कानपुर, वाईबीएन नेटवर्क (Kanpur News)
यौन शोषण के मामले में फंसे एसीपी मोहसिन खान अब आईआईटी कानपुर से पीएचडी नहीं पर पाएंगे। आईआईटी ने उन्हें टर्मिनेट कर दिया है और संस्थान के दस्तावेजों से भी नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। आईआईटी की ही छात्रा ने उनपर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़िता द्वारा डीजीपी को मेल भेजकर इंसाफ मांगा गया, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
IIT की छात्रा ने लगाया था यौन शोषण का आरोप
बीते 12 दिसंबर 2024 को आईआईटी की छात्रा ने एसीपी मोहसिन खिलाफ यौन शोषण की FIR दर्ज कराई थी। पीड़िता ने तहरीर के माध्यम से बताया था कि आईआईटी में मुलाकात एसीपी से 2023 में हुई थी। उसी दौरान एक दूसरे के मोबाइल नंबर लिए थे। 23 जून 2024 को एसीपी का फोन आया और कहा कि उनकी गाइड में पीएचडी करना चाहते हैं। पीड़िता के हां कहने के बाद एडमिशन फीस जमा हुई और इंटरव्यू के बाद दाखिला मिल गया।
पीड़िता ने तहरीर में बताया है कि एसीपी मोहसिन खान ने रिश्ते का प्रस्ताव देकर कहा था कि पत्नी से तलाक होने वाला है। उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी भी है। उस वक्त वह ब्रेकअप के दर्द से गुजर रही थी, जिसका एसीपी ने फायदा उठाकर उससे संबध बनाए। बाद में पता चला कि वह सिर्फ शारीरिक जरूरत पूरी करने के लिए ही रिश्ते रख रहे हैं। धीरे धीरे एसीपी की सच्चाई सामने आ गई। मार्च 2024 से उनकी पत्नी गर्भवती थी, जब पीड़िता ने विरोध जताया तो एसीपी ने बताया कि परिवार के दबाव में पत्नी से संबंध बनाए हैं। एसीपी की पत्नी के इंट्राग्राम अकाउंट ने उनकी पोल खोल दी। वह जब एसीपी की पत्नी से मिली तो पता चला कि तलाक की बात झूठी है। एसीपी मोहसिन खान ने उसे धोखा दिया है, तमाम स्क्रीन शॉट और साथ की तस्वीरें हैं। उन्होंने मेरा इस्तेमाल किया है, इसके सुबूत हैं।
डीजीपी को भेजी मेल, सस्पेंड हुए थे एसीपी
मामले में FIR दर्ज हो गई थी और एसीपी खान को मुख्यालय अटैच कर दिया गया था। बाद में पीड़िता को डर था कि पुलिस जांच में एसीपी को क्लीन चिट दे सकती है। इसके बाद पीड़िता ने डीजीपी को ई-मेल भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई थी। इसके बाद डीजीपी कार्यालय से मामले की रिपोर्ट मांगी गई। मामले में कानपुर पुलिस ने रिपोर्ट बनाकर भेज दी, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
आईआईटी प्रशासन ने क्यों किया टर्मिनेट
आईआईटी प्रशासन का कहना है कि एसीपी मोहसिन खान बिना छुट्टी लिए ही काफी समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। इस वजह से उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है। इसके अलावा उनका नाम भी संस्थान के सभी दस्तावेजों से हटाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। टर्मिनेशन की जानकारी उन्हें 11 अप्रैल को भेजे गए पत्र के माध्यम से दी जा चुकी है। फिलहाल अभी तक एसीपी खान की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। बता दें कि पीड़ित छात्रा ने भी संस्थान से मांग की थी कि एसीपी को संस्थान से निकाल दिया जाए। इसके बाद संस्थान के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि एसीपी काफी समय से बिना सूचना दिए अनुपस्थित है। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए तत्काल प्रभाव से उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया।