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शशांक भारद्वाज,आर्थिक विशेषज्ञ
ट्रंप टेरर ने अमेरिका सहित पूरे विश्व के शेयर मार्केट में भूकंप ही ला दिया है। शेयर मार्केट में अरबों डॉलर का मार्केट पूंजीकरण घट गया। मार्केट तकनीकी रूप से बड़ी मंदी में जाने का संकेत देने लगे हैं। सामान्यतया मार्केट में बड़ी गिरावट आने पर जिन निर्णयों, कदमों के आधार पर गिरावट आती थी, उन पर पुनर्विचार होता था, कुछ संशोधन होते थे, परंतु इस बार अभी तो ट्रंप जी की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा। उल्टे वो अपने टैरिफ शस्त्र को सही ठहराने में ही लगे हैं ।
अमेरिका के सामने झुका वियतनाम
ऐसे में विश्व को, राष्ट्रों को ट्रंप टेरर में ही जीना पड़ेगा,अच्छा करने का, परिस्थितियों को ठीक करने का यथासंभव मार्ग निकालना पड़ेगा। वियतनान के टैरिफ पर अमेरिका से समझौते करने का समाचार है। कुछ अन्य राष्ट्र भी इसका अनुसरण कर सकते हैं, परंतु चीन जैसे प्रमुख राष्ट्र ने तो उत्तर में अमेरिका पर ही 34 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है। यूरोपियन यूनियन भी झुकने को तैयार नहीं है।अतः टैरिफ की ही अर्थव्यवस्था में रहने की स्थिति बन गई है।
वैश्विक व्यापार को आरंभिक धक्का पहुंचना तो निश्चित है।वैसे अगली दो तिमाहियों से स्थिति अधिक स्पष्ट होगी।
स्टाक मार्केट पर रखें नजर
चूंकि शेयर मार्केट बड़े संवेदनशील होते हैं,अतः इतने बड़े नकारात्मक घटनाक्रम में वो धराशाई हो गए। निवेश के दृष्टिकोण से अब यह देखना होगा कि कोन से शेयर अत्यन्त आकर्षण मूल्यांकन पर उपलब्ध हैं। उनमें विभिन्न स्तरों पर निवेश किया जा सकता है,साथ की उन क्षेत्रों का भी चयन करना होगा जिनपर अमेरिकी टैरिफ का अधिक दुष्प्रभाव नहीं पड़ रहा होअथवा अछूते हों। अभी कुछ समय के लिए मार्केट में तीव्र उतार चढ़ाव बना रहेगा।अतः लघु अवधि के छोटे छोटे लाभों के लिए ट्रेड करना ही उपयुक्त लग रहा है।
भारत रहेगा अप्रभावित
भारत का अमेरिका को निर्यात अपेक्षाकृत कम ही है तथा भारत अपने निर्यात का मात्र 2 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को करता है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को भी कोई विशेष झटका नहीं लगने वाला है। परंतु शेयर मार्केट में गिरावट की आंधी में सभी शेयर मार्केट प्रभावित हो ही जाते हैं। एक दिन विश्व ट्रंप टैरिफ के अंतर्गत कैसे चलना है,यह सीख ही लेगा एवं तब पुनः संसार थोड़ी बहुत सामंजस्य के साथ सामान्य रूप से चलाना प्रारम्भ कर देगा।
स्मरण रखिए,ये ट्रंप टैरिफ है, कोई परमाणु बम नहीं। सरकारी बैंक,पीएसयू ,तेल गैस वितरण कंपनियों के शेयरों में विभिन्न भावों पर निवेश किया जा सकता है। क्रूड तथा मेटल के मूल्यों के बड़ी गिरावट आई है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सकारात्मक है।