Advertisment

Supreme Court का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर राहत शिविरों की समीक्षा करेगा

सुप्रीम कोर्ट के छह जजों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा करेगा, ताकि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में स्थिति का आकलन किया जा सके।

author-image
Ajit Kumar Pandey
SUPREME COURT MANIPUR

SUPREME COURT MANIPUR NEWS

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । 

Advertisment

Supreme Court के छह जजों का एक प्रतिनिधिमंडल Manipur का दौरा करेगा। यह दौरा हिंसा प्रभावित राज्य में राहत शिविरों का जायजा लेने और वहां रह रहे लोगों को कानूनी और मानवीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।  

जस्टिस बीआर गवई करेंगे नेतृत्व

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जस्टिस बीआर गवई करेंगे, जो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उनके साथ जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह शामिल होंगे।

Advertisment

मणिपुर में 3 मई, 2023 को जातीय हिंसा भड़की थी। बहुसंख्यक मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित "आदिवासी एकजुटता मार्च" के बाद हिंसा भड़की थी।

तब से, हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से कई लोगों ने राज्य भर में राहत शिविरों में शरण ली है।

नालसा की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती हिंसा के लगभग दो साल बाद भी 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और इन शिविरों में शरण ले रहे हैं।

Advertisment

जस्टिस बीआर गवई मणिपुर के सभी जिलों में विधिक सेवा शिविरों और मेडिकल शिविरों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।

यहां शुरू होंगे नए विधिक सहायता क्लीनिक

इसके अलावा, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरूल जिलों में नए विधिक सहायता क्लीनिक भी शुरू किए जाएंगे। विस्थापित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री भी वितरित की जाएगी।

Advertisment

नालसा और मणिपुर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मिलकर अब तक राहत शिविरों में विशेष विधिक सहायता क्लीनिक स्थापित किए हैं, जो विस्थापितों को सरकारी मदद और चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं।

इन पहलों का उद्देश्य विस्थापित आबादी को तत्काल सहायता प्रदान करना है, जिनमें से कई हिंसा के प्रभावों से जूझ रहे हैं।

इस मानवीय मिशन में सर्वोच्च न्यायालय की भागीदारी मणिपुर में कानूनी और मानवीय सहायता की निरंतर आवश्यकता को रेखांकित करती है।

हिंसा के बाद हजारों विस्थापित व्यक्ति कठिनाई और अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।

supreme court Manipur
Advertisment
Advertisment