कानपुर, वाईबीएन संवाददाता (Kanpur News)
कल्याणपुर थाने में उस समय पुलिस कर्मी हैरत में पड़ गए, जब एक अजब गजब मामला सामने आया। इतना ही नहीं दो महिलाओं के बीच विवाद सुलझाने को बकरी बुलानी पड़ी। बकरी के आने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो गया और पुलिस ने विवाद का निपटारा कराया। अब यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या था मामला
शनिवार को कल्याणपुर थाने में अजब गजब मामला आया। यहां दो लोग आए थे और एक मेमना साथ था। दोनों पक्ष मेमना अपना होने की बात कह रहे थे। इस विचित्र समस्या का समाधान करने को लेकर पुलिस कर्मी भी चकरा गए। काफी देर तक दोनों पक्षों में तू-तू मैं-मैं होती रही, पुलिस भी दोनों के तर्क सुनती रही लेकिन कोई नतीजा निकल पाने में खुद को असहाय पाती रही।
एक मेमना और दो दावेदार
पुलिस के अनुसार गूबा गार्डन निवासी चंदा देवी ने बकरियां पाल रखी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि बकरी ने 20 दिन पहले बच्चे जन्मे थे। शनिवार सुबह पति कल्याणपुर के सरकारी अस्पताल में मेमने का बंध्याकरण कराने के लिए ले जा रहे थे। बगिया क्रासिंग के पास मीना नाम की महिला ने उसे रोक लिया और मेमना अपना बताकर हंगमा करने लगी। चंदा के पति ने मेमना अपना बताकर आगे बढ़ने लगे तो मीना ने उसे घेरकर पुलिस को बुला लिया। इसके बाद चंदा और मीना थाने पहुंची। दोनों मानने के लिए तैयार नहीं थीं और पुलिस भी विवाद सुलझाने में परेशान हो गई थी। इसी बीच पुलिस को सुझाव आया कि मेमने की मां यानि बकरी को बुलाया जाए।
मां का प्यार चाहे इंसान का हो या जानवर का
चंदा और मीना अपनी-अपनी बकरियों को लेकर आईं और तय हो गया कि मेमना किसका है। बच्चा इंसान का हो या जानवर का, मां का प्यार अलग ही होता है। मां और बच्चा का अटूट बंधन कोई अलग नहीं कर सकता है। मां अपने बच्चे और बच्चा अपनी मां को दूर से ही पहचान जाता है। बच्चा छोटा हो तो मां के पास ही जाएगा। दो बकरियां थाने लाई गईं और मेमने को छोड़ा गया। जरा भी देर न लगी और मेमना दौड़कर अपनी बकरी मां के पास चला गया। उसके साथ खेला और दूध पीने लगा। थाने में मौजूद लोगों के चेहरे भी मुस्करा उठे और फैसला हो गया। पुलिस ने मेमना चंदा के सुपुर्द कर दिया। थाना प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि मेमने को असली मालिक के हवाले कर दिया गया है।