Advertisment

संयोग के बाद संयोग, 35 साल बाद ऐसा सुलझा 200 की ठगी का केस

मंजूनाथ गौड़ा पुराने मामलों को देख रहे थे। तभी उनकी नजर थाने के सबसे पुराना लंबित मामले पर पड़ी। उनको यह दिलचस्प लगा क्योंकि मामला 200 रुपये को लेकर दायर किया गया था।

author-image
Shailendra Gautam
fraud

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः यह 1990 की बात है, जब 200 रुपये बहुत काम आते थे। 20 वर्षीय छात्र वेंकटेश महादेव वैद्य के लिए यह रकम उम्मीद थी। सरकारी नौकरी के लिए एक अजनबी को दी गई पेशगी। जिसे पैसे दिए वह व्यक्ति रातों-रात गायब हो गया। वैद्य ने मामला दर्ज कराया पर 35 साल तक ये अनसुलझा रहा। साढ़े तीन दशक तक पुलिस को यह केस मुंह चिढ़ा रहा था। अफसर तब्दील होते और उनकी निगाह इस केस पर पड़ती पर हाथ पैर मारकर वो चुप हो जाते और केस फिर से ठंडे बस्ते में चला जाता। 35 साल बाद संयोगों का ऐसा सिलसिला चला कि केस आखिरकार साल्व हो गया। 

Advertisment

सरकारी नौकरी के लिए छात्र ने दी थी 200 की रिश्वत

फरवरी 1990 में वैद्य, जो उस समय बीकाम के छात्र थे। उस दौरान वो अपनी पढ़ाई के लिए छोटे-मोटे काम कर रहे थे। उन्हें नौकरी की दरकार थी। एक दिन सिरसी में प्रभावशाली माने जाने वाले केशवमूर्ति राव से मिले। वैद्य के माता-पिता मजदूर थे। बीके राव ने उनसे सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया और 200 रुपये की रिश्वत मांगी। उस समय यह बहुत बड़ी रकम थी। उनका प्रस्ताव ठीक लगा। इसलिए वैद्य ने एक बुजुर्ग से कर्ज लिया और राव को पैसे दे दिए। पर पैसे लेकर लापता हो गया। वेंकटेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि मैं रोया क्योंकि मैंने इतनी बड़ी रकम खो दी थी। फिर मैं जीवन में आगे बढ़ गया। वैद्य ने पढ़ाई पूरी की और भारतीय स्टेट बैंक में काम करने लगे। उन्होंने बेंगलुरु में एसबीआई शाखा के मुख्य प्रबंधक के पद से स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली। हर दो या तीन साल में राव के बारे में जानकारी मांगने के लिए उन्हें पुलिस से फोन आता था। जुलाई 2025 में वैद्य को ऐसा फोन आया जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।

संयोगों का सिलसिला ऐसा बना कि सुलझ गया केस

Advertisment

पिछले हफ्ते पुलिस ने एक फेक कूरियर ब्वाय के जरिये आखिरकार आरोपी बी केशवमूर्ति राव को पकड़ लिया। आरोपी अब 72 साल का है। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की सिरसी पुलिस के लिए यह थाने के सबसे पुराने लंबित मामले का खात्मा था। हालांकि, इसकी शुरुआत संयोग से हुई।

पहला संयोग था इंस्पेक्टर की सिरसी में पोस्टिंग

पुलिस निरीक्षक मंजूनाथ गौड़ा, जिन्होंने दो महीने पहले ही थाने का कार्यभार संभाला था, पुराने मामलों को देख रहे थे। तभी उनकी नजर एक मामले पर पड़ी। यह थाने का सबसे पुराना लंबित मामला था। उनको यह दिलचस्प लगा क्योंकि मामला 200 रुपये को लेकर दायर किया गया था। गौड़ा ने उस कस्बे में काम किया था, जहां राव रहा करता था। गौड़ा ने कहा कि उन्होंने कुंडापुरा में अपने नेटवर्क के साथ कुछ डिटेल साझा किए। पता चला कि राव दो दशक से भी पहले शहर छोड़ चुका था।  इंस्पेक्टर राव के रिश्तेदारों से संपर्क करने में कामयाब रहे और उनका कांटेक्ट नंबर हासिल किया। वो बेंगलुरु में था जहां वह कन्नड़ कार्यकर्ता बन गया था। इंस्पेक्टर गौड़ा ने कहा कि राव कई विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहा था और कुछ प्रदर्शनों में वो वताल नागराज और अन्य नेताओं के बगल में खड़ा दिखा।

Advertisment

दूसरा संयोग तब बना जब कांस्टेबल गया बेंगलुरु

लेकिन यहीं पर जांच थम गई। सिरसी पुलिस 200 रुपये के मामले में 400 किलोमीटर की यात्रा करके बेंगलुरु जाने की स्थिति में नहीं थी। यहीं पर संयोग का दूसरा तत्व सामने आया। जून के आखिरी हफ्ते में पुलिस कांस्टेबल मारुति गौड़ा सालाना पुलिस खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बेंगलुरु जा रहे थे। इंस्पेक्टर गौड़ा ने उसे मीटिंग खत्म होने के बाद राव के बारे में पता करने को कहा। कांस्टेबल ने बताया कि मैंने कूरियर ऑफिस के कर्मचारी के रूप में उसे फोन किया और नाम की पुष्टि की। मैंने उसे पार्सल लेने के लिए कूरियर ऑफिस आने को कहा। जब वह आया तो मैंने उसे उठाया और सिरसी ले आया।

35 साल बाद आखिरकार बंद हो गया केस

Advertisment

सिरसी ग्रामीण पुलिस ने आखिरकार राव को गिरफ्तार कर लिया। राव को एक अदालत में पेश किया गया। उसने वैद्य से माफी मांगी। सेवानिवृत्त बैंकर ने कहा कि अब वे 72 साल के हो गए हैं। 200 रुपये तब बहुत पैसे थे, लेकिन अब नहीं। मानवीय आधार पर वैद्य ने उसे माफ कर दिया। वैद्य के केस वापस लेने के फैसले को देखते हुए अदालत ने केस बंद करने का आदेश दिया। वैद्य ने कहा कि जब भी कोई एसपी या डिप्टी एसपी चार्ज लेता था तो उनको सिरसी से फोन आता था कि क्या राव के बारे में कोई जानकारी है। उनको यकीन था कि यह केस पुलिस को भी परेशान कर रहा था।

Uttara Kannada, Sirsi Police, fraud of Rs 200, Inspector Manjunath, 35 year old case

Crime Karnataka Police
Advertisment
Advertisment