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दो मौत और एक FIR... IPS पूरन कुमार के बाद ASI संदीप कुमार ने क्यों दी जान? क्या है पूरा मामला?

हरियाणा में एक और पुलिस अधिकारी, ASI संदीप लाठर ने खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट में IPS वाई पूरन कुमार पर 'यौन शोषण, भ्रष्टाचार, जातिवाद' के सनसनीखेज आरोप हैं। ASI ने खुद की मौत को 'शहादत' बताते हुए कहा- IPS ने गिरफ्तारी के डर से जान दी?

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Ajit Kumar Pandey
दो मौत और एक FIR... IPS पूरन कुमार के बाद ASI संदीप कुमार ने क्यों दी जान? क्या है पूरा मामला? | यंग भारत न्यूज

दो मौत और एक FIR... IPS पूरन कुमार के बाद ASI संदीप कुमार ने क्यों दी जान? क्या है पूरा मामला? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।हरियाणा पुलिस में एक और अधिकारी ने खुदकुशी कर ली है। रोहतक साइबर सेल के ASI संदीप लाठर ने जान देने से पहले चार पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है। नोट में हाल ही में खुदकुशी कर चुके IPS वाई पूरन कुमार पर 'भ्रष्टाचार, यौन शोषण और जातपात' फैलाने के सनसनीखेज आरोप हैं। ASI ने इसे 'सच्चाई की लड़ाई में पहली आहूति' बताया है, जिसने पुलिस महकमे के काले सच को फिर सामने ला दिया है।

सच्चाई की जंग में ASI संदीप लाठर की 'आहूति' 

हरियाणा में ईमानदारी और भ्रष्टाचार के बीच छिड़ी इस लड़ाई का यह दूसरा अध्याय है। 7 अक्टूबर 2025 को IPS वाई पूरन कुमार की खुदकुशी के बाद अब रोहतक साइबर सेल में तैनात ASI संदीप लाठर ने खुद को गोली मारकर जान दे दी है। संदीप ने यह कदम मंगलवार को उठाया, जिसके बाद लाढ़ोत-धामड़ रोड पर एक मकान से उनकी डेडबॉडी बरामद हुई। यह सिर्फ एक और आत्महत्या नहीं है, बल्कि एक सिस्टम के खिलाफ बुलंद आवाज़ है, जिसे संदीप ने अपनी 'शहादत' बताया है। 

अपने सुसाइड नोट में उन्होंने सीधे तौर पर IPS पूरन कुमार और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसने पूरे पुलिस महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। 

ASI के नोट में क्या? 'पूरन कुमार ने गिरफ्तारी के डर से दी जान' 

ASI संदीप कुमार ने अपने सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि IPS वाई पूरन कुमार, भ्रष्टाचार में इतना लिप्त थे कि गिरफ्तारी के डर से उन्हें खुदकुशी करनी पड़ी। यह बात उन तमाम कयासों पर विराम लगाती है, जो IPS की मौत के बाद से ही लगाए जा रहे थे। संदीप ने IPS पर आरोप लगाते हुए कहा भ्रष्टाचार का ज़हर 'उन्होंने पूरन कुमार जातिवाद का ज़हर हमारे मुलाजिमों में घोला। 

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मुलाजिमों को IPS दफ्तर में बुलाकर फाइलों के नाम पर डराकर पैसे लिए।' 

यौन शोषण के आरोप: 'महिला पुलिस को ऑफिस में बुलाकर ट्रांसफर के नाम पर परेशान करके यौन शोषण किया गया।' 

टॉर्चर का खेल: 'सामान्य नागरिकों, व्यापारियों को बुलाकर फिजिकली और मेंटली टॉर्चर किया गया।' 

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जुल्म की पराकाष्ठा: 'अपराध को बढ़ावा ही नहीं दिया बल्कि जुल्म की पराकाष्ठा की।' 

इन आरोपों की गंभीरता इतनी ज़्यादा है कि अब पूरन कुमार का पूरा परिवार जांच के दायरे में आ गया है। 

'देशभक्ति मेरे रगों में कूट-कूट कर भरी है' 

ASI संदीप ने खुद को बलिदान की श्रेणी में रखते हुए लिखा है कि वह 'सच्चाई और ईमानदारी की भ्रष्टाचार से लड़ाई' लड़ रहे हैं। उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि उनके दादाजी और छोटे दादाजी देश के लिए सेना में लड़े थे और 'मेरे रगों में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी है।' उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि 'मुझे जैसे 100 जान कुर्बान लेकिन देश नहीं झुकेगा और सच्चाई की जीत होगी। 

