Advertisment

Crime : हिंदू, मुस्लिम और ईसाई धर्मगुरुओं की पड़ताल! क्या है यौन शोषण मामलों की सच्चाई?

यंग भारत न्यूज के इस एक्सप्लेनर में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई के कथित धर्मगुरुओं पर लगने वाले यौन शोषण के आरोप — शक्ति, विश्वास और जवाबदेही की लड़ाई है। सूनी हुई आवाज़ों का संघर्ष एवं पीड़ितों की उम्मीदें हैं। जानें कौन हैं ये कथित धर्मगुरु?

author-image
Ajit Kumar Pandey
Crime : हिंदू, मुस्लिम और ईसाई धर्मगुरुओं की पड़ताल! क्या है यौन शोषण मामलों की सच्चाई? | यंग भारत न्यूज

Crime : हिंदू, मुस्लिम और ईसाई धर्मगुरुओं की पड़ताल! क्या है यौन शोषण मामलों की सच्चाई? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।जब धर्म/मजहब के नाम पर समाज में प्रेरणा और विश्वास का प्रकाश फैला होता है, तब एक ऐसे अंधेरे का सच सामने आना सदैव झटके का कारण बनता है। धर्मगुरुओं पर लगने वाले गंभीर यौन शोषण के आरोप उन विश्वासों को हिला देते हैं जो वर्षों से अनुयायियों की आत्मा में बसे हैं। 

हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई - तीनों पंथों में ऐसे अनेक मामले कभी कभी सुर्ख़ियों में आते हैं। ये आरोप न केवल व्यक्तिगत अपराध हैं बल्कि वे उस पवित्र प्रतिष्ठा पर आघात करते हैं जिसे समाज ने धर्मगुरुओं को सौंपा है। जब एक गुरु/मौलाना/फादर का चेहरा आत्मा के मार्गदर्शक का हो तब उस व्यक्ति से होने वाली हर हरकत अनुयायियों के लिए दिशा का प्रतीक बन जाती है। लेकिन, यदि उसी मार्गदर्शक ने अपनी शक्ति, भक्ति या विश्वास को दुरुपयोग करते हुए अपनी स्थिति से बल और विश्वास को हथियाया हो - तो तमाम स्वाभिमान और नैतिकता ध्वस्त हो जाती है। 

यह विषय सिर्फ एक अपराध की घटना नहीं है बल्कि यह शक्ति, विश्वास और जवाबदेही की गहरी लड़ाई है। यह संघर्ष है उन आवाजों का जो लज्जा, भय या दबाव की परतों में दब गई थीं। जो लोग लामबंद संस्थागत संरचनाओं में पनपे रिश्तों, आधिकारिक सलाह-मशविरों और अनुशासनों से डर गए - उनकी कहानियों को सुनने का अब समय आ गया है। 

यंग भारत न्यूज के इस एक्सप्लेनर हम ऐसे सभी कथित धर्मगुरुओं/मौलानाओं/फादरों पर लगे आरोपों की गंभीरता, समाज पर उनके प्रभाव, न्याय की भूमिका और पीड़ितों की आवाज़ को महसूस करने का प्रयास करेंगे। 

Advertisment

सबसे पहले हम शुरूआत करते हैं हाल ही में राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान के कुलाधिपति यौन शोषण का आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ ​​पार्थ सारथी अभी भी फरार है। 17 छात्राओं ने उन पर यौन शोषण और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस की कई टीमें विभिन्न शहरों और राज्यों में छापेमारी कर रही हैं, लेकिन बाबा अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है।

बता दें कि संस्थान में पढ़ने वाली कई लड़कियों ने पुलिस के सामने बाबा के काले सच उजागर किए हैं। एक पूर्व छात्रा ने बाबा के काले कारनामों का खुलासा किया है, जो चौंकाने वाला है। इस मामले में 4 अगस्त, 2025 को वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और तभी से इस पाखंडी बाबा के कुकर्मों की कहानियां सामने आने लगीं। श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बाबा फरार हो गए।

नकली बाबा चैतन्यानंद प्रबंधन, नीति और नैतिकता पर व्याख्यान देते थे, लेकिन अब वे गंभीर आरोपों से घिरे हैं। अब दिल्ली पुलिस उस व्यक्ति की तलाश कर रही है जो इस प्रतिष्ठित संस्थान का प्रमुख था। उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के कुछ ही घंटों बाद वह गायब हो गया। उसका पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वह मोबाइल फोन, डेबिट या क्रेडिट कार्ड या यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। पुलिस चैतन्यानंद उर्फ ​​पार्थसारथी की तलाश में चप्पे-चप्पे पर तलाशी ले रही है। 

