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विश्व में तो कई युद्ध चल ही रहें हैं, भारतीय शेयर मार्केट में भी एक युद्ध चल रहा है, वो है भारतीय अच्छे आर्थिक कारकों तथा भू राजनीतिक संकटों के युद्ध के मध्य। भारत में अच्छे आर्थिक कारक हैं, सर्वाधिक ऊंची विकास दर की अर्थव्यवस्था, विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते पग,अच्छा मानसून, अच्छा खाद्यान्न उत्पादन, रक्षा उत्पादों की श्रेष्ठता, घटती ब्याज दरें एवं मुद्रास्फीति, रिकॉर्ड संख्या में बढ़ते डीमैट खाते आदि आदि।
युद्ध ने बिगाड़ दी है शेयर मार्केट की चाल
सबसे बड़ी भू राजनीतिक चिंता है इजराइल तथा ईरान के मध्य युद्ध। यदि यह युद्ध नहीं होता तो भारतीय शेयर मार्केट में अर्थव्यवस्था के अच्छे कारकों के कारण बड़ी उछाल देखने को मिल सकता था। संभवतः इसीलिए पिछले सप्ताह निफ्टी में 166 अंकों की तेजी रही। इजराइल ईरान युद्ध के बाद भी निफ्टी में शुक्रवार को 319 अंकों की बढ़त आई, लग रहा था कि भारत तो इस युद्ध के प्रभावों को आत्मसात कर ले रहा है परंतु रविवार को अमेरिका के द्वारा ईरान पर आक्रमण ने पुनः विकट परिस्थितियां उत्पन्न कर दी है।
होमुर्ज जलडमरूमध्य मार्ग बाधित होने से उछलेगा तेल
यद्यपि कई बार शेयर मार्केट तात्कालिक नकारात्मक कारकों की अवहेलना कर भविष्य की दीर्घकालीन सकारात्मकता को देख एंटी क्लाइमेक्स भी दिखाते दिखें हैं। इस दृष्टिकोण से सोमवार को शेयर बाजार का प्रदर्शन महत्वपूर्ण होगा।
ईरान के द्वारा होमुर्ज जलडमरूमध्य मार्ग को बाधित कर देने की संभावना के समाचार आए हैं, जिनसे वैश्विक क्रूड आपूर्ति का 20 प्रतिशत परिवहन होता है। ईरान ऐसा करता है, करने में सफल हो जाता है तो इससे क्रूड के मूल्यों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है।यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तो लागत बढ़ाएगा ही, भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वैसे भारत में नीचे मूल्यों पर क्रूड क्रय करने की व्यवस्था कर रखी है,रूस तथा अन्य राष्ट्रों से क्रय करता भी रहा है।यदि भारत इसमें सफल रहा तो फिर क्रूड तेजी का झटका बहुत सीमा तक संभाल भी सकता है।तब भारतीय शेयर मार्केट क्रूड के मूल्यों में बड़ी बढ़त के कारण तो बहुत अधिक नहीं भी गिर सकता है।
क्रूड तय करेगा शेयर मार्केट की चाल निर्धारित करेंगे
केंद्रिय पेट्रोलियम मंत्री हरिंदर पुरी ने क्रूड आपूर्ति के सामान्य रहने की व्यवस्था की बात की है। वर्तमान परिस्थितियों में लघु अवधि में क्रूड के मूल्य बहुत हद तक शेयर मार्केट की चाल निर्धारित करेंगे।अमेरिका के इजराइल ईरान युद्ध में कूदने से ईरान की शक्ति ,लड़ने की क्षमता दुर्बल होने की भी संभावना है,यदि ऐसा होता दिखता है तो फिर शेयर मार्केट इसे सकारात्मक भी ले सकता है।तब एक बहुत बड़ा उछाल भी दिख सकता है क्योंकि पिछले सप्ताह निफ्टी 25100 के ऊपर बंद हुआ जो तकनीकी रूप से तेजी के ब्रेक आउट का संकेत है।
युद्ध की दिशा ही शेयर मार्केट की दिशा होगी
यूएस बॉन्ड यील्ड 4.38 है। यह दीर्घ अवधि के औसत 4.25 से अधिक बनी हुई है। इस बार मौद्रिक नीति में अमेरिका में ब्याज दरें 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रखी गई,कम नहीं की गई परंतु इस वर्ष दो कटौती की संभावना है।इससे बॉन्ड यील्ड नीचे आएगी ही। डॉलर इंडेक्स 98.28 के निचले स्तरों पर है ही। इस सब के सामूहिक प्रभाव से आने वाले कुछ महीनों में बहुत बड़ी ट्रिलियन डॉलर का निवेश ऋणपत्रों से निकल कर इक्विटी में आ सकता है जो बड़ी तेजी का आधार बनेगा। युद्ध सदा के लिए नहीं होते । यदि इजराइल ईरान युद्ध के कारण कोई बड़ी गिरावट आती है तो विभिन्न भावों में खरीद की जा सकती है। क्रूड के मूल्यों में बड़ी वृद्धि होगी तो तेल वितरण कंपनियों आईओसी , बीपीसीएल,हिंदुस्तान पेट्रोलियम पर सर्वाधिक बुरा प्रभाव पड़ेगा,।क्रूड उत्पादन कंपनियों ओएनजीसी ,इंडियन ऑयल को लाभ होगा। क्रूड का उपयोग करने वाली पेंट,केमिकल कंपनिया भी प्रभावित हो सकती हैं।
युद्ध पर ध्यान रखें। अभी युद्ध की दिशा ही शेयर मार्केट की दिशा होगी। Indian Stock Market | stock market news | stock market rate | top stocks in focus