Advertisment

एक गुमशुदा युवती और दो लाशें, ऐसा कत्ल जिसने दिल्ली पुलिस को कर दिया शर्मसार

शीतल अब इस दुनिया में मौजूद नहीं है। यानि उसका कत्ल तो हुआ पर कातिलों के गिरेबां पर हाथ डालने के लिए पुलिस के पास अब कोई सबूत नहीं है। उसे पता है कि कत्ल किसने किया पर कोर्ट तो केवल सबूतों पर गौर करती है। यानि केस अभी भी ओपन है।

author-image
Shailendra Gautam
Murder

Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः तकरीबन पांच साल पहले की बात है। 6 फरवरी 2020 को न्यू अशोक नगर थाने के मुलाजिम कड़कड़ाती सर्दी से बचने के इंतजाम करने में लगे थे। तभी थाने में एक युवक दाखिल होता है। 27 साल के अंकित भाटी का कहना था कि उसकी 23 साल की पत्नी शीतल न जाने कहां गुम हो गई है। उसका कहना था कि शीतल को उसके घर वालों ने मार दिया। अंकित का कहना था कि शीतल का फोन 18 जनवरी के बाद से बंद आ रहा है। 

Advertisment

बुलंदशहर की नहर से मिली थीं दो लावारिश लाशें

पुलिस अंकित की शिकायत को लेकर छानबीन शुरू कर देती है। पर शीतल का सुराग नहीं मिल पाता। जांच अंधेरे मोड़ पर पहुंच चुकी थी। पुलिस लाख हाथ पैर मारने के बाद भी शीतल का पता नहीं लगा पाई। तभी 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस की एक सूचना की तरफ दिल्ली पुलिस का ध्यान जाता है। दरअसल यूपी पुलिस ने आसपास के सभी राज्यों को सूचित किया था कि बुलंदशहर की एक नहर में दो लाशें मिली हैं। दोनों सड़ी गली हालत में हैं। दिल्ली पुलिस के लगता है कि अंकित से लाशों की शिनाख्त कराई जाए तो शीतल केस कुछ आगे बढ़ सकता है। 

एक शव की पहचान अंकित शीतल के तौर पर करता है

Advertisment

दिल्ली पुलिस अंकित को लेकर बुलंदशहर रवाना होती है और मार्चरी में रखी दोनों लाशों को उसे दिखाया जाता है। अंकित एक लाश की पहचान शीतल के रूप में करता है। पुलिस 16 फरवरी 2020 को केस दर्ज कर लेती है। पुलिस को लगता है कि केस क्रेक हो गया। उसकी थ्यौरी थी कि शीतल के पिता रविंदर चौधरी और भाई ने गला दबाकर उसे मारा और फिर निशान मिटाने के लिए लाख को नहर में फेंक दिया। पुलिस शीतल के माता-पिता, भाई, चाचाओं और चचेरे भाई को अरेस्ट कर लेती है। पिता के अतिरिक्त बाकी सभी को जमानत मिल जाती है। 

अंकित से शीतल की शादी के खिलाफ थे परिजन, कर दी हत्या

पुलिस की थ्यौरी थी कि अंकित और शीतल एक दूसरे से प्यार करते थे। दोनों ने घर वालों को बताए बगैर कोर्ट मैरिज कर ली थी। दोनों के घर आसपास थे और उनका गोत्र भी एक ही था। गुपचुप शादी के बाद शीतल अपने माता पिता के साथ ही रह रही थी। अंकित से वो फोन पर बात करती रहती थी। एक दिन उसने अंकित से कहा कि उसके चचेरे भाई की शादी है। वो अपने माता पिता से अपनी शादी की बात भी करेगी और फिर दोनों साथ में रहेंगे। पुलिस का कहना है कि शीतल की बात को सुनकर उसके माता पिता आपा खो बैठे। रविंदर ने शाल से शीतल का गला घोंटा और फिर कार में उसकी लाश को डालकर 6 आरोपी नहर में फेंक आए।

Advertisment

पिता के फोन की लोकेशन मिली थी नहर के पास

दिल्ली पुलिस ने कहा कि रविंदर ने हत्या की बात कबूल कर ली है। उसके फोन की लोकेशन 18 जनवरी 2020 से लेकर 19 जनवरी तक नहर के आसपास ही मिली थी। शीतल का फोन 18 जनवरी को ही शाम 6 बजकर 24 मिनट 11 सेकेंड पर स्विच आफ हो गया था। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में पेश की तो अदालत ने लाश के डीएनए को परिजनों से मैच करने का आदेश दिया। दरअसल अंकित ने लाश की पहचान दांतों और कपड़ों को देखकर की थी। उसका कहना था कि ये कपड़े उसने ही शीतल को गिफ्ट किए थे जबकि उसके दांतों में प्लेट लगी थीं। 

लेकिन लाश का डीएनए न तो मां से मिला और न ही भाई से

Advertisment

पुलिश ने लाश के डीएनए सैंपल शीतल की मां से मैच किए लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव थी। भाई से मैच किए तो भी यही कहानी थी। यानि जिस लाश की पहचान अंकित ने शीतल के तौर पर की थी वो दरअसल शीतल थी ही नहीं। अब कोर्ट रविंदर को भी जमानत पर छोड़ देती है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस शर्मसार थी। वो जिस केस को क्रेक करने का दावा कर रही थी वो अभी ओपन था।

पुलिस बोली- नहर से मिली लाशें हो गई थीं आपस में तब्दील

दिल्ली पुलिस ने बचाव में जो दलील दी वो ये कि केस क्रेक हो गया था। लेकिन नाजुक मोड़ पर एक गलती हो गई। दरअसल यूपी पुलिस को बुलंदशहर की नहर से दो लाशें मिली थीं। दोनों महिला थीं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि लाशें तब्दील हो गईं या फिर डाक्टर्स ने जो डीएनए सैंपल जुटाए वो दूसरे शव के थे। पुलिस की दुख भरी कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती। दूसरी लाश जो नहर से मिली थी। उसकी पहचान नहीं हो पाई तो लावारिस समझ के उसका संस्कार कर दिया गया। डाक्टर्स ने उस शव का विसरा या डीएनए सैंपल जुटाने की जरूरत नहीं समझी।

शीतल का कत्ल हुआ पर पुलिस साबित नहीं कर सकती

पुलिस का कहना है कि अब कुछ नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों लाशों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। दूसरी तरफ ये सवाल अभी तक कायम है कि आखिर शीतल के साथ क्या हुआ। इतना तो साफ है कि शीतल अब इस दुनिया में मौजूद नहीं है। यानि उसका कत्ल तो हुआ पर कातिलों के गिरेबां पर हाथ डालने के लिए पुलिस के पास अब कोई सबूत नहीं है। उसे पता है कि कत्ल किसने किया पर कोर्ट तो केवल सबूतों पर गौर करती है। यानि केस अभी भी ओपन है।

delhi police, sheetal murder, sheetal murder case, ankit bhati, murder in new ashok nagar, शीतल मर्डर केस, दिल्ली पुलिस, अंकित भाटी

delhi Crime Police
Advertisment
Advertisment