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शर्मनाक : JNU प्रोफेसर ने विदेशी महिला शोधकर्ता से की छेड़छाड़, शिकायत के बाद बर्खास्त

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के एक वरिष्ठ प्रोफेसर को एक विदेशी महिला से छेड़छाड़ (molestation) के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। घटना कुछ महीने पहले की बताई जा रही है।

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Pratiksha Parashar
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JNU, Jnu faculty dismissed
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के एक वरिष्ठ प्रोफेसर को एक विदेशी महिला से छेड़छाड़ (molestation) के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि घटना कुछ महीने पहले विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। कार्यक्रम के दौरान आरोपी प्रोफेसर ने विदेशी शोधकर्ता को मोलेस्ट किया था। जिसके बाद पीड़िता ने अपने देश में मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के संज्ञान के बाद आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया गया है। delhi news | crime news | Crime 

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जापानी शोधकर्ता की शिकायत के बाद एक्शन

जापान की एक शोधकर्ता से विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर ने छेड़छाड़ की थी। जापान लौटने पर महिला शोधकर्ता ने एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले को राजनयिक तरीके से भारतीय दूतावास के ध्यान में लाया गया और बाद में विदेश मंत्रालय और विश्वविद्यालय को भेजा गया। आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने आरोपों को विश्वसनीय पाया, जिसके बाद कार्यकारी परिषद ने बर्खास्तगी की सिफारिश की। सूत्रों ने बताया कि आरोपी को विश्वविद्यालय की अपीलीय समिति के समक्ष अपील करने या अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार है।

यौन उत्पीड़कों पर नरमी नहीं बरती जाएगी- शांतिश्री धुलीपुडी

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विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि प्रोफेसर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने बताया, “जेएनयू प्रशासन यौन उत्पीड़कों और भ्रष्ट कर्मचारियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतने की नीति के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने बताया कि यह बर्खास्तगी, परिसर की सुरक्षा और जवाबदेही पर विश्वविद्यालय के दृढ़ रुख को दर्शाती है। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा विस्तृत आंतरिक जांच के बाद यह निर्णय लिया गया। 

भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त प्रोफेसर

इस बीच, यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक अन्य संकाय सदस्य को एक शोध परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया और मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है। शोध परियोजना पर तथ्य-खोज समिति की रिपोर्ट के बाद दो गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

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