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US-China Tarrif War: जानें कैसे 100 डॉलर का माल अब 245 डॉलर में बिकेगा ? पढ़िए पूरी स्टोरी

अमेरिकी टैरिफ वृद्धि ने चीन से आयातित माल की कीमतें 145% तक बढ़ा दी हैं, जिससे 100 डॉलर का सामान अब 245 डॉलर में बिकेगा, आर्थिक तनाव गहरा रहा है।

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Ajit Kumar Pandey
US CHINA PRESIDENT

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

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tarrif | US | america tariff | china | अमेरिका ने चीन पर आयात शुल्क (टैरिफ) 125% से बढ़ाकर 145% कर दिया है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि पहले की घोषणा के अलावा फेंटेनाइल ड्रग तस्करी के लिए 20% अतिरिक्त पेनल्टी भी लागू रहेगी। इसका मतलब है कि चीन से आयात होने वाला 100 डॉलर का सामान अब अमेरिका में 245 डॉलर में बिकेगा।

क्यों बढ़ा टैरिफ?

फेंटेनाइल पेनल्टी: मार्च 2025 से चीन पर ड्रग तस्करी के आरोप में 20% अतिरिक्त टैरिफ लगा था, जिसे अब मुख्य टैरिफ में जोड़ दिया गया है।

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व्यापार युद्ध का विस्तार: चीन ने जवाब में अमेरिकी सामान पर 84% टैरिफ लगाया है।

टैरिफ वॉर की टाइमलाइन

2 अप्रैल: अमेरिका ने चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया (कुल 54%)

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4 अप्रैल: चीन ने जवाबी टैरिफ 34% बढ़ाया

8 अप्रैल: ट्रम्प ने 50% और टैरिफ की धमकी दी

9 अप्रैल: अमेरिका ने टैरिफ 104% कर दिया, चीन ने 50% और बढ़ाया (कुल 84%)

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10 अप्रैल: व्हाइट हाउस ने कुल टैरिफ 145% घोषित किया

अमेरिकी बाजार पर असर

  • नैस्डैक इंडेक्स में 7% गिरावट
  • एप्पल, एनवीडिया जैसी कंपनियों के शेयर लुढ़के
  • कच्चे तेल की कीमत 63 डॉलर/बैरल से नीचे
  • ट्रम्प का ऑफर: डील करने वालों को 10% टैरिफ

ट्रम्प ने कहा कि 75+ देशों ने अमेरिका से बातचीत शुरू की है, इसलिए उन पर टैरिफ 10% रखा जाएगा। भारत समेत कई देशों पर पहले 26% टैरिफ लगाया गया था, जिसे अब कम किया जा सकता है।

चीन की तैयारी

  • 1.9 लाख करोड़ डॉलर का इंडस्ट्रियल लोन
  • हुआवेई ने गूगल से 10 गुना बड़ा रिसर्च सेंटर बनाया
  • अमेरिकी बॉन्ड्स (760 अरब डॉलर) का इस्तेमाल करने की ताकत

चीन का जवाब: "हम नहीं झुकेंगे"

चीनी विदेश मंत्रालय ने 1953 के माओ जेदोंग के भाषण का वीडियो शेयर करते हुए कहा – "हम अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे। युद्ध जितना लंबा चले, हम लड़ते रहेंगे।"

क्या होगा आगे?

  • अमेरिकी कंपनियों को चीनी सामान की महंगी कीमतें चुकानी होंगी
  • वैश्विक मंदी और महंगाई का खतरा
  • दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जारी रहने की संभावना
  • इस टकराव से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, जिसका असर भारत समेत अन्य देशों पर भी पड़ सकता है।
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