नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा की संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा एक ऐसे शख्स को मिल सकता है, जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा। उनकी वसीयत ने करीबी लोगों को चौंका दिया है। रतन टाटा अपनी संपत्ति का करीब एक तिहाई हिस्सा एक मिस्ट्री मैन के लिए छोड़ गए हैं। रतन टाटा की वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता के नाम का जिक्र उनके उत्तराधिकारियों के नामों में शामिल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा ने 500 करोड़ रुपये की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता के लिए छोड़ी है। बता दें कि रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर, 2024 को हुआ था। इसके बाद से उनकी संपत्ति का बंटवारा चर्चा का विषय बना हुआ था।
कौन है मोहिनी मोहन दत्ता?
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर बेस्ड इंटरप्रेन्योर हैं। वह स्टैलियन के को-ऑनर हैं। हालांकि बाद में वह टाटा सर्विसेज का हिस्सा बन गए। मर्जर से पहले उनके पास स्टैलियन में 80% हिस्सेदारी थी, जबकि टाटा इंडस्ट्रीज के पास बाकी 20% हिस्सेदारी थी। रतन टाटा के अंतिम संस्कार के दौरान मोहिनी मोहन दत्ता ने खुलासा किया था कि वे उनसे पहली बार जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में मिले थे। उन्होंने टीसी ट्रेवल्स के निदेशक के रूप में भी काम किया है। मोहिनी मोहन दत्ता को रतन टाटा का करीबी माना जाता है। रतन टाटा को करीब से जानने वाले लोगों के हवाले से इन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दत्ता लंबे समय से उनके सहयोगी रहे हैं और परिवार के सदस्यों सहित उनके करीबी लोग भी उन्हें जानते थे। दत्ता की दो बेटियों में से एक ने 2024 तक नौ साल तक टाटा ट्रस्ट में काम कर चुकी हैं। इससे पहले वो ताज होटल में काम कर चुकी हैं।
रतन टाटा की वसीयत में क्या?
रतन टाटा की वसीयत को उनके निधन के करीब दो हफ्ते बाद सार्वजनिक किया गया था। रतन टाटा की संपत्ति को उनके भाई, सौतेली बहनों और उनके घरेलू कर्मचारियों और उनके एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट शांतनु नायडू समेत कई अन्य लोगों के बीच बांटा गया था। रतन टाटा ने अपने पालतू डॉग की देखभाल के लिए भी रकम तय की है. वहीं टाटा सन्स की हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी गई थी।