नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः एक महिला के साथ हुई 10 लाख की धोखाधड़ी के केस में तेलंगाना पुलिस ने Shaadi.com के फाउंडर अनुपम मित्तल को भी लपेट लिया। मित्तल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया पर वहां से कोई राहत नहीं मिली। उनकी मांग थी कि महिला के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर से उनका नाम हटाया जाए पर हाईकोर्ट का कहना था कि ऐसा नहीं किया जा सकता। थक हारकर मित्तल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। टाप कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और धोखाधड़ी के मामले पर फौरी रोक लगा दी।
Shaadi.com पर हुई थी मुलाकात, 10 लाख लेकर भाग गया शख्स
मामले के मुताबिक Shaadi.com पर एक महिला ने आवेदन दिया था। वो शादी करने की ख्वाहिशमंद थी। अनुपम मित्तल की कंपनी ने एक शख्स का प्रोफाइल महिला को भेजा। वो उसे पसंद आ गया। दोनों के बीच पहले बात हुई और फिर प्रगाढ़ रिश्ते बन गए। इसी बीच उस शख्स ने महिला से कहा कि उसे 10 लाख रुपयों की जरूरत है। पीड़िता ने उसे पैसे दे दिए। लेकिन जब उसने रकम वापस मांगी तो शख्स ने उसे ब्लैक मेल करने की धमकी दे डाली।
सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर पर लगाया स्टे, मित्तल को मिली राहत
महिला ने पुलिस को बताया जिसके बाद केस दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान Shaadi.com के फाउंडर का नाम केस में शामिल किया गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता और जायमाल्या बागची की बेंच को मित्तल ने बताया कि शख्स ने जो प्रोफाइल उनकी साइट पर डाली थी उसकी पुष्टि ओटीपी के जरिये की गई थी। उसने कोई सरकारी पहचान पत्र साइट पर अपलोड नहीं किया था। हालांकि पहचान पत्र उसके प्रोफाइल में नजर आ रहा था। उनका कहना था कि Shaadi.com रिश्तों को मैच कराती है। वो अपने कस्टमर्स से पहले ही हिदायत देती है कि पैसों के लेनदेन में एहतियात बरतें। उनका ये भी कहना था कि Shaadi.com मध्यस्थता का काम करती है। लेकिन इस मामले में दो शख्सों के निजी लेनदेन के लिए उसे जिम्मेदार ठहरा दिया गया।
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