नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । पिछले तीन महीनों में सोने की कीमतों ने आसमान छू लिया है, और यह चमक थमने का नाम नहीं ले रही! वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल और अनिश्चितता के बीच सोना निवेशकों का सबसे भरोसेमंद दोस्त बन गया है।
सितंबर 2024 से दिसंबर 2024 तक 10 ग्राम सोने की कीमत में करीब 15% की उछाल देखी गई, जो अब ₹95,000 के आसपास पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही रफ्तार रही, तो जल्द ही सोना ₹1 लाख का आंकड़ा छू सकता है। आइए, इस सुनहरी कहानी को और करीब से देखें!
वैश्विक अनिश्चितता ने बढ़ाई सोने की डिमांड
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। इसके अलावा, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव और कई देशों में बढ़ती महंगाई ने निवेशकों को सोने की ओर खींचा है।
gold news | Gold Price | Gold price record 2025 : सोना, जिसे हमेशा से "सुरक्षित निवेश" माना जाता है, इस दौर में निवेशकों का पसंदीदा बन गया है। पिछले तीन महीनों में सोने की मांग में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, खासकर भारत जैसे देशों में, जहां सोना न सिर्फ निवेश है, बल्कि संस्कृति और परंपरा का भी हिस्सा है।
शेयर बाजार को पछाड़ रहा सोना
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पिछले तीन महीनों में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को परेशान किया है, लेकिन सोने ने इस दौरान शानदार प्रदर्शन किया। सितंबर 2024 में 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग ₹82,500 थी, जो दिसंबर आते-आते ₹95,000 तक पहुंच गई।
यानी, निवेशकों को 15% से ज्यादा रिटर्न मिला, जो शेयर बाजार के औसत रिटर्न से कहीं बेहतर है। दिल्ली के एक ज्वेलर, रमेश शर्मा कहते हैं, "इस बार सोने ने सबको चौंकाया है। लोग शादी-ब्याह के लिए तो खरीद ही रहे हैं, लेकिन अब निवेश के लिए भी सोने की डिमांड बढ़ रही है।"
क्या है सोने की कीमतों में उछाल का राज?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह तेजी कई कारणों से है। पहला, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और ब्याज दरों में अनिश्चितता ने सोने को और आकर्षक बनाया है। दूसरा, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, जिससे इसकी कीमतें और चढ़ रही हैं।
तीसरा, भारत में त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह का मौसम शुरू होने से स्थानीय मांग में भी इजाफा हुआ है। मुंबई की फाइनेंशियल सलाहकार, नेहा गुप्ता बताती हैं, "सोना इस समय सबसे सुरक्षित और फायदेमंद निवेश है। अगले कुछ महीनों में इसके ₹1 लाख तक पहुंचने की पूरी संभावना है।"
क्या यह आर्थिक मंदी का संकेत है?
कुछ अर्थशास्त्री सोने की कीमतों में इस तेजी को वैश्विक आर्थिक मंदी का शुरुआती संकेत मान रहे हैं। उनका कहना है कि जब निवेशक शेयर बाजार और अन्य जोखिम वाले निवेशों से मुंह मोड़कर सोने की ओर दौड़ते हैं, तो यह अर्थव्यवस्था में अस्थिरता का लक्षण हो सकता है।
हालांकि, दूसरी ओर कई विशेषज्ञ इसे सकारात्मक नजरिए से देखते हैं। उनके मुताबिक, सोने की कीमतों में यह उछाल निवेशकों के लिए सुनहरा मौका है।
भारत में सोना हमेशा से भावनाओं और निवेश का अनोखा मेल रहा है। चाहे शादी के गहने हों या निवेश के लिए सिक्के और बार, सोने की चमक हर किसी को लुभाती है।
इस समय सोने में निवेश करने वाले लोग न सिर्फ अपनी संपत्ति को सुरक्षित कर रहे हैं, बल्कि भविष्य में अच्छे मुनाफे की उम्मीद भी कर सकते हैं। लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश से पहले बाजार का अच्छे से अध्ययन कर लें और छोटी-छोटी राशि में निवेश शुरू करें।
क्या अब ₹1 लाख का होगा सोना?
जैसे-जैसे सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों को छू रही हैं, हर किसी के मन में यही सवाल है- क्या सोना सचमुच "लखटकिया" बनने वाला है?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और मांग का यही रुझान रहा, तो 2025 की पहली तिमाही तक सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर सकता है। तो, क्या आप भी इस सुनहरे मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं?