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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में घटकर 2.2% रहने की उम्मीद है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 2.6% के अनुमान से काफी कम है। यह अनुमान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है। एएनआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति में यह बड़ी गिरावट मुख्य रूप से खाद्य एवं पेय पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, "हम उम्मीद करते हैं कि FY26 में औसत CPI मुद्रास्फीति 2.2% रहेगी, जो RBI के 2.6% के अनुमान से काफी नीचे है।"
99 माह के सबसे निचले स्तर पर मुद्रास्फीति
सितंबर 2025 में भारत की CPI मुद्रास्फीति घटकर 1.54% पर आ गई, जो पिछले 99 महीनों का सबसे निचला स्तर है। अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 तक खाद्य समूह की हिस्सेदारी मुद्रास्फीति में सकारात्मक से नकारात्मक में बदल गई, जिससे कुल मुद्रास्फीति में भारी कमी आई। रिपोर्ट में कहा गया कि मई से खाद्य कीमतों में मामूली मौसमी बढ़ोतरी के बावजूद, पिछले साल के उच्च आधार प्रभाव ने मुद्रास्फीति को गिरावट के मार्ग पर बनाए रखा। वहीं, सोने को छोड़कर कोर CPI वर्तमान में 3.28% पर है।
एसबीआई ने लक्ष्य से चूकने का जोखिम बताया
SBI की रिपोर्ट ने कहा कि RBI यदि बाजार के शोर पर अधिक ध्यान देता रहा, तो मुद्रास्फीति लक्ष्य से चूकने का जोखिम बढ़ सकता है, जबकि आंकड़े स्पष्ट रूप से गिरती मुद्रास्फीति की ओर इशारा कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि केंद्रीय बैंक के दीर्घकालिक आंकड़े उसकी अपनी भविष्यवाणियों से मेल नहीं खा रहे हैं। SBI ने सुझाव दिया कि RBI को सतर्क रुख की बजाय ब्याज दरों में कटौती पर विचार करना चाहिए, ताकि नीति "कर्व के पीछे" न रह जाए। रिपोर्ट के अनुसार, अगले महीने मुद्रास्फीति और घटकर 0.45% तक आ सकती है, जिससे निर्णायक मौद्रिक नीति कार्रवाई की ज़रूरत बढ़ जाती है। FY27 के लिए मुद्रास्फीति अनुमानित रूप से 3.7% रहने की संभावना है, जो भविष्य में मूल्य स्थिरता की दिशा में संकेत देता है।
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