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मार्केट में तेजी के आसार
पिछले सप्ताह भारतीय शेयर मार्केट के लिए सबसे अच्छी बात यह हुई कि इसने तकनीकी आधार पर मंदी की चाल में बदवाल तथा तेजी की दिशा का संकेत दिया। निफ्टी में 23800 का व्यापक चर्चित एक महत्वपूर्ण अवरोध माना जा रहा था। निफ्टी सफलतापूर्वक तथा निर्णायक रूप से उसको पार कर 23851 पर बंद हुआ। अब यदि अगले दो व्यापारिक सत्रों में 23750 का स्तर नहीं टूटता है तो मार्केट में और भी अच्छी तेजी देखी जा सकती है।
यह अलग विषय है कि क्या इस तेजी में लाभ ले लेना चाहिए अथवा अधिक बड़ी तेजी के लिए शेयर नहीं बेचने चाहिए। पूरे मार्केट अथवा सूचकांक के आधार पर निर्णय न ले शेयर विशेष के मूल्यांकन को अधिक महत्व देना चाहिए। मार्केट बहुत अधिक शेयर विशेष आधारित होता जा रहा है।
पहले उन्माद की खरीदारी आई थी जब निफ्टी 26277 तक चला गया था,उसके बाद घबराहट की बिकवाली आई तथा निफ्टी 21281 तक गिर गया था।
अब मार्केट इन दोनों अतिरेक की स्थिति से उबर रहा है ।अतः निवेश संबंधी निर्णय इसी अनुसार लिया जाना चाहिए।
मार्केट, शेयर के मूल्य बढ़ने चाहिए, की अवधारणा में आ रहा है।यह अवधारणा उचित भी है।पिछली मंदी में सैकड़ों शेयरों के भाव बुरी तरह धराशाई हो गए थे।अब इनमें जिनके आधारभूत कारक अच्छे हैं,मूल्यांकन मूल्यों के बड़ी गिरावट के कारण अत्यंत आकर्षक हो गए हैं,उनमें अच्छी तेजी आनी चाहिए।
ट्रंप सब को तो शत्रु बना नहीं सकते। व्यापार में मोर्चे पर उनकी विशेष शत्रुता चीन से है।ऐसे में भारत अपनी बौद्घिक क्षमता,बड़ी अर्थव्यवस्था तथा उत्पादन क्षमता ,प्राकृतिक संसाधन,बड़े मार्केट आदि के कारण ट्रंप के अमेरिका का अपेक्षाकृत महत्वपूर्ण सहयोगी हो सकता है।
यह भारत, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा भारतीय शेयर मार्केट के लिए अब अच्छा समाचार होगा।
भारतीय शेयर मार्केट में पिछले सप्ताह तीन दिन ही व्यापार हुआ तथा तीनों दिन निफ्टी में बढ़त रही।साप्ताहिक आधार पर निफ्टी में 1023 अंकों की तेजी आई।इसमें भी सप्ताह के अंतिम व्यापारिक सत्र गुरुवार को 414 अंकों की तेजी हुई जबकि अगले तीन दिन मार्केट बंद रहना था।
यह तेजी मार्केट के एक अच्छे आत्मविश्वास की परिचायक है
इससे प्रतीत होता है कि शर्ट सेलर मंदड़िए थोड़ा फंसे से है तथा 24 अप्रैल, इस माह के फ्यूचर एवं ऑप्शन सौदे के कटान का दिन है,उस कटान तक शॉर्ट कवरिंग के कारण भारतीय शेयर मार्केट में सुदृढ़ता बनी रहनी चाहिए।अभी एक खतरा भारत तथा बांग्लादेश के मध्य बढ़ता भू राजनीतिक तनाव है यद्यपि अल्प अवधि में कुछ विशेष नकारात्मक घटनाक्रम तो नहीं होना चाहिए।
ट्रंप टैरिफ पर स्थगन के बाद डाउ में जो तेजी आई ,उसमें ह्रास के संकेत है।पिछले सप्ताह डाउ में 1070 अंकों की गिरावट आई।
ट्रंप की अनिश्चितता यूएस मार्केट के निवेशकों को निश्चिन्त नहीं रहने दे रही है।इसका एक परिणाम वैश्विक कोष प्रबंधकों के द्वारा वहां से धन निकाल उसका कुछ भाग भारत में निवेशित हो सकता है।भारत के भी म्यूचुअल फंड के पास नकदी 2 लाख करोड़ से अधिक हो गई है जो कुल एयूएम का 5.86 प्रतिशत है।यह बड़ी नकद धनराशि विदेशी निवेशकों का कोई बड़ा विक्रय आने की स्थिति में बड़ा सहारा हो सकती है।
विश्व के बड़े कोष प्रबंधकों के पास भी बहुत बड़ी, कई ट्रिलियन डॉलर की, नकद राशि का अनुमान है।
ऐसे में यदि शेयर मूल्य तथा मार्केट आकर्षक मूल्यांकन पर आते हैं,आ भी रहें है तो बड़ा क्रय दिख सकता है।
