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शशांक भारद्वाज,सीनियर वीपी, चॉइस ब्रोकिंग
भारतीय शेयर मार्केट भी युद्ध में भारत के द्वारा पाकिस्तान की प्रभावी पिटाई से प्रसन्न हो उछाले मार रहा है।पिछले सप्ताह निफ्टी में 1011 अंकों की बढ़त रही। वैसे युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर निर्णायक बढ़त तथा श्रेष्ठता ने पूरे विश्व को भारत के सामरिक दृष्टिकोण से एक शक्तिशाली राष्ट्र होने के प्रमाण प्रस्तुत कर दिए हैं। भारतीय शेयर मार्केट ने भी इसे बहुत सकारात्मक लिया है। आर्थिक रूप से तो भारत अच्छा कर ही रहा है।
निर्यात में वृद्धि से अच्छे संकेत
विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वोच्च विकास दर की अर्थव्यवस्था है, अप्रैल 25 में अप्रैल 24 की तुलना में निर्यात में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति की दर 13 महीनों के निचले स्तर .85 प्रतिशत आ गई है,खाद्यान्न उत्पादन अच्छा है,गेहूं की रिकॉड खरीद हुई है,ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि है, इत्यादि। stock market today | stock market rate | stock market news | stock market india | stock market | stock
भारत की साख में और भी वृद्धि
अब सामरिक श्रेष्ठता ने भारत की साख में और भी वृद्धि कर दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें आत्मनिर्भरता का भी बड़ा योगदान है। विश्व ने रक्षा उत्पादों का बड़ा मार्केट है तथा भारत उसमें अपनी पैठ बनाता जा रहा है। इनके दीर्घकालीन अच्छे संकेत हैं।अब भारत का मूल्यांकन आर्थिक दृष्टि के साथ एक समर्थ रक्षा उत्पादक राष्ट्र की दृष्टि से भी हो सकता है। यह एक महत्वपूर्ण सकारात्मक परिवर्तन होगा।
बड़ा विदेशी निवेश भारत आ सकता है
भारत की एक बड़ी सकारात्मक री रेटिंग हो सकती है। इससे पुनः बड़ा विदेशी निवेश भारत आ सकता है।मार्क फ्रैंकलिन ने विदेशी निवेश भारत में पुनः आने की भविष्यवाणी की है।इसके आरंभिक संकेत मिलने भी लगे हैं। पिछले सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों ने नकद संभाग में 15925 करोड़ रुपए के शेयर क्रय किए।यह लगातार दूसरा सप्ताह है जब उन्होंने 10000 करोड़ रुपए से अधिक की खरीद की। यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि पिछले सप्ताह की तुलना में उन्होंने लगभग 50 प्रतिशत अधिक राशि के शेयर क्रय किए हैं।
23782 करोड़ रुपये का उनका क्रय
मई माह में अभी तक 23782 करोड़ रुपये का उनका क्रय है। सामने दी चैंपियन भारतीय संस्थागत निवेशक ने भी इस सप्ताह नकद संभाग में 9557 करोड़ रुपए के तथा मई में अभी तक 23928 करोड़ रुपए की खरीद की है। इन दोनों के क्रेता होने के कारण मार्केट जो भी विक्रय आ रहा,वो सरलता से आत्मसात हो जा रहा है तथा इस कारण भी मार्केट में तेजी बनी हुई है।
एक बात और रुचिकर है। पिछले सप्ताह मात्र एक दिन 13 मई को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 476 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे तथा उस दिन भारतीय घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 4273 करोड़ रुपए के शेयर क्रय किए,अर्थात उनकी बिकवाली से 9 गुणा अधिक ,3797 करोड़ रुपए अधिक का क्रय। यह डीआईआई का एक बोल्ड स्टेटमेंट था।
रिलायंस इंडस्ट्री का शेयर सशक्त बना हुआ है।
सामान्यतया रिलायंस शक्तिशाली रहता है तो मार्केट तेज ही रहता है। सप्ताह अंत के दो दिनों में युद्ध गतिविधियों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। हांगकांग ,सिंगापुर में कोविड के नए मामले देखे गए हैं, परंतु अभी तो शेयर मार्केटों पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया। अमरीका के डाउ सूचकांक में शुक्रवार को 332 अंकों की बढ़त ही दिखी।पिछले सप्ताह डाउ भी 1405 अंक चढ़ा।
