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खुफिया की नाकामी से बिगड़ते बचा माहौल ग्राम समाज की जमीन पर रख दी आंबेडकर प्रतिमा

कानपुर नगर के सजेती थानाक्षेत्र में कुछ लोगों ने शुक्रवार की रात ग्राम समाज की जमीन पर चबूतरा बनवाकर यहां आंबेडकर प्रतिमा रख दी। बिना अमुमति प्रतिमा रखे जाने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रतिमा हटवाकर कब्जे में लेने के बाद थाने भिजवा दिया।

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Saras Bajpai
सजेती विवाद

सजेती में ग्राम सभा की जमीन पर बनाया गया वह चबूतरा जहां स्थापित की गई थी आंबेडकर प्रतिमा Photograph: (बाईबीएन न्यूज)

खुफिया की नाकामी से बिगड़ते बचा माहौल ग्राम समाज की जमीन पर रख दी आंबेडकर प्रतिमा

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कानपुर। कानपुर नगर के सजेती थानाक्षेत्र में खुफिया पुलिस की नाकामी से माहौल बिगड़ते बचा। यहां कुछ लोगों ने शुक्रवार की रात ग्राम समाज की जमीन पर चबूतरा बनवाकर यहां आंबेडकर प्रतिमा रख दी। बिना अमुमति प्रतिमा रखे जाने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रतिमा हटवाकर कब्जे में लेने के बाद थाने भिजवा दिया। इसे लेकर काफी देर तक ग्रामीण हंगामा करते रहे। बाद में पुलिस ने ग्रामीणों को समझाबुझाकर शांत करा दिया लेकिन इस बात की चर्चा होती रहा कि प्रतिमा रखे जाने की सूचना खुफिया पुलिस चौकीदार अथवा बीट पुलिस के सिपाही को क्यों नहीं हो सकी।

 

प्रतिमा रखने के लिये बनवा लिया था चबूतरा

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सजेती थानाक्षेत्र में ग्रामीणों ने ग्राम समाज की जमीन पर अंबेडकर प्रतिमा रख दी इसके लिये चबूतरा भी बनवा लिया गया था। सूचना मिलते मौके पर पहुंचे सजेती थाना प्रभारी कमलेश राय ने अंबेडकर प्रतिमा को उठाकर थाने भिजवा दिया। ग्रामीण चबूतरे के पास बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलते सर्किल फोर्स मौके पर पहुंचा। पुलिस ने किसी तरह लोगो को समझा बुझाकर शांत कराया है। सजेती थाना प्रभारी कमलेश राय ने बताया कि शनिवार सुबह सूचना मिली कि थाना क्षेत्र स्थित मढ़ा गांव के किनारे कुछ लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर चबूतरा बनाकर अंबेडकर प्रतिमा रख दी है। जानकारी मिलते वह मौके पर पहुंचे थे।

 

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खुफिया पुलिस व चौकीदार रहे नाकाम

 

आंबेडकर प्रतिमा लगाने स्थापित करने की सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब इसे हटवाया तो इसके विरोध में तमाम लोग हंगामा करने लगे। इन्हें किसी तरह हटवाकर पुलिस ने माहौल तो शांत करा लिया और यह कहकर ग्रामीणों का विस्वास भी जीत लिया कि अगर वह अधिकारियों की अनुमति ले आते हैं तो इसी स्थान पर प्रतिमा स्थापित करा दी जाएगी लेकिन इस बात की चर्चा होती रही कि जिस चबूतरे पर प्रतिमा स्थापित की गई वह एक दिन में तो नहीं बन सकता है अगर कई दिन से यहां प्रतिमा स्थापित करने की बात चल रही थी तो इसकी जानकारी चौकीदार अथवा खुफिया पुलिस या फिर बीट पुलिस के सिपाही को क्यों नहीं हुई। अगर खुफिया पुलिस का नेटवर्क होता तो प्रतिमा स्थापित होने के पहले ही इसे रोक दिया जाता और ग्रामीण हंगामा कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास नहीं कर सकते।

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नहीं थी प्रतिमा लगाने की अनुमति

 

बताया गया है कि मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ने यहां मौजूद लोगों से प्रतिमा रखने की अनुमति पत्र के बारे में जानकारी ली लेकिन किसी द्वारा इसकी अनुमति होने का पत्र नहीं दिखाया जा सका। इसके बाद प्रतिमा को कब्जे में लेकर सजेती थाने पहुंचाया। इसके चलते ग्रामीणों ने चबूतरे के पास बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गांव में तनाव का माहौल देखते हुए सर्किल फोर्स मौके पर पहुंचा। सजेती

 

पुलिस आपके साथ लेकिन काम नियम कानून से

 

थाना प्रभारी कमलेश राय ने ग्रामीणों और महिलाओं को समझाया कि वह उनके साथ है लेकिन काम नियम कानून के तहत होना चाहिए। उन्हें प्रतिमा रखने के पहले उसकी परमिशन लेनी चाहिए थी हालांकि ग्रामीण पुलिस की बात से सहमत हुए। उन्होंने कहा कि वह कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से मिलकर परमिशन लेकर आएंगे। इसके बाद प्रतिमा रखेंगे। घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि बिना परमिशन ग्राम समाज की जमीन पर अंबेडकर प्रतिमा रखने की सूचना पुलिस को मिली थी, पुलिस प्रतिमा को लेकर थाने आई है। जांच पड़ताल की जा रही है। अराजक तत्वों ने माहौल बिगड़ने का प्रयास किया है। कार्रवाई की जाएगी।

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