कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
पनकी थाना पुलिस की हिरासत में युवक के संदिग्ध हालात में घायल होने के मामले में अब कुछ वकील आगे आए हैं और पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पुलिस आयुक्त से शिकायत की है। दरअसल, शनिवार को इस मामले को लेकर कुछ वकील थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर से वार्ता का प्रयास किया, लेकिन थानेदार ने कोई तवज्जो नहीं दी, इसपर वकील आक्रोशित हो गए। वकीलों ने थाना प्रभारी समेत पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े किए और कथित भाजपा नेता के दबाव में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने और युवक को बेवजह अपराधी बनाने का आरोप लगाया। इसके बाद अधिवक्ताओं ने परिजनों के साथ पहुंचकर पुलिस आयुक्त से शिकायत करते हए निष्पक्ष जांच की मांग की। मामले में डीसीपी पश्चिम आरती सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है।
क्या था पूरा मामला
पनकी के गंगागंज निवासी राजू शर्मा का पुत्र विशाल शर्मा घर के पास अस्थाई दुकान में मोबाइल रिपेरिंग व एसेसीरीज बिक्री का काम करता है। पास में ही खुद को भाजपा नेता बताने वाले शिवनाथ तिवारी का भी अस्थाई कार्यालय है। बीते 21 मार्च को संदिग्ध परिस्थितियों में शिवनाथ के कार्यालय में आग लग गई थी। शिवनाथ ने विशाल और कृष्णा के खिलाफ आग लगाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। पुलिस ने विशाल शर्मा के खिलाफ शांतिभंग की की कार्रवाई की थी।
पुलिस हिरासत में आई थी गर्दन में चोट
शिवनाथ तिवारी ने दाे अप्रैल की शाम पुलिस को सूचना दी कि उनपर विशाल और कृष्णा ने फायरिंग व मारपीट की है। इसके पुलिस विशाल शर्मा को हिरासत में लेकर रतनपुर चौकी पहुंची। इस दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में विशाल के गर्दन में गंभीर चोट आने से खून बहने लगा। इसके बाद पुलिस कर्मी विशाल को अस्पताल ले गए और उपचार कराया। अस्पताल से छुट्टी के बाद निशानदेही पर तमंचे की बरामदगी दर्शाते हुए पुलिस ने शनिवार को आम्र्स एक्ट तहत विशाल को जेल भेज दिया।
परिजनों को लेकर थाने पहुंचे अधिवक्ता
शनिवार को विशाल के परिजनों को लेकर एक दर्जन अधिवक्ता पनकी थाने पहुंचे। यहां काफी देर इंतजार करने के बाद अधिवक्ताओं की मुलाकात इंस्पेक्टर से हो सकी। अधिवक्ता धीरज ने बताया कि अपनी बात रखते इससे पहले इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने अपराधी के खिलाफ ही कार्रवाई होगी कहते हुए कोई बात ही नहीं सुनी। इससे अधिवक्ता भी नाराज हो गए और परिजनों लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे। अधिवक्ताओं ने पुलिस आयुक्त को शिकायती पत्र सौंपते हुए पनकी थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगा। मामले में पुलिस उपायुक्त पश्चिम आरती सिंह को जांच सौंपी गई है।
क्या लगाए पुलिस पर आरोप
शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए बताया गया कि जब चौकी में पुलिस विशाल से पूछताछ कर रही थी तब विपक्षी शिवनाथ तिवारी शराब के नशे में अपने साथियों के साथ पहुंचा। उसने ही विशाल के साथ मारपीट करते हुए धारदार वस्तु से हमला कर दिया, जिससे गर्दन में गंभीर चोट आई। आरोप लगाया कि घटना के बाद पुलिस ने शिवनाथ को भगा दिया और मीडिया को बताया गया कि पुलिस हिरासत में विशाल ने खुद की गर्दन रेतने का प्रयास किया है। जबकि पुलिस ने विशाल की तलाशी लेकर मोबाइल और पैसा पहले ही ले लिया था।
दबाव में काम कर रही पनकी पुलिस
अधिवक्ताओं का कहना है कि भाजपा नेता के दबाव में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है। महिलाओं समेत डेढ़ दर्जन लोगों ने कथित भाजपा नेता के खिलाफ संयुक्त तहरीर दी थी, जिसपर आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर पुलिस कस्टडी में किसी को गंभीर चोट आती है तो उसकी जिम्मेदार पुलिस भी होगी। ऐसे में उस समय मौजूद पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
इंस्पेक्टर ने दी अपनी सफाई
पनकी इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने बताया आरोपी विशाल शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। चोट के कारण अभी तक वो हॉस्पिटल में था, अब वह ठीक है। उसकी निशानदेही पर फायरिंग में इस्तेमाल देशी तमंचा और खोखा कारतूस बरामद करने के बाद उसे जेल भेजा गया है। उसके खिलाफ लूट, आर्म एक्ट समेत पहले से आधा दर्जन मुकदमे पंजीकृत हैं।