Advertisment

साल 2016 में डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। साल 2009 का एक पुराना मामला भी था, लेकिन बाबा हमेशा अपने पैसे और प्रभाव का फायदा उठाकर बच निकलता था। पीड़ितों का कहना है कि कई लड़कियां नाकामी के डर से चुप रहती थीं। अब उसके खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, दो पुरानी और तीन नई, जिनमें धोखाधड़ी, छेड़छाड़ और फर्जी नंबर प्लेट के मामले शामिल हैं।

CHATNYANAND SARSWATI
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती Photograph: (Google)

32 महिलाओं में से 17 ने दुर्व्यवहार की शिकायत की है। एक पूर्व छात्रा ने खुलासा किया कि संस्थान में अभी भी पढ़ रही लड़कियां भी ऐसी ही कहानियां बता रही हैं। यह व्यवस्थित शोषण 16 सालों से चल रहा था। पुलिस ने तीन वार्डन से पूछताछ की, जिन पर संदेश डिलीट करने का आरोप है।

मुस्लिम धर्म से जुड़े कथित मौलानाओं/धर्म गुरूओं पर लगे आरोप

मुस्लिम: मौलाना जरजीस (इटावा) पर साल 2022 में एक महिला से विवाह का वादा कर बलात्कार और ब्लैकमेलिंग व अपशब्द वीडियो बनाने का आरोप है। 10 वर्ष की सज़ा दी गई। मामला अदालत में मुकर्रर निर्णय के बाद दोषसिद्ध। यह रिपोर्ट इंडिया टुडे में 23 सितंबर 2022 में प्रकाशित है। 

Advertisment

मुस्लिम: मौलाना शफीक अल कासिमी मुंबई में साल 2019 में 15 वर्ष की लड़की के साथ यौन शोषण किया गया। लड़की को वह अरबी सिखाते थे। शिकायत के बाद मौलाना को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच जारी रही। यह रिपोर्ट एनडीटीवी की वेबसाइट पर 8 मार्च 2019 को प्रकाशित की गई है।

मुस्लिम: हुसैन रामपुरवाला पर महाराष्ट्र के रायगढ़ में साल 2022 में तीन नाबालिग लड़कियों (5 से 12 वर्ष) के साथ छेड़छाड़/मोलेस्टेशन किया गया। वह बच्चों को धार्मिक शिक्षा देता था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने POCSO एक्ट और IPC की धारा में मामला दर्जकर हुसैन रामपुरवाला गिरफ्तार किया। यह रिपोर्ट ऑपइंडिया वेबसाइट पर 15 सितंबर 2022 को प्रकाशित की गई है।

ईसाई/क्रिश्चियन धर्म से जुड़े कथित धर्म गुरूओं पर लगे आरोप

ईसाई / क्रिश्चियन: बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर केरल    में साल 2018 में एक नन ने आरोप लगाया कि उससे साल 2014-16 के बीच 13 बार यौन दुर्व्यवहार किया गया। आरोप के बाद पुलिस ने बिशप फ्रेंको मुलक्कल को गिरफ्तार किया, मुकदमा चला। चर्च में आंदोलन और सार्वजनिक विरोध, अभी भी न्यायालयीन प्रक्रिया चल रही। इस रिपोर्ट को बीबीसी ने 21 सितंबर 2018 में प्रकाशित किया।

ईसाई / क्रिश्चियन: ईसाई पादरी बेनेडिक्ट एंटो पर कन्याकुमारी जिले में साल 2023 में कुछ महिलाओं द्वारा यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया गया साथ ही वीडियो और तस्वीरें को लेकर ब्लैकमेलिंग का अरोप, सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप है। ईसाई पादरी बेनेडिक्ट एंटो को गिरफ्तार कर जांच जारी। इस रिपोर्ट को द हिंदू ने 20 मार्च 2023 में प्रकाशित किया। 

ईसाई / क्रिश्चियन: फादर एडविन फिगारेज़ पर केरल में साल 2016 में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप है। पुलिस ने फादर एडविन फिगारेज़ पर POCSO के तहत मामला दर्ज किया। अदालत में दोष सिद्ध हुआ और दोहरा जीवन काल कारावास और जुर्माना हुआ। इस रिपोर्ट को द इंडियन एक्सप्रेस ने 9 दिसंबर 2016 में प्रकाशित किया।

ईसाई / क्रिश्चियन: पादरी जॉन जेबराज पर केरल के कोयंबटूर में साल 2025 में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप है। आरोप है कि पादरी जॉन जेबराज ने एक पार्टी के दौरान यह घिनौन कृत्य किया। आरोप देर से सार्वजनिक हुए फिर पुलिस ने गिरफ्तार कर केस दर्ज किया। मामला अदालत में चल रहा। इस रिपोर्ट को मातृभूमि ने 13 अप्रैल 2025 में प्रकाशित किया।