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इस सच्चाई और ईमानदारी की लड़ाई में मैं पहली आहूति दे रहा हूं।' 

IAS और MLA परिवार की 'अवैध ताकत': संदीप लाठर ने अपने नोट में एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने IPS पूरन कुमार को भ्रष्टाचार की ताकत मिलने का कारण बताते हुए लिखा है कि पूरन कुमार अपनी ऊंची पहुंच का फायदा उठाते थे। 

'कोई आवाज़ उठाने की कोशिश करता तो कहता कि मेरा बाल भी बांका... घरवाली IAS है और साला MLA है और पूरी फैमिली SC आयोग में है। मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा।' 

संदीप ने आरोप लगाया कि IPS पूरन कुमार का तबादला भी उच्च अधिकारियों और 'CM की जानकारी' में किया गया था। 

इस नोट से पता चलता है कि पूरन कुमार के खिलाफ आवाज़ उठाना कितना मुश्किल था। 

ईमानदार DGP साहब की तारीफ, फिर भी सवाल 

ASI संदीप ने हरियाणा पुलिस के कुछ ईमानदार अधिकारियों की तारीफ भी की है। उन्होंने लिखा है 'DGP साहब ईमानदार और निडर व्यक्ति हैं... उन्होंने भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगा दी।' लेकिन यह लड़ाई अब जातिवाद और भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुकी है, जैसा कि संदीप ने लिखा है 'पूरे हरियाणा में जातिगत ज़हर घोलकर ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं।' 

यह सुसाइड नोट सिर्फ एक अधिकारी की मौत की कहानी नहीं है, बल्कि एक व्यवस्था की विफलता की दास्तान है, जहां ईमानदारी की आवाज़ को दबाने की कोशिश हो रही है। इस मामले की तुरंत उच्च-स्तरीय, निष्पक्ष जांच ज़रूरी है ताकि संदीप की शहादत व्यर्थ न जाए और भ्रष्टाचार के ये काले साये हमेशा के लिए खत्म हों। 

पुलिस ने क्या कहा

मामले की जानकारी देते हुए, पुलिस ने बताया कि एएसआई संदीप पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साइबर सेल में तैनात थे। मंगलवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि संदीप का शव एक घर में मिला है। मृतक ने सफेद शर्ट और नीली जींस पहनी हुई थी। उसकी सर्विस रिवॉल्वर भी चारपाई के पास पड़ी मिली। डीएसपी गुलाब सिंह मौके पर पहुंचे और एफएसएल विशेषज्ञ डॉ. सरोज दहिया को जांच के लिए बुलाया। घटना के बाद, पुलिस को तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट और एक वीडियो संदेश मिला, जिसमें संदीप ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।

अब देखना होगा कि हरियाणा पुलिस इस नोट में लिखे हर आरोप पर क्या एक्शन लेती है। 

ये है पूरा सुसाइड नोट

अपने सुसाइड नोट में एसएसआई संदीप कुमार S/O दयानंद, गांव- जुलाना, जींद ने लिखा, "मैंने अपनी जिंदगी में हमेशा सच्चाई का साथ दिया है। मुझे सच्चे और नेक आदमी बहुत पसंद हैं। मेरे दादाजी और छोटे दादाजी देश के लिए सेना में रहे हैं। छोटे दादाजी तो 7 साल बर्मा में देश के लड़ाई में रहे। मेरी रगों में देशभक्ति है। देश और समाज से बड़ा कोई नहीं है। मैं भगत सिंह को अपना आदर्श मानता हूं क्योंकि उन्होंने देश को आजाद करवाने में जगाया है। लीजेंड हैं। अगर भगत सिंह जैसे ना होते तो देश देश आजाद होता? वो भाग सकते थे लेकिन नहीं भागे हमारी नस्लों को प्रेरणा देता है... आज समाज में एक बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार और जातिवाद है। हमेशा सच्चाई और आदर्शों में बाधित करते हैं। 

