Advertisment

SBI Research Report में बड़ा खुलासा, ट्रंप की टैरिफ होगी बेअसर, जानें कैसे ? पढ़ें पूरी Report

SBI Research की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि India पर US Trade रेसिप्रोकल Tariff का प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत अपने निर्यात में विविधता ला चुका है साथ ही मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) पर जोर दिया जा रहा है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
SBI RESEARCH REPORT

SBI RESEARCH REPORT

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । 

सोमवार को आई SBI Research Report में बताया गया है कि भारत पर यूएस ट्रेड रेसिप्रोकल टैरिफ का प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत अपने निर्यात में विविधता ला चुका है साथ ही मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, भारत वैकल्पिक क्षेत्रों की खोज कर कर रहा है, यूरोप से मध्य पूर्व के माध्यम से अमेरिका तक नए मार्गों पर काम कर रहा है और नए सप्लाई चेन एल्गोरिदम को फिर से तैयार कर रहा है। 

रिपोर्ट में बताया गया कि निर्यात में गिरावट 3-3.5 प्रतिशत की सीमा में रहने की उम्मीद है, जिसे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों मोर्चों पर उच्च निर्यात लक्ष्यों के जरिए सुधारा जाना चाहिए।

भारत पर यूएस टैरिफ का नगण्य प्रभाव

Advertisment

एसबीआई रिसर्च की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत पर यूएस ट्रेड रेसिप्रोकल टैरिफ का प्रभाव नगण्य रहने की संभावना है। यह इसलिए है क्योंकि भारत ने अपने निर्यात में विविधता लाई है, मूल्यवर्धन पर ध्यान केंद्रित किया है और वैकल्पिक बाजारों की खोज कर रहा है।

निर्यात में गिरावट की संभावना

रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात में 3-3.5 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है, लेकिन इसे विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में उच्च निर्यात लक्ष्यों के माध्यम से आसानी से पूरा किया जा सकता है।

Advertisment

भारत को मिल सकता है लाभ

भारत को पिछले सप्ताह अमेरिका द्वारा लगाए गए एल्यूमीनियम और स्टील टैरिफ से लाभ मिलने की संभावना है। भारत का अमेरिका के साथ एल्यूमीनियम व्यापार में 13 मिलियन डॉलर और स्टील व्यापार में 406 मिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है, जिसका भारत फायदा उठा सकता है।

इन्हें भी पढ़ें:

Advertisment

द्विपक्षीय वार्ता

यूएस रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होने की उम्मीद है और इस समय नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच गहन द्विपक्षीय वार्ता चल रही है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा की।

मुक्त व्यापार समझौते (FTA)

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, भारत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कई साझेदारों - द्विपक्षीय और क्षेत्रीय दोनों - के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है। भारत ने पिछले पांच वर्षों में मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं।

भविष्य की योजनाएं

भारत यूके, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए पर बातचीत कर रहा है, जिसमें सेवाओं, डिजिटल व्यापार और सतत विकास जैसे क्षेत्रों को लक्षित किया गया है। भारत और न्यूजीलैंड ने भी एक व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए के लिए बातचीत शुरू करने की घोषणा की है।

डिजिटल व्यापार पर ध्यान

रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य के एफटीए संभवतः डिजिटल व्यापार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अनुमानों से पता चलता है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़ सकती है।

मुख्य बिंदु

  • भारत पर यूएस टैरिफ का प्रभाव नगण्य रहने की संभावना है।
  • निर्यात में 3-3.5 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है, लेकिन इसे आसानी से पूरा किया जा सकता है।
  • भारत को एल्यूमीनियम और स्टील टैरिफ से लाभ मिल सकता है।
  • भारत कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है।
  • भविष्य के एफटीए डिजिटल व्यापार पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
  • यह रिपोर्ट भारत की व्यापार नीतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में एक विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत
  • यूएस टैरिफ के संभावित प्रभावों से निपटने के लिए तैयार है।
Advertisment
Advertisment