Advertisment

Stock Market में अचानक तूफानी तेजी, ये 4 कारण उड़ा देंगे आपके होश!

भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को अप्रत्याशित तेजी देखी गई, सेंसेक्स अंक और निफ्टी अंक से अधिक बढ़ा, जो निवेशकों के लिए चौंकाने वाला था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

author-image
Ajit Kumar Pandey
SHARE MARKET UPDATE NEWS

SHARE MARKET UPDATE NEWS

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

Advertisment

सोमवार को निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने वाली भारी गिरावट के बाद, आज मंगलवार 8 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार ने अप्रत्याशित रूप से तूफानी तेजी दिखाई। ऐसा लग रहा है मानो बाजार ने रातों-रात अपनी सारी निराशा को झटक कर उत्साह का दामन थाम लिया हो। 

दोपहर 1:30 बजे तक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) 1700 अंकों से भी अधिक की उछाल के साथ 74,800 के स्तर को पार कर गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty) भी 500 अंकों की शानदार बढ़त के साथ 22,650 के आसपास कारोबार कर रहा था।

 share market | today share market news | बाजार में यह अप्रत्याशित तेजी ऐसे समय में आई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। इस तेजी ने निवेशकों को हैरान कर दिया है और हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि आखिर इस अचानक आए तूफान के पीछे कौन से कारण हैं।

Advertisment

विश्लेषकों का मानना है कि इस तूफानी तेजी के पीछे मुख्य रूप से चार कारण काम कर रहे हैं, जिन्होंने मिलकर बाजार की दिशा को अचानक से पलट दिया...

1. शॉर्ट कवरिंग (Short Covering): दबे हुए खरीदारों का अचानक हमला

सोमवार को बाजार में आई भारी गिरावट के बाद कई ट्रेडर्स और निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए शॉर्ट पोजीशन बनाई होंगी। शॉर्ट पोजीशन का मतलब है कि उन्होंने इस उम्मीद में शेयर बेचे होंगे कि कीमतें और गिरेंगी और वे उन्हें निचले स्तर पर वापस खरीदकर मुनाफा कमाएंगे। हालांकि, जब बाजार उम्मीद के विपरीत तेजी दिखाने लगता है, तो इन शॉर्ट सेलर्स को अपने नुकसान को सीमित करने के लिए मजबूरन शेयर खरीदने पड़ते हैं। इस प्रक्रिया को शॉर्ट कवरिंग कहा जाता है।

Advertisment

आज बाजार में आई अचानक तेजी ने कई शॉर्ट सेलर्स को फंसा दिया होगा। उन्हें अपने नुकसान को बढ़ने से रोकने के लिए तेजी से शेयर खरीदने पड़े, जिससे बाजार में और अधिक मांग पैदा हुई और तेजी को और बल मिला। यह एक तरह की चेन रिएक्शन होती है, जहां कुछ शॉर्ट कवरिंग से और शॉर्ट कवरिंग होती है, जिससे बाजार में एक मजबूत उछाल देखने को मिलता है।

सोमवार की गिरावट के बाद बाजार में तकनीकी रूप से कुछ ओवरसोल्ड स्थितियां भी बन गई थीं, जिसका मतलब है कि कुछ शेयरों की कीमतें अपने मूलभूत मूल्यों से काफी नीचे आ गई थीं। ऐसे में, शॉर्ट कवरिंग के कारण आई खरीदारी ने इन दबे हुए शेयरों को भी ऊपर खींच लिया।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी ट्रेडर ने यह सोचकर किसी कंपनी के 100 शेयर ₹100 प्रति शेयर पर बेचे कि कीमत गिरकर ₹90 हो जाएगी और वह ₹10 का मुनाफा कमाएगा। लेकिन, अगर कीमत अचानक बढ़कर ₹105 हो जाती है, तो उसे नुकसान होने लगेगा। इस नुकसान को सीमित करने के लिए, उसे ₹105 पर ही उन शेयरों को वापस खरीदना पड़ेगा, भले ही उसे ₹5 का नुकसान हो। जब कई शॉर्ट सेलर्स एक साथ ऐसा करते हैं, तो शेयर की कीमत और तेजी से बढ़ती है।

