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पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर जीएम मनीष सहाय। Photograph: (कानपुर वाई बी एन )
कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
करोड़ों की निकिल लदे कंटेनर की चोरी में जेल भेजा गया लॉजिस्टिक पार्क का जीएम बहुत शातिर निकला। पुलिस ने कुछ फोन नंबरों को सर्विलांस पर लगा रखा था। इनकी काल डिटेल से पता चला कि शातिर जीएम लंबे समय से बदमाशों के संपर्क में था। अब उस पर जेल में भी पुलिस की सतर्क निगाह है कि कहीं वहां भी अपराधियों से गठजोड़ करके कोई नया गोरखधंधा चालू न कर दे।
वर्षों से चोरों के संपर्क में था, कई वारदातों में की थी बदमाशों की मदद
कानपुर के पनकी स्थित लॉजिस्टिक पार्क से करोड़ों की निकिल प्लेट लदे कंटेनर की चोरी हुई थी। इस मामले में लॉजिस्टिक पार्क के जनरल मैनेजर की मिलीभगत सामने आने पर उसे गिरफ्तार किया गया है। वह कई वर्षों से चोरों के गिरोह के संपर्क में था। इससे पहले पुलिस गैंग के 5 शातिरों को गिरफ्तार कर जेल चुकी है। चोरी की वारदात में शामिल सरगना संदीप लोहार अभी तक फरार है। इसकी तलाश में छापेमारी चल रही है। पुलिसिया पूछताछ में जनरल मैनेजर ने कई अहम जानकारियां दी हैं। इससे पहले भी उसने कई वारदातों को अंजाम देने में सहायक की भूमिका निभाई थी।
3.92 करोड़ की निकिल प्लेट लदा कंटेनर हुआ था चोरी
पनकी के लॉजिस्टिक पार्क से विगत 16 मार्च को 3.92 करोड़ की निकिल प्लेट लदा कंटेनर चोरी हो गया था। ट्रांसपोर्टर की शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने 288 सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो शातिर भौंती की तरफ जाते दिखे थे। आगे के सीसीटीवी चेक किए गए तो दिखाई दिया कि शातिरों ने दूसरी गाड़ी में माल पलटा, फिर माल को पहले दिल्ली फिर हिसार की ओर ले जाया गया। कैमरे में आए ट्रक नंबर के आधार पर पुलिस ट्रक मालिक तक पहुंची। इसके बाद भिवानी, हरियाणा समेत कई जगहों से 5 शातिरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उनके पास से 301 किलो निकिल, 6 लाख रुपए और कार बरामद की गई थी।
जनरल मैनेजर की सरगना से बातचीत के मिले थे सुराग
पुलिस लगातार सरगना संदीप लोहार की तलाश में थी तभी सर्विलांस और अन्य संसाधनों के जरिए पुलिस को निकिल चोरी के सरगना और लॉजिस्टिक पार्क के जीएम मनीष सहाय के बीच पुराने संपर्क होने के सुराग मिले। जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच की तो इस बात की पुष्टि हो गई कि जनरल मैनेजर और सरगना के बीच बातचीत होती थी।
चार आईडी का करता रहा इस्तेमाल
सब कुछ स्पष्ट हो जाने के बाद पुलिस ने जनरल मैनेजर मनीष सहाय को पनकी नहर के पास से गिरफ्तार कर लिया। मूलरूप से बिहार का रहने वाला मनीष चार अलग अलग आईडी इस्तेमाल कर रहा था। बिहार के साथ उसने हरियाणा का भी आधार कार्ड बनवाया था। इसके अतिरिक्त वह लॉजिस्टिक पार्क के एड्रेस के अलावा लोकल पते का भी इस्तेमाल करता था। अब पुलिस इन चार पतों के इस्तेमाल की कहानी का सच जानने का प्रयास कर रही है।
2008 से सरगना संदीप लोहार के संपर्क में था
पुलिसिया पूछताछ में पता चला है कि लॉजिस्टिक पार्क का जीएम मनीष सहाय वर्ष 2008 से सरगना संदीप लोहार के संपर्क में था। गुड़गांव में जॉब के दौरान उसने संदीप का साथ देकर दो वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिलाया था। रोहतक में भी उसने चोरी की वारदात में संदीप की मदद की थी। इस दौरान मनीष व्हाटएप कॉल के जरिए ही संदीप से बात करता था।
चोरी में कुछ और कर्मचारियों के भी सुराग मिले
पुलिसिया पूछताछ में पता चला है कि लॉजिस्टिक पार्क के कुछ और कर्मचारी भी चोरी की वारदात में शामिल थे। उनकी पहचान की जा रही है। इसके अलावा पुलिस सरगना संदीप की खोज में अलग अलग जगहों पर दबिश दे रही है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही सरगना को गिरफ्तार कर बाकी का माल भी बरामद कर लिया जाएगा।