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दो साल पहले हत्थे चढ़ा था पाकिस्तानी जासूस, निगरानी हुई तो मिला एक और गद्दार

विकास यादव के केस का 2022 के उस केस से गहरा संबंध है जिसमें सेना के चौथे दर्जे के मुलाजिम रवि प्रकाश मीना को अरेस्ट किया गया था। रवि जासूसी के लिए पाकिस्तान से cryptocurrency के रूप में अपना मेहनताना वसूल करता था।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः आपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के राज पाकिस्तान को लीक करने वाले नेवी हेडक्वार्टर के क्लर्क के बारे में हैरत में डालने वाली बात सामने आई है। जांच में पता चला है कि नेवी में काम करने वाले विकास यादव को एक पाकिस्तानी जासूस ने पहे अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर उससे बेहद अहम सेना के राज निकलवा लिए। विकास यादव की गिरफ्तारी का 2022 के उस केस से गहरा ताल्लुक है जब सेना के एक मुलाजिम को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 

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नौसेना के क्लर्क को था आनलाइन गेमिंग का चस्का

जांच में पता चला है कि विकास यादव को आनलाइन गेमिंग का शौक था। एक पाकिस्तानी जासूस ने प्रिया शर्मा नाम से विकास से फेसबुक पर दोस्ती बढ़ाई। उसे अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के काम में लगा दिया। हालांकि माना जा रहा है कि पाकिस्तानी जासूस प्रिया शर्मा हकीकत में नहीं है। ये एक फेक नाम था। 

प्रिया शर्मा नामकी युवती ने हनी ट्रैप में फंसाया

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विकास जब प्रिया के जाल में पूरी तरह से फंस गया तो उसने उसे WhatsApp and Telegram पर बुलाया। दोनों यहीं पर बात करते थे। विकास नौ सेना भवन में अपर डिवीजन क्लर्क था। उसके पास नौ सेना से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज होते थे। माना जा रहा है कि उसने बहुत सारे सेना के रात पाकिस्तान के हवाले किए थे। आपरेशन सिंदूर के दौरान वो जरूरत से ज्यादा सक्रिय था। भारतीय अफसरों का मानना है कि वो पाकिस्तान की मदद कर रहा था। 

रवि प्रकाश मीना के केस से है विकास के मामले का जुड़ाव

विकास यादव के केस का 2022 के उस केस से गहरा संबंध है जिसमें सेना के चौथे दर्जे के मुलाजिम रवि प्रकाश मीना को अरेस्ट किया गया था। जांच में पता चला था कि रवि जासूसी के लिए पाकिस्तान से cryptocurrency के रूप में अपना मेहनताना वसूल करता था। पुलिस ने जब इस चैनल को सर्विलांस पर लिया तो पता चला कि दो और लोग भी हैं जो cryptocurrency के जरिये पैसों का लेनदेन कर रहे हैं। उनमें से एक विकास था। उसके बाद से तकरीबन दो साल तक विकास एजेंसियों के निशाने पर रहा। आखिर में माकूल मौका देखकर उसे धर दबोचा गया। जांच में पता चला है कि विकास यादव ने cryptocurrency के जरिये भारी भरकम रकम वसूल की थी। वो वीडियो गेमिंग का एडिक्ट था और पाकिस्तान से मिले सारे पैसे को अपने इसी शौक पर खर्च करता था। फिलहाल वो 4 दिन की हिरासत में है।

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