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क्या ईरानी गैंग दिल्ली में करने वाला था कुछ बड़ा? जानिए — पुलिस ने कैसे की साजिश नाकाम?

दिल्ली में ईरानी गैंग के साथ हुए खूनी एनकाउंटर में दो बदमाश ढेर हो गए। पुलिस की बुलेटप्रूफ जैकेट ने एक कांस्टेबल की जान बचाई, दिखाते हुए कि दिल्ली पुलिस कितनी मुस्तैद और सुरक्षित है। यह ऑपरेशन खतरनाक अपराधियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है।

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Ajit Kumar Pandey
क्या ईरानी गैंग दिल्ली में करने वाला था कुछ बड़ा? जानिए — पुलिस ने कैसे की साजिश नाकाम? | यंग भारत न्यूज

क्या ईरानी गैंग दिल्ली में करने वाला था कुछ बड़ा? जानिए — पुलिस ने कैसे की साजिश नाकाम? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली में एक रोमांचक पुलिस मुठभेड़ हुई है, ईरानी गैंग के दो कुख्यात बदमाश दिल्ली पुलिस की गोलियों का निशाना बने। यह ऑपरेशन दिल्ली पुलिस की सटीक रणनीति का एक शानदार उदाहरण है, एक कांस्टेबल की जान बुलेटप्रूफ जैकेट ने बचाई। जानिए कैसे पुलिस ने खतरनाक ईरानी गैंग के मंसूबों को नाकाम किया।

दिल्ली की सड़कों पर एक बार फिर पुलिस और अपराधियों के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। ईरानी गैंग, जो अपनी क्रूरता और संगठित अपराधों के लिए बदनाम है, के दो सदस्य दिल्ली के दक्षिण-पूर्व इलाके में रेकी करते पकड़े गए। उनके पास से भारी हथियार बरामद हुए, जो दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की ओर इशारा कर रहे थे। लेकिन दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

आधी रात का खूनी खेल: मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मुठभेड़

एडिशनल डीसीपी दक्षिण-पूर्व, ऐश्वर्या शर्मा के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ईरानी गैंग के दो शातिर बदमाश, मुर्तजा और सिराज, उनके क्षेत्र में सक्रिय हैं। जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और हज़रत निजामुद्दीन थाने की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसका मकसद इन खतरनाक अपराधियों को दबोचना था।

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रात के करीब 12:30 बजे, पुलिस टीम ने मेरठ एक्सप्रेस-वे के एक टी-प्वाइंट पर घेराबंदी की। जैसे ही बदमाशों को पुलिस की मौजूदगी का एहसास हुआ, उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के पुलिस पर गोलियां चला दीं। यह स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी, लेकिन पुलिसकर्मी भी पूरी तरह से तैयार थे।

बुलेटप्रूफ जैकेट बनी ज़िंदगी की ढाल: कॉन्स्टेबल राजेंद्र की बहादुरी

पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं। दोनों ओर से फायरिंग जारी थी। इस दौरान, पुलिस की एक गोली एक बदमाश मुर्तजा के पैर में लगी, जिससे वह घायल होकर गिर पड़ा। लेकिन कहानी में असली मोड़ तब आया, जब बदमाशों की ओर से चली एक गोली बहादुर कॉन्स्टेबल राजेंद्र के सीने में जा लगी। एक पल को लगा कि अनहोनी हो गई, लेकिन राजेंद्र ने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनी हुई थी। इस जैकेट ने गोली को रोक लिया और उनकी जान बच गई। यह दिखाता है कि कैसे पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सुरक्षा करते हैं।

इस घटना के बाद दोनों बदमाशों को काबू कर लिया गया। उनकी पहचान मुर्तजा और सिराज के रूप में हुई है। ये वही लोग थे जिनके बारे में पुलिस को जानकारी मिली थी।

ईरानी गैंग का इतिहास और दिल्ली पुलिस की चुनौती

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ईरानी गैंग देश के कई हिस्सों में सक्रिय है और लूटपाट, डकैती और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहा है। इस गैंग के सदस्य अक्सर हथियारों से लैस होते हैं और पुलिस पर हमला करने से भी नहीं हिचकिचाते। दिल्ली में इनकी सक्रियता हमेशा से पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती रही है।

इस मुठभेड़ के बाद दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने में जरा भी देर नहीं करती। यह ऑपरेशन न केवल ईरानी गैंग को एक बड़ा झटका है, बल्कि यह उन सभी अपराधियों के लिए एक चेतावनी भी है जो दिल्ली में अपराध करने का सोचते हैं।

दिल्ली जैसे बड़े शहर में अपराध पर नियंत्रण पाना एक सतत चुनौती है। पुलिस को लगातार अपनी रणनीतियों को बदलना पड़ता है और नई तकनीकों का इस्तेमाल करना होता है। इस तरह के सफल एनकाउंटर जनता में सुरक्षा की भावना को बढ़ाते हैं और पुलिस के प्रति विश्वास को मजबूत करते हैं।

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पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि कैसे उनकी अथक मेहनत और जोखिम उठाने की क्षमता हमें सुरक्षित रखती है। यह मुठभेड़ न केवल पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह नागरिकों को भी आश्वस्त करती है कि दिल्ली पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए हर पल तैयार है।

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