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Photograph: (file)
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को फैसला सुनाया कि किसी भी विधायक को निलंबित या मार्शल के जरिए सदन से बाहर किए जाने पर उसे विधानसभा परिसर पूरी तरह से खाली करना होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने यह व्यवस्था इस विवाद के बाद दी है कि क्या निलंबित विधायक विधानसभा परिसर के कुछ क्षेत्रों, जैसे लॉन और नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में रह सकते हैं या नहीं।
आतिशी की दलील, नियमवली के तहत नहीं आता परिसर
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दलील दी थी कि नियमावली के तहत, ये क्षेत्र निलंबन नियमों के दायरे में नहीं आते, जिससे विधायक परिसर के भीतर विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते थे। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 277 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि निलंबन का अभिप्राय विधानसभा परिसर से पूर्ण निष्कासन है। गुप्ता ने ऐसे मामलों में विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय के क्षेत्राधिकार को और मजबूत करते हुए कहा, ‘‘अब से, किसी भी विधायक को निलंबित या मार्शल के जरिए बाहर किए जाने पर उसे परिसर छोड़ना होगा।’’
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21 विधायकों को किया था निलंबित
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को 27 और 28 फरवरी को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। इन विधायकों को मुख्यमंत्री कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर कथित तौर पर हटाए जाने के विरोध में हाल ही में निलंबित किया गया था। आप के विधायक तस्वीर हटाने को लेकर उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा कर रहे थे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने यह कड़ाकदम उठाया।