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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।झारखंड की एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने पहली बार ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अजरबैजान की राजधानी बाकू से प्रत्यर्पित कर लिया है। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे रांची लाया गया। एटीएस आज उसे रामगढ़ कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड की मांग करेगी। मयंक सिंह का प्रत्यर्पण झारखंड पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। अब पूछताछ से गैंगस्टर नेटवर्क और उनके अंतरराज्यीय कनेक्शन की और भी परतें खुलने की संभावना है।
50 से ज्यादा मामले दर्ज
एटीएस के अनुसार, मयंक सिंह पर झारखंड, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में करीब 50 आपराधिक केस दर्ज हैं। माना जा रहा है कि वह अमन साहू गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच अहम कड़ी का काम करता था। एटीएस एसपी ऋषव कुमार झा ने कहा- यह झारखंड पुलिस के इतिहास का पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेशों में छिपे बाकी अपराधियों को भी जल्द प्रत्यर्पित या डिपोर्ट किया जाएगा।
लॉरेंस बिश्नोई से कनेक्शन
एटीएस अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में मयंक सिंह अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच संपर्क सूत्र के रूप में सामने आया है। पुलिस पूछताछ में यह भी पता चलेगा कि जेल के अंदर दोनों गैंग किस तरह संपर्क में रहते थे और ऑपरेशन चलाते थे।
मई 2024 में पकड़े गए शूटर
मई 2024 में रायपुर पुलिस ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर अमन साहू गैंग के चार शूटरों को राजस्थान और झारखंड से गिरफ्तार किया था। जांच में खुलासा हुआ था कि ये शूटर मयंक सिंह के निर्देश पर काम कर रहे थे और बिश्नोई-साहू गैंग के टारगेट पूरे कर रहे थे। इन अपराधियों के पास से एक पिस्तौल भी बरामद हुई थी और वे छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान में बड़े कारोबारियों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने उन्हें समय रहते पकड़कर दो से तीन बड़ी वारदातों को टाल दिया।
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