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दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को आम आदमी पार्टी नेता नरेश बाल्यान के खिलाफ मकोका ((महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट)) के तहत दर्ज मामले में 2 अप्रैल तक पूरक आरोपपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 12 मार्च को विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह की याचिका पर पुलिस को 20 दिन की हिरासत दी है।
2 अप्रैल तक का समय दिया
न्यायाधीश ने कहा, "राज्य के विशेष पीपी (सरकारी अभियोजक) ने कहा है कि अभियोजन पक्ष सह-आरोपी विजय गहलोत और साहिल के खिलाफ शीघ्र ही पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगा और इसके लिए कुछ समय मांगा है। अनुरोध पर मामले को आगे की कार्यवाही के लिए दो अप्रैल को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है। उक्त तिथि को आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश किया जाए।"
सह आरोपी के आरोप पत्र पर लिया संज्ञान
अदालत ने हाल ही में एक अन्य सह-आरोपी रितिक उर्फ पीटर के खिलाफ पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। आम आदमी पार्टी नेता को कथित संगठित अपराध मामले में चार दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जबरन वसूली के एक मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी नेता नरेश बाल्यान 2015 और 2019 में उत्तम नगर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। 4 दिसंबर 2024 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आप नेता नरेश बाल्यान को गिरफ्तार किया था। नरेश बाल्यान के ऊपर आरोप है कि वे कुख्यात गैंगस्टर कपिल सांगवान के संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य के रूप में काम कर रहे थे। कुख्यात गैंगस्टर कपिल सांगवान हरियाणा के नफे सिंह, बल्लू पहलवान और बीजेपी नेता सुरेंद्र मटियाला की हत्या का मास्टरमाइंड माना जाता है। बाल्यान के ऊपरआरोप ये भी है कि कि बाल्यान ने सिंडिकेट के सदस्यों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी और आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे।