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7 आतंकी, 1 मिशन : गुरदासपुर पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमले की स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई?

NIA ने गुरदासपुर ग्रेनेड हमले में बड़ी सफलता हासिल की। आतंकी रिंदा समेत 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, साजिश का पर्दाफाश। विदेश से रचे गए इस आतंकी नेटवर्क का खुलासा, भारत की सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी का प्रमाण।

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Ajit Kumar Pandey
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गुरदासपुर ग्रेनेड हमले में चार्जशीट दाखिल करते हुए NIA अधिकारी, आतंकी हरविंदर सिंह @ रिंदा का चित्र | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।NIA ने गुरदासपुर पुलिस स्टेशन ग्रेनेड हमले में बड़ी सफलता हासिल की है। खूंखार आतंकी हरविंदर सिंह @ रिंदा सहित सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इस हमले के पीछे की गहरी साजिश और अंतरराष्ट्रीय तार अब बेनकाब हो चुके हैं। यह खबर न सिर्फ आपको चौंकाएगी, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी मेहनत को भी उजागर करेगी।

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पंजाब के गुरदासपुर जिले में घांके के बंगा थाना पर हुए ग्रेनेड हमले की परतें अब खुल चुकी हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस सनसनीखेज मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए खूंखार आतंकी हरविंदर सिंह @ रिंदा सहित सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह घटना सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा रची गई एक गहरी साजिश का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य भारत में अशांति फैलाना था।

कैसे हुई थी पूरी साजिश?

यह हमला 23 मार्च 2024 को हुआ था, जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी थी। NIA की जांच में सामने आया है कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के आतंकी हरविंदर सिंह @ रिंदा ने हैप्पी पासिया के इशारे पर अभिजीत सिंह को इस हमले के लिए तैयार किया था। अभिजीत सिंह को यह ग्रेनेड आर्मेनिया में बैठे शमशेर सिंह @ शेरा @ हनी के माध्यम से मिला था। यह बताता है कि कैसे विदेशी धरती से भारत के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं।

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गिरफ्तारी और खुलासे की कड़ी

NIA ने इस मामले में कुल सात आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से तीन अभी भी फरार हैं:

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फरार आरोपी: हरविंदर सिंह @ रिंदा, हैप्पी पासिया और गुरप्रीत @ गोपी।

गिरफ्तार आरोपी: कुलजीत सिंह, अभिजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह और शुभम।

इन सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह चार्जशीट 12 दिसंबर 2024 को दाखिल की गई थी, जिसके बाद यह मामला और भी स्पष्ट हो गया है।

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आतंकियों के नेटवर्क का पर्दाफाश

NIA की जांच से यह भी पता चला है कि अभिजीत सिंह, जो इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता था, को चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक लक्षित हमले से संबंधित एक अन्य मामले में भी गिरफ्तार किया गया है। आर्मेनिया से लौटने के बाद, अभिजीत सिंह ने अपने विदेशी-आधारित हैंडलर के निर्देश पर एक गिरोह बनाया और कुलजीत सिंह और अन्य सह-अभियुक्तों की भर्ती की। 9 दिसंबर 2024 को, कुलजीत सिंह ने घांके के बंगा थाना पर हमले के लिए ग्रेनेड उठाया था। यह सब एक बड़ी आतंकवादी नेटवर्क का हिस्सा था जिसे NIA ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है।

आगे क्या? भारत की सुरक्षा चुनौतियां

यह मामला एक बार फिर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारत में घुसपैठ और हमलों को अंजाम देने के प्रयासों को उजागर करता है। NIA लगातार ऐसे नेटवर्क को तोड़ने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। रिंदा जैसे आतंकी, जो विदेशों में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रचते हैं, वे हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियां उनकी हर चाल को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह घटना हमें याद दिलाती है कि सतर्कता और सहयोग ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है। ऐसे मामलों में आम जनता का सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें! 

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