बड़ी धनराशि का प्रवाह शेयर मार्केट में आ सकता है
वहां भी अप्रैल की वार्षिक मुद्रास्फीति फरवरी 21 के बाद सबसे निचले स्तर 2.3 प्रतिशत आई है। इसे अमेरिका में ब्याज दरों में बड़ी कमी का वातावरण बन गया है।ट्रंप भी पॉवेल पर ब्याज दरों में कमी का दबाव बना रहें हैं। यदि ब्याज दरें नीची होती है तो बड़ी धनराशि का प्रवाह शेयर मार्केट में आ सकता है।रेट कट अमेरिकी मार्केट को नई ऊंचाई पर पहुंचा सकता है।भारत में भी ऐसी संभावनाएं हैं।
भारतीय शेयर मार्केट की पीई 22.36 है
भारतीय शेयर मार्केट की पीई 22.36 है ,मूल्यांकन के आधार पर कुछ महंगे हैं परंतु मार्केट में निवेश धन की तरलता अच्छी लग रही है।ऐसे में कई बार महंगे मूल्यांकन पर अधिक ध्यान नहीं रहता है। भारत में आर्थिक गतिविधियां अच्छी लग रही हैं,मानसून अच्छा बताया जा रहा है,समय से पहले आ चुका है। जीएसटी संग्रह 2.30 लाख करोड़ रुपए के ऊपर आ चुका है तथा भारतीय रिजर्व बैंक सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपए का लाभांश दे सकता है।यह भारत सरकार की वित्तीय स्थिति को अधिक सुदृढ़ करेगा।आधारभूत संरचनाओं के सरकारी व्यय को भी पर्याप्त गति प्रदान करेगा।इससे अर्थव्यवस्था के अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी लाभ होगा तथा
यह भारतीय कंपनियों के व्यापार तथा लाभ में अच्छी वृद्धि कर सकता है।ऐसे में अभी का थोड़ा महंगा भारतीय शेयर मार्केट उचित मूल्यांकन पर आ सकता है,न्यायोचित हो सकता है।
प्रमुख 500 कंपनियों में प्रवर्तकों ने अपना भाग घटाकर 39 प्रतिशत कर दिया है ,जो पिछले 8 वर्षों में सबसे कम है।अब वो इन स्तरों से अधिक घटाने की स्थिति में नहीं हैं।मार्केट में तेजी बनी रही तो यह माना जाएगा कि उनकी ये बिकवाली आत्मसात हो गई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों के बड़े विक्रय के पश्चात अब भारतीय शेयर मार्केट फिर तेज होने लगे हैं।फिर अभी तो उन्हें कुछ हजार करोड़ रुपए का क्रय ही किया है , मार्केट में लगभग 21000 निफ्टी से 25000 बड़ा उछाल दिखा है।
यदि क्रय का आंकड़ा लाख करोड़ रुपए में आ गया तो कितनी बड़ी तेजी देखी जा सकती है,इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर प्रति बैरेल के आसपास घूम रहा है।यह भाव सभी पक्षों के लिए संतोषजनक ही है। यदि कोई अप्रत्याशित घटनाक्रम न हो तो इसमें बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।डॉलर इंडेक्स 100.95 हैं, यूएस बॉन्ड यील्ड 4.44 हैं।थोड़े ऊपर हैं पर अभी कोई चिंता की बात नहीं हैं।
भारत के विक्स में भी बड़ी कमी आई है।यह शेयर मार्केट की तेजी के कुछ स्थाई होने का संकेत देता है।टेक्नोलॉजी क्षेत्र को छोड़ अन्य क्षेत्रों के बड़े तथा प्रमुख शेयर रिलायंस, एचडीएफसी बैंक,भारती एयर,रक्षा ,बैंक,पी एस यू में निचले स्तरों से 30 प्रतिशत तथा उससे भी अधिक की तेजी दिख चुकी है।
मार्केट की अवधारणा, शेयर बढ़ सकते हैं ,से, शेयर बढ़ेंगे ,की ओर परिवर्तित हो रही है।
एक बार ये पर्याप्त प्रबल हुई तो फिर भारतीय शेयर बाजार में तेजी अधिक व्यापक ,विस्तृत होगी,बहुत अधिक संख्या में शेयरों में बड़ा उछाल देखने मिल सकता है।
अकारण बुरी तरह धो दिए गए मिड तथा स्मॉल कैप शेयरों में खरीद की जा सकती है क्योंकि वहां बड़ा प्रतिफल मिल सकता है। अभी तो शॉर्ट सेल करने बजे मंदड़ियें जी तेजड़ियों के द्वारा पाकिस्तान सी धुलाई वाली स्थिति में धकेल दिए गए लगते हैं।