हरियाणा में IAS अधिकारी और व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार करते हैं परन्तु BJP कि सरकार में कुछ ईमानदार अफसर थे जिन्होंने काफी हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दी है। डीजीपी साहिब ईमानदार और निडर व्यक्ति हैं। शुरुआत में बहुत ज्यादा कठिनाइयां आई मुझे माहौल में ढलने में। पर मेरा मन हमेशा सत्य के साथ और रहेगा।" 'हम अपराध पर लगाम लगाने में बहुत ज्यादा प्रयास किए और काफी हद तक बहुत से अफसरों का सहयोग मिला और अच्छा मार्गदर्शन मिला। 

सही के लिए प्रेरित परंतु आईजी पूरन कुमार का तबादला रोहतक रेंज में हुआ तो उन्होंने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की तैनाती आईजी दफ्तर में कर दी और ईमानदार कर्मठ कर्मियों का तबादला कर दिया। उन्होंने जातिवाद का जहर हमारे मुलाजिमों में घोला। मुलाजिमों को आईजी दफ्तर में बुलाकर फाइलों के नाम पर डराकर पैसे लिए। और बिना शिकायत के रोहतक रेंज से फाइलें मंगवाकर उनमें छोटी-छोटी कमियां निकालकर उन्हें मेंटली टॉर्चर किया। एसएसआई सुनील, गनमैन सुशील पैसे ऐंठते थे। महिला पुलिस को ऑफिस में बुलाकर ट्रांसफर के नाम पर परेशान करके यौन शोषण किया गया और सामान्य नागरिकों, व्यापारियों को बुलाकर फिजिकली और मेंटली टॉर्चर किया गया और मोटी रिश्वत ऐंठी गई। 

अपराध को बढ़ावा ही नहीं दिया बल्कि जुल्म की पराकाष्ठा की।' 'कोई आवाज उठाने की कोशिश करता तो कहता कि मेरा बाल बांका... घरवाली आईएएस और साला एमएलए और पूरी फैमिली एससी आयोग में है। मेरा कुछ बिगड़ेगा नहीं। यहीं से आईजी पूरन कुमार को भ्रष्टाचार करने की ताकत मिलती थी और उन्होंने दबाकर भ्रष्टाचार किया। उच्च अधिकारियों और सीएम की जानकारी में यह बात आने पर उनका ट्रांसफर किया गया। ट्रांसफर के बाद एक व्यापारी, जिसे बदमाशों और गुंडों द्वारा पहले भी धमकी दी गई थी, उसको अपने ऑफिस में बुलाकर बेइज्जत किया और मां-बहन की गालियां दीं। उनके व्यापारी ऑफिस में जाकर गनमैन सुशील कुमार को पैसे दिए जिसकी सीसीटीवी फुटेज और वॉयस रिकॉर्डिंग पेश करके जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। आईजी साहब के केस में नाम आने पर उन्होंने जातिगत आयोग का सहारा और राजनीतिकरण रंग देने के लिए झूठा सुसाइड नोट तैयार कर आत्महत्या की। जिस बारे में गिरफ्तारी से बचने के लिए यह कदम उठाया और आईपीएस ईमानदार अफसरों को टारगेट करने का मौका मिल गया। 

पूरे हरियाणा में जातिगत जहर घोलकर ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं।' "" अंत में संदीप कुमार ने लिखा, 'यह सच्चाई और ईमानदारी की भ्रष्टाचार से लड़ाई है। इसमें सच्चाई सामने आनी चाहिए। आईपीएस अपनी अपना भ्रष्टाचार उजागर ना हो, संपत्ति की जांच ना हो, यह ढोंग कर रहा है। परन्तु सच्चाई नहीं हारनी चाहिए। यह हमारे देश और समाज के लिए आगे बढ़ने में बहुत ही जरूरी है। हमारे समाज के काले कव्वे और भ्रष्टाचारी इस लड़ाई को कम करने की कोशिश में हैं। यह भूल गए कि हमारी रगों में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी हुई है। मेरे जैसे 100 कुर्बान लेकिन देश नहीं झुकेगा और सच्चाई की जीत होगी। इस सच्चाई और ईमानदारी की लड़ाई में मैं पहली आहुति दे रहा हूं।' 

"आपको बता दें कि हरियाणा पुलिस के विवादों में घिरे आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर जान दे दी थी। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने कहा था कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है और उनकी शिकायतों को दबाया जा रहा है।" 

नोट: अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में खुदकुशी का ख्याल आता है, तो यह बेहद गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें। आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं। यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे। याद रखिए जान है तो जहान है।

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