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29 अप्रैल 2025: सेंसेक्स में हल्की तेजी, 24,300 पर फिसला निफ्टी, रक्षा-पावर शेयरों में उछाल

सरकारी बैंक और ऑयल-गैस सेक्टर में तेजी आई, जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट और नेस्ले इंडिया जैसे कुछ बड़े शेयरों में गिरावट ने निफ्टी को प्रभावित किया।

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । 29 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मिश्रित रुख के साथ शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 20 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 80,230 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।

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वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 20 अंकों की गिरावट के साथ 24,300 के आसपास रहा। बाजार में यह उतार-चढ़ाव वैश्विक संकेतों, घरेलू आर्थिक कारकों और सेक्टर-विशिष्ट गतिविधियों का परिणाम था। निवेशकों की नजर रक्षा और पावर सेक्टर के शेयरों पर रही, जो हाल के दिनों में मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं।

सेक्टोरल इंडेक्स: सरकारी बैंक और ऑयल-गैस में तेजी

एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में सरकारी बैंकों ने शानदार प्रदर्शन किया। सरकारी बैंक इंडेक्स में 1.73% की उछाल देखी गई, जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा, ऑयल और गैस, ऑटोमोबाइल, मेटल और मीडिया सेक्टर में भी 1% तक की तेजी दर्ज की गई। हालांकि, कुछ बड़े शेयरों जैसे अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड और नेस्ले इंडिया में 2% तक की गिरावट देखी गई, जिसने निफ्टी के प्रदर्शन को प्रभावित किया। निफ्टी के 50 शेयरों में से 29 में गिरावट और 21 में बढ़त देखी गई, जो बाजार के मिश्रित रुख को दर्शाता है।

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रक्षा और पावर सेक्टर में निवेशकों की रुचि

हाल के दिनों में रक्षा और पावर सेक्टर के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की नीतियों ने इस सेक्टर को गति दी है। कंपनियां जैसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने मजबूत ऑर्डर बुक और सरकारी समर्थन के दम पर अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, पावर सेक्टर में नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सेक्टर लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।

वैश्विक संकेत और घरेलू कारक

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वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेतों ने भारतीय शेयर बाजार के रुख को प्रभावित किया। अमेरिकी बाजारों में हल्की गिरावट और भू-राजनीतिक तनावों ने निवेशकों के बीच सतर्कता बढ़ाई। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले सप्ताह 29,513 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। घरेलू स्तर पर, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चौथी तिमाही के मजबूत नतीजों ने बाजार में उत्साह बढ़ाया। इसके अलावा, सरकार की आर्थिक नीतियों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने भी बाजार को समर्थन प्रदान किया।

तकनीकी विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय

तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी 24,300 के स्तर के ऊपर बंद होने से बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजित मिश्रा का कहना है कि 24,400 के स्तर को तोड़ने पर निफ्टी में नई गति देखी जा सकती है, जो इसे 24,800 तक ले जा सकता है। हालांकि, भू-राजनीतिक तनावों के कारण निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लेमन मार्केट्स डेस्क के सतीश चंद्र अलूरी ने कहा कि निफ्टी का 24,300 के ऊपर बने रहना तकनीकी रूप से मजबूती दर्शाता है।

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पिछले सत्र का प्रदर्शन

28 अप्रैल को बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया था। सेंसेक्स 1,005.84 अंकों (1.27%) की बढ़त के साथ 80,218.37 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 289.15 अंकों (1.2%) की उछाल के साथ 24,328.50 पर रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मजबूत नतीजों और रक्षा से जुड़े शेयरों में खरीदारी ने बाजार को चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचाया। इस तेजी ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया, लेकिन 29 अप्रैल को मिश्रित वैश्विक संकेतों ने बाजार को संतुलित रखा।

भविष्य की संभावनाएं

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में अभी भी मजबूत संभावनाएं हैं। सरकारी नीतियों, कॉरपोरेट आय और विदेशी निवेश के दम पर बाजार में स्थिरता बनी रह सकती है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और मुद्रास्फीति जैसे कारक चुनौतियां पेश कर सकते हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों पर ध्यान दें और लंबी अवधि के लिए निवेश करें।

29 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने मिश्रित प्रदर्शन किया, जिसमें सेंसेक्स में हल्की बढ़त और निफ्टी में मामूली गिरावट देखी गई। रक्षा और पावर सेक्टर के शेयरों में निवेशकों की रुचि बनी रही, जबकि सरकारी बैंक और ऑयल-गैस सेक्टर ने बाजार को समर्थन दिया। वैश्विक और घरेलू कारकों के बीच बाजार में सतर्कता का माहौल रहा। विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशक मजबूत कंपनियों पर ध्यान दें और बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें। 

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