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GST संग्रह का नया कीर्तिमान, जानकर होश उड़ जाएंगे

घरेलू लेनदेन में 13.4% प्रतिशत और आयात से राजस्व में 8.3% प्रतिशत की वृद्धि से GST संग्रह बढ़ा, जिससे देश की आर्थिक गतिविधियों में सुधार का पता चलता है।

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Ajit Kumar Pandey
GST COLLECTION 2025 HINDI NEWS
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।भारत की अर्थव्यवस्था ने अप्रैल 2025 में एक नया मुकाम हासिल किया, जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस महीने जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.6% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। यह उपलब्धि न केवल देश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत देती है, बल्कि सरकार की कर संग्रह प्रणाली की मजबूती को भी रेखांकित करती है।

जीएसटी संग्रह में उछाल के प्रमुख कारण

अप्रैल 2025 का जीएसटी संग्रह कई कारकों के संयोजन का परिणाम है। घरेलू लेनदेन से प्राप्त राजस्व में 13.4% की वृद्धि दर्ज की गई, जो उपभोक्ता मांग और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाता है। इसके अलावा, आयात से प्राप्त राजस्व में भी 8.3% की बढ़ोतरी हुई, जो वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भागीदारी का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारी सीजन की शुरुआत, बेहतर अनुपालन, और डिजिटल कर प्रणाली की मजबूती ने इस रिकॉर्ड संग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राज्यों का योगदान और क्षेत्रीय प्रभाव

महाराष्ट्र, कर्नाटक, और गुजरात जैसे राज्य इस संग्रह में अग्रणी रहे। महाराष्ट्र ने सबसे अधिक जीएसटी संग्रह दर्ज किया, जिसके बाद कर्नाटक और गुजरात का स्थान रहा। ये राज्य भारत की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र हैं और इनका प्रदर्शन समग्र आर्थिक विकास को दर्शाता है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया। यह क्षेत्रीय विविधता भारत की संतुलित आर्थिक प्रगति को उजागर करती है।

सरकार के लिए इसका महत्व

जीएसटी संग्रह में यह रिकॉर्ड वृद्धि केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। बढ़ा हुआ राजस्व सरकार को बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करने की क्षमता प्रदान करता है। साथ ही, यह आर्थिक नीतियों को और मजबूत करने का अवसर देता है। वित्त मंत्रालय ने इस उपलब्धि को करदाताओं के सहयोग और जीएसटी प्रणाली की दक्षता का परिणाम बताया है।

भविष्य की संभावनाएं

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आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि यह गति बनी रही, तो वित्तीय वर्ष 2025-26 में जीएसटी संग्रह और भी नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और व्यापारिक चुनौतियां इस प्रगति को प्रभावित कर सकती हैं। सरकार की ओर से जीएसटी दरों में संभावित कमी और कर प्रणाली को और सरल बनाने की योजनाएं भी चर्चा में हैं, जो भविष्य में कारोबारियों और उपभोक्ताओं को राहत दे सकती हैं।

अप्रैल 2025 का जीएसटी संग्रह भारत की आर्थिक ताकत और कर सुधारों की सफलता का प्रतीक है। यह न केवल सरकार के राजस्व में वृद्धि करता है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाओं को भी मजबूत करता है। आने वाले महीनों में इस गति को बनाए रखना सरकार और करदाताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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