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एक DM ने ओम बिड़ला का खराब किया था मूड, अब Speaker बता रहे उसे औकात

ओम बिड़ला को मसूरी जाना था। उनका स्टाफ डीएम को फोन लगाता रहा पर वो लाइन पर नहीं आए। जब बिड़ला ने सीएम से बात की तो उनका फोन आया। पर उसके बाद भी वो मसूरी एयरपोर्ट पर उनको रिसीव करने नहीं आए।

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Shailendra Gautam
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वाईवीएन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला Photograph: (Moradabad)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला आहत हैं। इसकी वजह कोई दफ्तर या घरेलू मसला नहीं है। बल्कि इसकी वजह एक District Magistrate हैं। एक ऐसा अफसर जिसने उनको आंखें दिखा दीं। लेकिन बिड़ला भी बिड़ला ही हैं। अफसर को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने पूरी कमर कस ली है। स्पीकर का दफ्तर इस समय उत्तराखंड के सीएम से लगातार संपर्क में है। सीएम से कहा जा रहा है कि डीएम को सबक सिखाओ। उसे ये बताया जाए कि उसने किससे पंगा लिया है। सारे मामले पर डीएम साहेब फिलहाल चुप हैं।

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स्पीकर का दफ्तर करता रहा फोन पर लाइन पर नहीं आए डीएम

वाकया 12 जून का है। ओम बिड़ला उत्तराखंड के मसूरी गए थे। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि वो निजी दौरे पर थे या फिर दफ्तर के काम से वहां गए थे। बिड़ला को पता था कि वो लोकसभा के स्पीकर हैं। लिहाजा उन्होंने अपने स्टाफ से कहा कि देहरादून के डीएम को फोन कर दो कि हम वहां आ रहे हैं। स्पीकर को लगता था कि डीएम उनका नाम सुनते ही अलर्ट हो जाएगा। लेकिन उनको पहला धक्का तब लगा जब स्टाफ ने बताया कि डीएम तो फोन ही नहीं उठा रहा। स्पीकर ने कहा कि उसके दफ्तर फोन लगाकर संदेश दो कि वो पलटकर फोन करे। स्टाफ ने वैसा ही किया जैसा कि साहब का फरमान था। लेकिन हद तो तब हो गई जब पलटकर फोन भी नहीं आया। डीएम का रवैया गुस्से में डालने वाला था पर स्पीकर ने खुद को रोक लिया। 

सीएम से बिड़ला ने बात की तो डीएम का आया फोन

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उत्तराखंड के सीएम को फोन लगाकर बिड़ला ने खुद कहा कि वो 12 जून को मसूरी आ रहे हैं। डीएम को फोन लगवाया था पर वो लाइन पर आ ही नहीं रहे हैं। सीएम की हिदायत के बाद डीएम ने पलटकर स्पीकर के दफ्तर से संपर्क तो साधा पर बात अनमने तरीके से की। 

बात होने के बावजूद भी बिड़ला को रिसीव करने नहीं आए डीएम

हालांकि स्पीकर का पारा चढ़ चुका था लेकिन जब डीएम का फोन आ गया तो वो शांत हो गए। पर बिड़ला को नहीं पता था कि डीएम इतनी आसानी से काबू आने वाली चीज नहीं है। वो जब मसूरी पहुंचे तो ये देखकर आवाक रह गए कि सीएम से बात करने के बावजूद भी मसूरी के एयरपोर्ट पर डीएम सवीन बंसल नहीं पहुंचे। स्पीकर को लगता था कि ये उनका प्रोटोकाल है कि डीएम उनको एयरपोर्ट पर रिसीव करे और सीआफ भी। सीआफ तो दूर की चीज थी जिसने समय तक बिड़ला मसूली रहे डीएम ने उनको बिलकुल भाव नहीं दिया।

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बिड़ला का मूड़ खराब है, वो डीएम को औकात बताए बगैर नहीं मानेंगे 

डीएम के बर्ताव से बिड़ला पहले आहत थे पर जैसे ही वो दिल्ली लौटे गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। उन्होंने अपने स्टाफ से कहा कि डीएम को उसकी औकात बताओ। उसके बाद सिलसिला शुरू हुआ डीएम की गर्दन पकड़ने का। स्पीकर दफ्तर के साथ  Ministry of Personnel को भी उनके पीछे लगा दिया गया। दोनों ही अब सीएम उत्तराखंड के पीछे लग गए हैं। कोशिशें चल रही हैं कि डीएम को उनके धरातल का एहसास कराया जाए। सीएम दफ्तर की तरफ से डीएम सवीन बंसल को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि ये केवल एक शुरुआत है। ओम बिड़ला का मूड जिस तरह से बिगड़ा हुआ है उसमें वो डीएम को उसकी औकात दिखाए बिना मानने नहीं जा रहे।

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