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Gaming Regulation रियल-मनी गेम में 45 करोड़ भारतीय हर साल गंवा रहे थे 20,000 करोड़

रियल-मनी गेम में करीब 45 करोड़ भारतीय हर साल 20,000 करोड़ रुपए गवां रहे थे। यह कई सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहे थे। इनमें कर्ज के कारण आत्महत्या और बच्चों द्वारा अनजाने में माता-पिता की पूरी सेविंग्स ऑनलाइन गेम में दांव पर लगाना आदि शामिल था।

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Mukesh Pandit
Online Gaming

सांकेतिक तस्वीर

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नई दिल्ली,आईएएनएस।सरकार ने द प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लाकर देश के युवाओं को नई दिशा देने का काम किया है। इससे एक तरफ रियल-मनी गेम पर रोक लग जाएगी, तो दूसरी तरफ ई-स्पोर्ट्स और एजुकेशन प्लेटफॉर्म को बढ़ावा मिलेगा। सरकारी अनुमान के मुताबिक, रियल-मनी गेम में करीब 45 करोड़ भारतीय हर साल 20,000 करोड़ रुपए गवां रहे थे। यह कई सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहे थे। इनमें कर्ज के कारण आत्महत्या और बच्चों द्वारा अनजाने में माता-पिता की पूरी सेविंग्स ऑनलाइन गेम में दांव पर लगाना आदि शामिल था।

ऑनलाइन गेम के भविष्य को सही दिशा मिलने की उम्मीद

सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल सभी पक्षकारों की सहमति से मिलकर बनाया है। संपूर्ण दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए वित्त, खेल और आईटी मंत्रालयों के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), बैंकों, अभिभावक संगठनों और गेमिंग उद्योग से भी जानकारी ली गई।इस बिल से देश में ऑनलाइन गेम के भविष्य को सही दिशा मिलने की उम्मीद है।

48.8 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं

रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में मौजूदा समय में 48.8 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं। इस आंकड़ा 2025 के अंत तक 50 करोड़ के पार जा सकता है। वहीं, ई-स्पोर्ट्स की व्यूअरशिप 2025 के अंत तक 64 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है। 2024 में गेमिंग स्टार्टअप ने 3,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया था, जो कि 2025 में 5,000 करोड़ रुपए तक जाने की उम्मीद है।

प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पर इंडस्ट्री लीडर्स और लीगल एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि इससे देश में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा।एक्सपर्ट्स ने कहा कि यह कानून न सिर्फ ई-स्पोर्ट्स को मान्यता देता है, बल्कि एडिक्शन, वित्तीय सुरक्षा, फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे सामाजिक मुद्दों को संबोधित करता है।

धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए प्रतिबद्ध

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अर्थशास्त्र लीगल के संस्थापक सदस्य गौरव सहाय ने कहा कि यह विधेयक व्यापक है क्योंकि यह सर्विस प्रोवाइडर्स और सुविधाएं देने वालों से लेकर ऐसे खेलों को बढ़ावा देने वालों तक, सभी पर लागू होता है।उन्होंने आगे कहा कि यह कानून सभी प्रकार के रियल-मनी खेलों पर प्रतिबंध लगाकर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।

एस8यूएल के सह-संस्थापक और सीईओ अनिमेष अग्रवाल ने इस विधेयक को भारतीय ई-स्पोर्ट्स के लिए एक "ऐतिहासिक मोड़" बताया।उन्होंने कहा कि कौशल-आधारित गेमिंग और सट्टेबाजी के बीच एक स्पष्ट रेखा खींचकर, यह कानून संरचित विकास के लिए जगह बनाते हुए इकोसिस्टम की अखंडता की रक्षा करता है।Online Gaming Bill, Real Money Games, Indian Gaming Industry, Gaming RegulationOnline Gaming Bill 2025 | Online Gaming Bill India | Online betting ban 2025 Gaming Regulation Bill India

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