नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली- एनसीआर के लोगों को आखिरकार गर्मी से राहत मिल ही गई। बारिश के बाद हवा में नमी बढ़ी और तापमान सामान्य से नीचे चला गया। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई गई है। बारिश के चलते कुछ स्थानों पर जलभराव की स्थिति भी बनी, लेकिन अधिकतर लोगों ने इस मौसम का आनंद उठाया। मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून पूरे देश में एक सप्ताह पहले ही पहुंच गया।
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Photograph: (Google)
2020 के बाद सबसे तेज रही मॉनसून की प्रगति
इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक देकर देशभर के लोगों को गर्मी से राहत दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल से लेकर दिल्ली तक तय समय से पहले पहुंचकर नया रिकॉर्ड बनाया है। 29 जून को दिल्ली में मानसून की आमद दर्ज की गई, जो सामान्य तिथि से 9 दिन पहले है। मानसून ने पूरे भारत में 9 दिन पहले ही अपनी पकड़ बना ली, जो 2020 के बाद सबसे तेज प्रगति मानी जा रही है।
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केरल से दिल्ली तक रिकॉर्ड रफ्तार से आया मानसून
इस साल मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया, जो कि 2009 के बाद सबसे जल्दी था। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने लो-प्रेशर सिस्टम के चलते मानसून ने तेजी पकड़ी और 29 मई तक महाराष्ट्र, मुंबई और पूर्वोत्तर भारत में बारिश शुरू हो गई। हालांकि इसके बाद 29 मई से 16 जून तक मानसून की रफ्तार थम गई, जिससे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा।
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दिल्ली में भी तय समय से पहले पहुंचा मानसून
दिल्ली में मानसून आमतौर पर 30 जून को आता है, लेकिन इस बार 29 जून को ही मानसून पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक, यह मानसून की सक्रियता और तेज गति का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती बारिश कृषि के लिहाज से फायदेमंद हो सकती है। IMD का कहना है कि शुरुआती मानसून की स्थिति संतोषजनक है, लेकिन बारिश की मात्रा और वितरण को लेकर जुलाई के पहले सप्ताह में स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून के शुरुआती सक्रिय रहने से किसानों को समय पर बुवाई में मदद मिल सकती है और जल संकट झेल रहे क्षेत्रों को भी राहत मिलने की उम्मीद है।