लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के सेंट्रल जोन के थाना हजरतगंज पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए नमक घोटाले के मुख्य आरोपी कलीम अहमद को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर 10,000 रुपए का इनाम घोषित था और वह कई वर्षों से फरार चल रहा था। वर्ष 2020 में अहमदाबाद के नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि सरकारी आपूर्ति विभाग में नमक का टेंडर दिलाने के नाम पर कलीम अहमद और उसके साथियों ने 6.06 करोड़ रुपए की ठगी की थी। आरोपी ने शासन के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज तैयार कर पीड़ित को नकली टेंडर दिया और जब पैसे वापस मांगे गए, तो धमकी दी गई। हजरतगंज पुलिस और सर्विलांस टीम की मदद से आरोपी को 6 फरवरी को गिरफ्तार किया गया।
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यह है पूरा घटनाक्रम
बताते चले कि यह घटनाक्रम अगस्त 2020 का है, जब गुजरात के अहमदाबाद निवासी नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित के अनुसार, सरकारी आपूर्ति विभाग में नमक का टेंडर दिलाने के नाम पर कलीम अहमद और उसके साथियों ने 6.06 करोड़ रुपए की ठगी की थी। आरोपी और उसके साथियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ित को भरोसे में लिया और शासन के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज तैयार कर नकली टेंडर दिया। जब पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे, तो उसे धमकी दी गई। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कई अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी कलीम अहमद पुलिस से बचने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था।
ऐसे करते थे जालसाजी
कलीम अहमद और उसके साथी पेशेवर ठग हैं, जो बड़े व्यापारियों को सरकारी विभागों में टेंडर दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी करते थे। वे खुद को उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी बताकर शिकार को भरोसे में लेते, टेंडर के नाम पर करोड़ों रुपए वसूलते और फिर फर्जी दस्तावेज थमा कर फरार हो जाते थे। पुलिस के अनुसार, यह गैंग लंबे समय से सक्रिय था और कई राज्यों में इसी तरह की ठगी को अंजाम दे चुका है। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर रही है, जिससे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
पशुधन घोटाले में भी आया नाम
इसके अलावा, कलीम अहमद का नाम लखनऊ में दर्ज एक अन्य घोटाले, पशुधन घोटाले में भी सामने आ चुका है। इस घोटाले में आरोपी के साथ सुनील गुर्जर और आशीष राय भी शामिल थे, जिनके खिलाफ हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मामला भी करोड़ों रुपए की ठगी से जुड़ा है और पुलिस इसकी भी गहराई से जांच कर रही है। फिलहाल, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस गैंग के अन्य सदस्य और कौन-कौन हैं और उन्होंने किन-किन राज्यों में इसी तरह की ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी के बाद अन्य पीड़ित भी सामने आएंगे और मामले में और भी बड़े खुलासे होंगे।