Advertisment

2. वैल्यू बाइंग (Value Buying): गिरावट में छिपे अवसर को पहचानना

सोमवार की तेज गिरावट ने कई निवेशकों को उन अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों को खरीदने का अवसर प्रदान किया जिनकी कीमतें कम हो गई थीं। वैल्यू बाइंग का मतलब है कि निवेशक उन शेयरों को खरीदते हैं जो उन्हें अपने अंतर्निहित मूल्य से कम पर मिल रहे होते हैं। जब बाजार में तेज गिरावट आती है, तो कई बार अच्छे और बुरे दोनों तरह के शेयर नीचे चले जाते हैं, जिससे समझदार निवेशकों को आकर्षक मूल्यांकन पर गुणवत्ता वाले शेयर खरीदने का मौका मिलता है।

आज बाजार में आई तेजी यह संकेत दे सकती है कि निवेशकों के एक वर्ग ने सोमवार की गिरावट को एक अस्थायी झटका माना और उन्होंने इस गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। खासकर उन निवेशकों के लिए जो लंबी अवधि का नजरिया रखते हैं, ऐसी गिरावटें उनके पोर्टफोलियो में अच्छे शेयर जोड़ने का एक अच्छा मौका हो सकती हैं।

यह भी संभव है कि कुछ बड़े संस्थागत निवेशकों ने सोमवार की गिरावट के बाद बाजार में प्रवेश किया हो, जिससे मांग में अचानक वृद्धि हुई हो। इन निवेशकों की खरीदारी का बाजार के सेंटीमेंट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह खुदरा निवेशकों को भी खरीदारी के लिए प्रेरित कर सकता है।

उदाहरण के तौर पर: यदि किसी मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाली कंपनी का शेयर सोमवार को 5% गिर जाता है, तो लंबी अवधि के निवेशक इसे एक अच्छा मौका मान सकते हैं और उस शेयर को खरीद सकते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है कि लंबी अवधि में कंपनी अच्छा प्रदर्शन करेगी और शेयर की कीमत वापस बढ़ेगी।

3. सकारात्मक वैश्विक संकेत (Positive Global Cues): अंतरराष्ट्रीय बाजारों का सहारा

भारतीय शेयर बाजार अक्सर वैश्विक बाजारों के रुझानों का अनुसरण करता है। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सकारात्मक गतिविधियां हो रही हैं, तो इसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलता है। संभावना है कि आज एशियाई बाजारों और यूरोपीय बाजारों से सकारात्मक संकेत मिले होंगे, जिसने भारतीय निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया और उन्हें खरीदारी के लिए प्रेरित किया।

उदाहरण के लिए, यदि अमेरिकी बाजार (जैसे डाउ जोन्स, नैस्डैक) पिछली रात को अच्छी बढ़त के साथ बंद हुए हों, तो इसका सकारात्मक असर आज सुबह एशियाई बाजारों पर देखने को मिल सकता है, और उसी रुझान का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुधार के संकेत या भू-राजनीतिक तनाव में कमी भी बाजार के लिए सकारात्मक हो सकती है।

यह भी संभव है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भारतीय बाजार में फिर से रुचि दिखाई हो, जिससे पूंजी का प्रवाह बढ़ा हो और बाजार में तेजी आई हो।

4. आरबीआई एमपीसी बैठक से पहले की उम्मीदें (Pre-MPC Optimism/Speculation): नीतिगत फैसलों पर नजर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक जल्द ही होने वाली है और इसके नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। बाजार में आज आई तेजी को कुछ हद तक इस बैठक से पहले की उम्मीदों या अटकलों से भी जोड़ा जा सकता है।

निवेशक उम्मीद कर रहे होंगे कि आरबीआई इस बार ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करेगा या फिर बाजार के लिए कोई सकारात्मक घोषणा कर सकता है। ऐसी उम्मीदें बाजार में सकारात्मक माहौल बना सकती हैं और निवेशकों को खरीदारी के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सिर्फ एक अटकल है और एमपीसी के वास्तविक फैसले बाजार की दिशा को फिर से बदल सकते हैं। यदि एमपीसी बाजार की उम्मीदों के विपरीत कोई नकारात्मक घोषणा करती है, तो इस तेजी पर पानी फिर सकता है।

उदाहरण के तौर पर यदि बाजार को उम्मीद है कि आरबीआई ब्याज दरों को स्थिर रखेगा, तो यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शेयरों के लिए सकारात्मक हो सकता है, जिससे बाजार में तेजी आ सकती है। वहीं, अगर बाजार को डर है कि आरबीआई महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरें बढ़ा सकता है, तो यह बाजार के लिए नकारात्मक हो सकता है।

सेक्टोरल प्रदर्शन (Sectoral Performance): किन शेयरों में दिखी सबसे ज्यादा तेजी ?

