सचेंज, उनके विजन और मिशन को सक्षम बनाने और योगदान देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में वित्त मंत्री सीतारमण के दृढ़ नेतृत्व, संकल्प और 'विकसित भारत' के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की।
आपके विजन और मिशन को सक्षम बनाने के दृढ़ संकल्पित है एनएसई
उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'वित्त मंत्री सीतारमण, आपके समय के लिए धन्यवाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत 2047 के लिए आपका दृढ़ नेतृत्व, संकल्प और प्रतिबद्धता हम सभी को प्रेरित करती है।'
उन्होंने आगे कहा कि 'हम एनएसई आपके विजन और मिशन को सक्षम बनाने और योगदान देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।'
एनएसई के सीईओ चौहान ने निर्मला सीतारमण के ऑफिस द्वारा एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कहा गया था, 'आशीष कुमार चौहान, एनएसई के एमडी और सीईओ, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले।'
भारत की सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी बनी एनएसई
पिछले सप्ताह, एनएसई 1,00,000 से अधिक शेयरधारकों के साथ भारत की सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी बन गई। यह एनएसई को देश की उन कुछ संस्थाओं में से एक बनाता है, जिनके पास इतनी बड़ी संख्या में निवेशक हैं, क्योंकि भारत में बहुत कम सूचीबद्ध कंपनियां शेयरधारक आधार के समान स्तर को प्राप्त करने में सफल रही हैं।
शेयरधारकों की संख्या में यह शानदार वृद्धि एक्सचेंज में मजबूत निवेशक रुचि को दर्शाती है, जो देश के फाइनेंशियल इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एनएसई ने भारत के प्रतिभूति बाजार में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति के कारण लगातार ध्यान आकर्षित किया है, जो इक्विटी, डेरिवेटिव और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में व्यापार के लिए एक प्रमुख मंच है।
पिछले वित्त वर्ष में एनएसई का शुद्ध लाभ 47 प्रतिशत बढ़ा
31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए एनएसई ने कंसोलिडेटेड कुल आय में 17 प्रतिशत की सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की, जो 19,177 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इसकी फाइलिंग के अनुसार, वित्त वर्ष के लिए शुद्ध लाभ 47 प्रतिशत बढ़कर 12,188 करोड़ रुपए हो गया।
विशेष रूप से, एक्सचेंज ने सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी), स्टांप ड्यूटी, सेबी फीस, आयकर और जीएसटी सहित विभिन्न शुल्कों के माध्यम से वित्त वर्ष 2025 में भारतीय खजाने में 59,798 करोड़ रुपए का योगदान दिया।