ईसाई / क्रिश्चियन: फादर साजी जोसेफ पर दो नाबालिग लड़कों के साथ अश्लील व्यवहार / यौन शोषण का आरोप है। फादर साजी जोसेफ ने दो साल तक लगातार यौन शौषण किया। खुलासा होने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामला कोर्ट में है। इस रिपोर्ट को द वीक ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से 18 जुलाई 2017 को प्रकाशित किया है।

हिंदू धर्म से जुड़े कथित धर्म गुरूओं पर लगे आरोप

हिंदू: आसाराम बापू पर साल 2013 में एक किशोरी से दुष्कर्म का आरोप लगा और साल 2018 में राजस्थान जोधपुर की अदालत ने फैसला सुनाया। साथ ही अन्य कई मामलों आरोप लगाया गया और साल 2018 में ही कोर्ट ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास दिया।

हिंदू: नारायण साईं (आसाराम का बेटा) पर साल 2013 में महिला अनुयायियों से यौन शोषण के आरोप लगे और साल 2019 में अदालत ने दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई।

हिंदू: गुरमीत राम रहीम सिंह पर साल 2002 एफआईआर दर्ज हुई और साल 2017 में फैसला     सुनाया गया। आरोप है कि दो महिला अनुयायियों से दुष्कर्म किया और बाद में एक पत्रकार की हत्या का भी आरोप लगा। साल 2017 में दुष्कर्म के लिए 20 साल की सज़ा हुई।

हिंदू: स्वामी भीमानंद (पी. सुधाकर) पर साल 2010 में सेक्स रैकेट चलाने का आरोप है। साथ ही कुछ महिलाओं के शोषण के आरोप भी लगाए। दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार किया। 

हिंदू: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर साल 2025 में एक संस्थान की 17 छात्राओं ने यौन शोषण और छेड़छाड़ के आरोप लगाए। पुलिस ने मामला सितंबर 2025 में गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और फरार आरोपी की तलाश कर रही है।

क्या कहते हैं समाज के जिम्मेदार समाजसेवी, धर्मगुरू और पत्रकार?

SHAHID MALIK
मोहम्मद शाहिद मलिक, समाजसेवी दिल्ली Photograph: (YBN)

“धर्मगुरु समाज के मार्गदर्शक होते हैं। अगर उन्हीं पर यौन शोषण जैसे आरोप लगें, तो यह विश्वास का सबसे बड़ा संकट है। आरोप साबित हों तो कड़ी सज़ा होनी चाहिए।”  -मोहम्मद शाहिद मलिक, समाजसेवी दिल्ली

SANTOSH_PANDEY-removebg-preview
आचार्य संतोष कुमार पाण्डेय, महाकालेश्वर धाम Photograph: (YBN)

“आस्था कभी अपराध का ढाल नहीं हो सकती। हिंदू, मुस्लिम या ईसाई – किसी भी धर्मगुरु को यदि दोषी पाया जाता है, तो उसे कानून के तहत कठोर दंड मिलना चाहिए।” -आचार्य संतोष कुमार पाण्डेय, महाकालेश्वर धाम

ASHOK SOM
पत्रकार अशोक सोम, मेरठ Photograph: (YBN)

“ये मामले सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि संस्थागत विफलता को दिखाते हैं। समाज और मीडिया का कर्तव्य है कि पीड़ितों की आवाज़ को सामने लाएं और न्याय सुनिश्चित करें।” -पत्रकार अशोक सोम, मेरठ

“जब पीड़ित महिलाएं धर्मगुरुओं के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं, तो उन्हें सामाजिक और मानसिक दबाव झेलना पड़ता है। मीडिया की जिम्मेदारी है कि उनकी कहानियों को सुनकर न्याय की दिशा में कदम उठाए।” -श्वेता शर्मा, पत्रकार मेरठ

नोट: इस एक्सप्लेनर को लिखने का मकसद एकमात्र है कि समाज में लोगों को जागरूक करना और ऐसे लोगों से सावधान रहने का संदेश देना। हमारा यह मकसद कतई नहीं है कि हम किसी धर्म/संप्रदाय/मजहब/पंथ को टारगेट करें। सभी रिपोर्ट तथ्यात्मक हैं।

Brutal Crime Stories | Clergy Abuse 2025 | Religious Scandals | Faith Power Misuse | 

Faith Power Misuse Religious Scandals Clergy Abuse 2025 Brutal Crime Stories
Advertisment
Advertisment