आज की तेजी में लगभग सभी सेक्टर्स में खरीदारी देखने को मिली, लेकिन कुछ सेक्टर्स ने दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। इनमें मुख्य रूप से बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी (IT), और ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल हो सकते हैं।

बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: सोमवार की गिरावट में इन शेयरों में काफी दबाव देखा गया था, इसलिए आज शॉर्ट कवरिंग और वैल्यू बाइंग के कारण इनमें अच्छी रिकवरी देखने को मिल सकती है। आरबीआई की एमपीसी बैठक के नतीजों को लेकर सकारात्मक उम्मीदें भी इस सेक्टर को सहारा दे सकती हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी (IT): वैश्विक तकनीकी शेयरों में स्थिरता या रिकवरी का असर भारतीय आईटी शेयरों पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा, रुपये में कमजोरी भी आईटी कंपनियों के लिए सकारात्मक हो सकती है क्योंकि इससे उनकी निर्यात आय बढ़ती है।

ऑटोमोबाइल: मजबूत मांग और त्योहारी सीजन के करीब आने की उम्मीदों के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर में खरीदारी देखने को मिल सकती है।

निवेशकों का मूड (Investor Sentiment): निराशा से उत्साह की ओर 

सोमवार को बाजार में आई भारी गिरावट ने निवेशकों के मनोबल को काफी गिरा दिया था। हर तरफ अनिश्चितता का माहौल था और कई निवेशक अपनी पोजीशन को लेकर चिंतित थे। लेकिन, आज की अप्रत्याशित तेजी ने निवेशकों के मूड को पूरी तरह से बदल दिया है। अब बाजार में उत्साह और उम्मीद का माहौल है।

हालांकि, निवेशकों को यह याद रखना चाहिए कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य बात है और एक दिन की तेजी या गिरावट के आधार पर कोई भी बड़ा फैसला नहीं लेना चाहिए। लंबी अवधि के निवेशकों को अपने निवेश लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार ही निवेश करना चाहिए।

आरबीआई एमपीसी बैठक का महत्व (Importance of RBI MPC Meeting): आगे क्या ?

आज की तेजी निश्चित रूप से निवेशकों के लिए राहत की सांस लेकर आई है, लेकिन बाजार की आगे की दिशा काफी हद तक आरबीआई की एमपीसी बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगी। यदि आरबीआई बाजार के अनुकूल कोई घोषणा करता है, तो इस तेजी को और बल मिल सकता है। वहीं, यदि एमपीसी कोई सख्त रुख अपनाता है, तो बाजार में फिर से गिरावट देखने को मिल सकती है।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे एमपीसी के फैसलों पर ध्यान दें और उसके बाद ही कोई नया निवेश निर्णय लें। बाजार की अस्थिरता को देखते हुए धैर्य बनाए रखना और सोच-समझकर निवेश करना ही समझदारी है।

तेजी का तूफान, आगे की राह अनिश्चित

आज भारतीय शेयर बाजार में आई तूफानी तेजी ने निवेशकों को चौंका दिया है। शॉर्ट कवरिंग, वैल्यू बाइंग, सकारात्मक वैश्विक संकेत और आरबीआई एमपीसी बैठक से पहले की उम्मीदों जैसे कारकों ने मिलकर बाजार को यह अप्रत्याशित उछाल दिया है। हालांकि, बाजार की आगे की राह अभी भी अनिश्चित है और आरबीआई के नीतिगत फैसले महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें, बाजार के रुझानों पर नजर रखें और सोच-समझकर ही कोई भी निवेश निर्णय लें। एक दिन की तेजी को देखकर उत्साहित होना स्वाभाविक है, लेकिन लंबी अवधि के लक्ष्यों को ध्यान में रखना और जोखिम प्रबंधन करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।

यह तेजी निवेशकों के लिए एक सबक भी है कि शेयर बाजार अप्रत्याशित हो सकता है और कभी भी बड़ी तेजी या गिरावट आ सकती है। इसलिए, हमेशा संतुलित दृष्टिकोण रखना और अफवाहों पर ध्यान न देकर अपने विश्लेषण पर भरोसा करना जरूरी है। उम्मीद है कि यह तेजी बाजार में स्थिरता लाएगी और निवेशकों को आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास देगी। लेकिन, सावधानी और सतर्कता हमेशा बनी रहनी चाहिए।

today share market news share market
Advertisment
Advertisment