डाउ की पीई अभी 17.93 है, जो अपने ऐतिहासिक औसत 21.2 से 15 प्रतिशत कम है,उचित है,आकर्षक भी है। अनप्रेडिक्टेबल ट्रंप के कारण वहां के शेयर मार्केट में अपेक्षाकृत तेजी नहीं आ पा रही है।
भारत में घर तथा कारों की बिक्री में उछाल है जो अच्छी आर्थिक स्थिति का संकेत होती है।40 लाख से कम मूल्य के घरों की मांग में अच्छी वृद्धि देखी गई ,वहीं पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 43 लाख कारें बिकी एवं विश्वास करें ,इनमें 65 प्रतिशत 28 लाख कारें एसयूवी थी।
यह भारत में संपत्ति,समृद्धि के विस्तार का संकेत है
मार्च में एसआईपी 25925 करोड़ रुपए रही थी ।मार्केट की स्थिति सुधरने पर इसके 40000 करोड़ रुपए पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।बड़ा बुल रन आया तो आगे कुछ वर्षों में यह 70 हजार से एक लाख करोड़ रुपए भी पहुंच सकता है।
डॉलर इंडेक्स 99.130 है,100 के नीचे बना हुआ है। रुपए भी डॉलर की तुलना में सुदृढ़ है,85.43 पर है।ये दोनों भी भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेश के लिए अनुकूल हैं।
भारत में कंपनियों के मार्च 25 के तिमाही वित्तीय परिणाम का समय आरंभ हो चुका है।
आईसीआईसीआई बैंक ने लाभ में18 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है।कुछ अन्य बड़ी कंपनियां भी ऐसे अच्छे परिणाम दिखाती है तो उससे भारतीय कंपनियों के लाभ में अच्छी वृद्धि का समय लौट आता दिखेगा एवं तब मार्केट की री रेटिंग हो सकती है, एफआईआई का बड़ा क्रय दिख सकता है।
मार्च 25 की खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर अगस्त 19 के बाद कई वर्षों के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत आई है।इससे भारत में भी केंद्रीय रिजर्व बैंक के द्वारा ब्याज दरों में .5 से 1 प्रतिशत तक कमी की संभावना हो गई है।इससे भारतीय अर्थव्यवस्था,घरेलू खपत तथा शेयर मार्केट को लाभ होगा।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 में भी मौद्रिक सहजता के कारण भारत 6.5 प्रतिशत विकास दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगा ।भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन वर्षों में जर्मनी, जापान को पछाड़ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।आर mबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी आवश्यकता पड़ने पर नीतिगत पग उठाने की बात कही है।भारत अमेरिका में व्यापार तथा शुल्क विवाद को ले कर तीन स्तरों पर वार्ता चल रही।मोदी के नेतृत्व वाले चतुर भारत ने अमेरिका से 2 लाख करोड़ रुपए के अस्त्र खरीदने की बात कही है।इससे अमेरिका का व्यापार घाटा भारत के साथ कम हो सकता है,टैरिफ के मोर्चे पर भारत अधिक सुखद स्थिति में रह सकता है।
अप्रैल में अभी तक एफआईआई ने नकद संभाग में 19971 करोड़ का विक्रय किया है परंतु फिर भी भारतीय शेयर मार्केट तेज ही हुए हैं।वैसे पिछले सप्ताह वो क्रेता रहे थे।
अमेरिका ईरान के मध्य तनाव तथा परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के मध्य क्रूड में तेजी आई है तथा ब्रेंट क्रूड 67.69 डॉलर हो गया है।70 डॉलर के नीचे रहने पर विशेष चिंता की बात नहीं है।
मॉर्गन स्टेनली के पूर्व अधिकारी रुचिर शर्मा जो बहुत समय से शेयर मार्केट पर मंदी के मनोभाव में थे,अब भारतीय शेयर मार्केट उन्हें आकर्षक लगने लगे हैं।इसका निहितार्थ समझिएगा
मानसून भी अच्छा आने का अनुमान है। प्रतिष्ठित कंपनियां जो नीची पीई पर मिल रहीं,ऊपरी मूल्यों से बहुत नीचे भावों पर है, उन्हें ढूंढ कर खरीद सकते हैं।
शशांक भारद्वाज
सीनियर वाइस प्रेसिडेंट
चॉइस ब्रोकिंग