/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/14/upi-with-amitabhkant-2025-07-14-10-33-10.jpg)
UPI ने रचा इतिहास : VISA को पछाड़ बना दुनिया का नंबर 1 डिजिटल पेमेंट सिस्टम! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत के डिजिटल भुगतान क्रांति ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने दैनिक लेनदेन के मामले में वैश्विक दिग्गज वीजा को पीछे छोड़ दिया है। नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत के अनुसार, यूपीआई अब प्रतिदिन 650 मिलियन से अधिक लेनदेन संसाधित कर रहा है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा वास्तविक समय भुगतान प्रणाली बनाता है। यह अविश्वसनीय उपलब्धि महज नौ वर्षों में हासिल की गई है, जो भारत के डिजिटल इकोसिस्टम की असाधारण गति और पैमाने को दर्शाती है।
यूपीआई सिर्फ एक भुगतान प्रणाली नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति का प्रतीक बन चुका है। इसने लाखों भारतीयों के लिए वित्तीय समावेशन के द्वार खोले हैं, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में। कल्पना कीजिए, अब छोटे से छोटे विक्रेता से लेकर बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान तक, हर कोई आसानी से डिजिटल भुगतान स्वीकार कर रहा है।
सुविधा और गति: यूपीआई ने पैसे भेजने और प्राप्त करने के तरीके को सरल और तेज बना दिया है। कुछ ही सेकंड में लेनदेन पूरा हो जाता है।
सुरक्षा: मजबूत एन्क्रिप्शन और प्रमाणीकरण के साथ, यूपीआई लेनदेन अत्यंत सुरक्षित हैं।
कम लागत: पारंपरिक बैंकिंग चैनलों की तुलना में, यूपीआई लेनदेन में नाममात्र या कोई शुल्क नहीं लगता।
सर्वव्यापी उपलब्धता: स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ, कोई भी यूपीआई का उपयोग कर सकता है।
UPI surpasses Visa to become the world's leading real-time payment system, processing over 650 million transactions daily.
— Amitabh Kant (@amitabhk87) July 13, 2025
Achieving this in just 9 years highlights its unmatched scale and momentum.
From India to the world, UPI is leading the digital payment revolution! https://t.co/Gsf6iVyr6m
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अमिताभ कांत ने इस उपलब्धि को "अभूतपूर्व" करार दिया है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की एक बड़ी सफलता बताया है, जिसने "नागरिकों के जीवन को बदल दिया है।" यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव है। नकदी पर निर्भरता कम हुई है, पारदर्शिता बढ़ी है और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में मदद मिली है।
भविष्य की राह: डिजिटल भारत का सपना
यूपीआई की सफलता ने भारत को वैश्विक डिजिटल नवाचार के मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया है। अन्य देश भी अब भारत के यूपीआई मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं और इसे अपने यहां लागू करने की संभावना तलाश रहे हैं। यह भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी prowess का एक जीता-जागता उदाहरण है।
इस 'डिजिटल भुगतान क्रांति' का प्रभाव केवल अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का भी वाहक बन रहा है। महिलाओं और युवाओं को वित्तीय स्वतंत्रता मिल रही है, जिससे वे अपने निर्णय स्वयं ले पा रहे हैं। छोटे व्यवसायों को भुगतान प्राप्त करने में आसानी हुई है, जिससे उनका कारोबार बढ़ा है। यूपीआई ने यह साबित कर दिया है कि सही नीतियों और तकनीकी नवाचार के साथ, कोई भी देश डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है।
भविष्य में, यूपीआई की पहुंच और कार्यक्षमता और बढ़ेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियों का एकीकरण इसे और भी सहज और सुरक्षित बनाएगा। यह भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण स्तंभ साबित होगा। यूपीआई का यह सफर अभी जारी है और यह लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
UPI for High Value Payments | Digital Payments | India Digital Payments